नई दिल्ली :– इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने योगगुरु बाबा रामदेव के विवादित बयानों के विरोध में 18 जून को देशभर में विरोध प्रदर्शन दिवस मनाने का फैसला किया है। साथ ही उन्होंने कहा कि इस महामारी में डॉक्टर मरीजों का ईलाज करेंगे , लेकिन काली पट्टी बांधकर काम करेंगे , साथ ही अस्पतालों के बाहर बोर्ड लगाया जाएगा , जिसमे लिखा होगा कि डॉक्टर प्रोटेस्ट पर है।
आईएमए की कार्यकारिणी समिति ने सभी पहलुओं पर विचार करने और डॉक्टरों की चिंता, नाराजगी एवं एकजुटता प्रदर्शित करने के तहत यह विरोध प्रदर्शन आयोजित करेगा और ‘योद्धाओं की रक्षा करो’ नारे के साथ चिकित्सा पेशे से जुड़े डॉक्टरों एवं कर्मियों पर हमले रोकने की मांग करेगा।
समिति ने फैसला किया है कि आईएमए की सभी शाखाओं द्वारा देशभर में 15 जून को नेशनल डिमांड डे और प्रेस वार्ता आयोजित की जाएगी और साथ ही स्वास्थ्यकर्मियों के विरोध में श्वेत पत्र जारी किया जाएगा।
आईएमए के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेए जयालाल ने कहा, ‘आईएमए अपने उन सभी 724 योद्धाओं को श्रद्धांजलि देता हूँ , जिन्होंने महामारी की दूसरी लहर के दौरान अपनी शहादत दी है। हमारे डॉक्टर 724 योद्धाओं की जान गंवा देने के बावजूद समर्पण भाव से स्वास्थ्य सेवा देते आ रहे हैं और कई डॉक्टर संक्रमित भी हो चुके हैं।
योगगुरु रामदेव ने पहले तो डॉक्टरों का अपमान किया और अब कह रहे हैं कि डॉक्टर देवदूत हैं। वह खुद टीका लगवाने की भी बात कर रहे हैं , लेकिन हमारे डॉक्टरों के खिलाफ उनके बयान और जबानी हिंसा से हम बहुत आहत हुए हैं, इसे हम भुला नहीं सकते।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का तहेदिल से आभार व्यक्त करते हैं कि उन्होंने स्पष्ट कह दिया है कि टीकाकरण के खिलाफ कोई भी कार्रवाई देश को नुकसान पहुंचाएगी। हम उनसे इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति नहीं होने देने की अपील करते हैं।
आईएमए के महासचिव डॉ. जयेश एम लेले ने कहा, ‘पिछले दो सप्ताह के अंदर असम, बिहार, पश्चिम बंगाल, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक और कई अन्य जगहों पर डॉक्टरों पर हिंसा की कई घटनाएं हो चुकी हैं। कई डॉक्टरों की हड्डियां भी टूटीं और कई गंभीर रूप से घायल भी हुए हैं। महिला डॉक्टरों के साथ भी गाली—गलौच और हिंसक घटनाएं हुई हैं। आईएमए प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और संबंधित राज्यों के मुख्यमंत्रियों से अपील करता है कि स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं को तत्काल सुरक्षा मुहैया कराई जाए।
हम उनसे केंद्रीय अस्पताल और हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स सुरक्षा अधिनियम में आईपीसी की धारा और आपराधिक गतिविधि संहिता शामिल करने की अपील करते हैं। प्रत्येक अस्पताल की सुरक्षा के मानक बढ़ाने, अस्पतालों को सुरक्षित क्षेत्र घोषित करने, दोषियों के खिलाफ फास्ट—ट्रैक अदालत में सुनवाई और उन्हें सख्त से सख्त सजा दिलाने के प्रावधान की अपील करते हैं।
हिंसा के खिलाफ देशभर में विरोध प्रदर्शित करने के लिए डॉक्टर काला बिल्ला, काले झंडे, काले मास्क, काली रिबन, काली शर्ट पहनकर नाराजगी प्रकट करेंगे। यह विरोध प्रदर्शन कार्यस्थलों और आईएमए बिल्डिंग के प्रमुख केंद्रों और अस्पतालों में मनाया जाएगा।
विरोध प्रदर्शन के बाद सामूहिक रूप से प्रधानमंत्री को ज्ञापन भेजा जाएगा। इसके बाद सोशल मीडिया और प्रिंट मीडिया के साथ संवाददाता सम्मेलन भी आयोजित किया जाएगा। जब तक हमारी ये सभी मांगें पूरी नहीं हो जातीं, हमारा आंदोलन जारी रहेगा।