नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले केंद्रीय बजट 2019 में सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों पर सरकारी कर्मचारियों की लंबित मांगों के बारे में कोई नई घोषणा नहीं की गई थी। सातवें वेतन आयोग के तहत सरकारी कर्मचारियों ने बुनियादी न्यूनतम वेतन में 8,000 रुपये की बढ़ोतरी की सिफारिश की थी।
केंद्र सरकार के कर्मचारियों ने फिटमेंट फैक्टर में वृद्धि और 26,000 रुपये के एक निश्चित मूल न्यूनतम वेतन की मांग की थी। भले ही बजट में उनके लिए कोई घोषणा ना की गई हो लेकिन उन्हें अब चिंता करने की जरूरत नहीं है।
अब एक रिपोर्ट के अनुसार यह अनुमान लगाया जा रहा है कि जुलाई 2019 के अंत तक महंगाई भत्ते में 5 प्रतिशत की वृद्धि हो सकती है. यह भी कहा जा रहा है कि सरकार ने केवल इसे ध्यान में रखते हुए बजट में कोई घोषणा नहीं की।
ऑल इंडिया ऑडिट एंड अकाउंट्स एसोसिएशन के पूर्व सचिव और सहायक सचिव, हरिशंकर तिवारी के हवाले से मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि महंगाई भत्ते यानि डीए में 5 प्रतिशत की बढ़ोतरी की संभावना है।
लेकिन जून 2019 के लिए सीपीआई के आंकड़ों का अभी भी इंतजार है इसलिए इस डीए में वृद्धि की जानकारी अभी आधिकारिक नहीं है। यदि सरकार ने डीए में बढ़ोतरी करने का फैसला किया, तो यह 17 प्रतिशत होगा. ये 2016 के बाद सबसे अधिक वृद्धि होगी।