केंद्र सरकार द्वारा कार्ड भुगतान पर लाभ देने को कैट का समर्थन कार्ड मशीन की सुलभ उपलब्धता एवं कार्ड भुगतान पर लेवी हटाने से मिलेगा बढ़ावा

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व्यापारियों के शिखर संगठन कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने केंद्र सरकार के वित्त मंत्रालय द्वारा देश में क्रेडिट और डेबिट कार्डके इस्तेमाल को बढ़ावा देने की दृष्टि से लोगों को कर में छूट एवं अन्य रियायतों देने के कैबिनेट प्रस्ताव का समर्थन किया है !कैट के राष्ट्रीयमहामंत्री श्री प्रवीन खण्डेलवाल ने इसे एक बड़ा कदम बताया है और कहा है की सरकार की यह नीति देश में नकद रहित व्यवस्था बनाने में मीलका पत्थर साबित होगी !

 कैट ने मास्टरकार्ड के साथ मिलकर इस मुद्दे पर एक राष्ट्रीय अभियान चालू किया हुआ है जिसमें देश भर के व्यापारियों को कार्ड भुगतान से लेनेऔर देने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है !मास्टर योर कार्ड के नाम से चलाये जा रहे इस अभियान में देश भर में व्यापारियों को बताया जारहा है की कार्ड भुगतान से किस तरह उनके व्यापार में वृद्धि हो सकती हैकैट एवं मास्टरकार्ड का यह महत्वाकांक्षी अभियान बड़े पैमाने पर देशभर में चलाये जाने की योजना है ! यदि व्यापारियों को सरकार सुविधाएँ दे तो देश भर का व्यापारिक समुदाय भुगतान को अपनाने के लिएतैयार है !

 कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री बी.सी.भरतिया ने कहा की भुगतान पर लगने वाली फीस और चार्जेज पर छूट एवं भुगतान पर रियायतें, डेबिट याक्रेडिट कार्ड से भुगतान करने पर खर्चों में आयकर की छूट तथा पेट्रोल, गैस एवं रेल टिकट कार्ड भुगतान से लेने पर चार्जेज में छूट जैसी रियायतोंसे निश्चित रूप से देश में भुगतान को बल मिलेगा !

 श्री भरतिया एवं श्री खण्डेलवाल ने कहा की भुगतान का ज्यादा से ज्यादा उपयोग हो, इस हेतु सरकार को कार्ड मशीन पर से इम्पोर्ट ड्यूटी मेंछूट देनी चाहिए एवं साथ ही कार्ड मशीन अपने देश में ही बने, इस ओर भी ठोस प्रयास करने आवश्यक हैं !उन्होंने यह भी कहा है की कार्डभुगतान को बढ़ावा देने के लिए बैंकों द्वारा लिए जाने वाले ट्रांसक्शन चार्ज को आगामी कुछ वर्षों के लिए स्थगित किया जाए ! आम तौर परडेबिट कार्ड से भुगतान होने पर बैंक लगभग 1 % एवं क्रेडिट कार्ड से भुगतान होने पर लगभग 2 % कॉस्टलेते हैं जो कार्ड भुगतान कोहतोत्साहित करता है

 दोनों व्यापारी नेताओं ने कहा की सरकार को सब्सिडी देकर कार्ड मशीन प्रत्येक प्रतिष्ठान पर उपलब्ध कराने की नीति को बनाना चाहिए !अगरकार्ड मशीन ही नहीं होंगी तो भुगतान के लिए कार्ड का उपयोग असंभव है ! कैट ने यह भी कहा की व्यापारियों द्वारा वैट कर का भुगतान अगरकार्ड से किया जाए तो उस पर भी कर में छूट दिए जाने से प्रोत्साहन बढ़ेगा !

 श्री भरतिया एवं श्री खण्डेलवाल ने कहा की भारत मुख्यत: एक नकद आधारित अर्थव्यवस्था है जिसमें लगभग 70 हजार करोड़ रुपये केव्यक्तिगत उपभोग खर्च में से केवल 5 % खर्च ही कार्ड भुगतान से होता है ! देश में लगभग 5 करोड़ डेबिट कार्ड है जिसमें से लगभग 1 करोड़डेबिट कार्ड वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री जनधन योजना से जुड़े हैं लेकिन फिर भी नकद भुगतान बेहद मजबूत है क्योंकि अधिकांशत : कार्ड एटीएमसे पैसा निकलवाने के उपयोग में लिए जाते हैं ! देश में 10 बार कार्ड के उपयोग में से केवल एक बार ही कार्ड कुछ खरीदने के लिए इस्तेमाल होताहै! भारत में करेंसी का जी डीपी में अनुपात सबसे ज्यादा 12 .5 % है जबकि रूस में यह 11 .9 %, ब्राज़ील में 4 .1 % एवं मेक्सिको में 5 .7 %प्रतिशत है !

 कार्ड से भुगतान की अर्थव्यवस्था के लिए उपयोगिता तभी है जब कार्ड नकद निकलवाने के बजाय सामान खरीदने के लिए ज्यादा इस्तेमाल होओर तभी यह खरीद की श्रंखला में लगे लोगों के लिए ज्यादा लाभदायक होगा ! कार्ड के इस्तेमाल से जहाँ लेनदेन में तेजी आएगी वहीँ पैसा लोगों की जेब में होकर बैंक खातों में होगा! इसके साथ ही व्यापारी अपने ग्राहकों का लेखा जोखा भी रख सकेंगे और सारी व्यवस्था पारदर्शी भीरहेगी और फोन अथवा इंटरनेट पर आसानी से सामान भी ख़रीदा जा सकेगा ! सरकार को भी कार्ड के इस्तेमाल से अनेक लाभ होंगे

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