New Delhi (31/12/2021): पूरी दुनिया और हिंदुस्तान में कोरोना ने एक बार फिर से दस्तक दे दिया है जिससे लोग काफी परेशान हैं। राजधानी दिल्ली में भी लगातार कोरोना के केस बढ़ रहे हैं। राजधानी दिल्ली में बढ़ते कोरोना के केस को देखते हुए येलो अलर्ट जारी किया गया है। जिसके अंतर्गत राजधानी दिल्ली में नाइट कर्फ्यू के साथ-साथ सख्त पाबंदीयां लगी हुई है। राजधानी दिल्ली में रात को 10:00 बजे से सुबह 5:00 बजे तक नाइट कर्फ्यू लगा हुआ है। डीटीसी बसों में 50% यात्रियों को अनुमति दी जा रही है, मेट्रो में एक डब्बे में मात्र 25 यात्रियों को सफर करने की इजाजत डीएमआरसी ने दी है।
दिल्ली में दुकानों को ऑड ईवेन के तर्ज पर खोला जा रहा है जिससे व्यापारी वर्ग काफी परेशान है। इसी मुद्दे पर टेन न्यूज़ ने दिल्ली के खान मार्केट लीडर एसोसिएशन के प्रेसिडेंट संजीव मेहरा से बातचीत की। संजीव मेहरा ने कहा की बहुत मुश्किल समय है, मार्केट की स्थिति काफी खराब है। कमाने और खाने के लिए बहुत सोचना पड़ रहा है क्योंकि बाजार में ना तो लोग खरीदारी करने आ रहे हैं और जिस तरीके से दुकानों को बंद करने का फैसला सरकार ने लिया है इससे जो छोटे छोटे व्यापारी हैं वह परेशान है। इसका असर रेहड़ी पटरी वालों पर काफी पड़ा है।
संजीव मेहरा ने कहा कि नाइट कर्फ्यू का जो एडवाइजरी सरकार ने जारी किया है उसको चैलेंज करना गलत होगा, लेकिन हर कोई कह रहा है कि नाइट कर्फ्यू से कोरोना पर कैसे अंकुश लगेगा। दिल्ली सरकार ने जो नाइट कर्फ्यू लगाया है इसका उद्द्येश क्या है यह किसी को समझ में नहीं आ रहा है। सरकार का जो नाइट कर्फ्यू का फैसला है वो थोड़ा सा अटपटा है और इससे उनको क्या फायदा होगा यह भी समझ से परे है।
टेन न्यूज़ ने सवाल किया कि जो नाइट कर्फ्यू लगाया गया है क्या इसके चलते दिन में मार्केट में बहुत भीड़ देखने को मिल रही है। इस पर जवाब देते हुए संजीव मेहरा ने कहा कि मार्केट में लोग दिन में ही खरीदारी करने आते हैं क्योंकि मार्केट रात के 8:30 से 9:00 के बीच बंद हो जाता है। रेस्टोरेंट्स को 50% कैपेसिटी के साथ खोलने की इजाजत दी है जिसकी वजह से वहां पर भीड़ इकट्ठा हो रही है, तो क्या इससे कोरोना नहीं बढ़ेगा, क्या सिर्फ मार्केट की वजह से कोरोना बढ़ेगा। संजीव मेहरा ने सरकार से सवाल किया कि रेस्टोरेंट को 50% कैपेसिटी के साथ ऑपरेट करने कि इजाजत दी गई है तो दुकान पर ऑड ईवेन क्यों लगा दिया गया है। मेहरा ने कहा कि मार्केट में जो लोग आते हैं वह 2 मिनट में खरीदारी कर चले जाते हैं, लेकिन रेस्टोरेंट में जो बैठकर खाना खाते हैं क्या उससे कोरोना नहीं बढ़ेगा।
संजीव मेहरा ने सरकार से मांग की कि ऑड ईवेन को तत्काल बंद किया जाए, नाइट कर्फ्यू के अंदर दुकानों को खोलने की समय सीमा बढ़ाई जाए, और रेहड़ी पटरी वाले लोगों को बंद पड़े स्कूल या खाली ग्राउंड में ले जाकर बसाया जाए जिससे मार्केट में भीड़ कम होगी। मार्केट के लिए जो वेंडिंग पॉलिसी आई हुई है उसका पालन करते हुए फिर से 50 या 100 मीटर की दूरी पर उन्हें जगह प्रोवाइड करनी चाहिए। अभी तक इस पर कोई फैसला नहीं लिया गया है, कोर्ट से भी जो जवाब आया है वह सराहनीय नहीं है। रेहड़ी पटरी वाले जब मार्केट में स्टॉल लगाते हैं, हॉकर जब अपनी दुकानें लगाते हैं तो मार्केट में भी भीड़ बढ़ती है। रेहड़ी पटरी वालों के कारण जो मार्केट में भीड़ बढ़ रही है इससे मार्केट पर बुरा असर पड़ रहा है।
संजीव मेहरा ने कहा कि हिंदुस्तान की अर्थव्यवस्था पटरी पर आ गई थी, पूरी दुनिया ने कोरोना में जिस मुश्किल हालातों को झेला है वो सब ने देखा। भारत की अर्थव्यवस्था पटरी पर आने लगी थी पर अब वो फिर से चरमराती हुई दिखने लगी है। इन हालातों से निपटने के लिए सबसे पहले सरकार को स्टेटमेंट सोच समझ कर देना होगा, सरकार जो आर्डर देती है उसकी पहले समीक्षा की जाए।
संजीव मेहरा ने कहा कि सरकार के ऑर्डर से पढ़े-लिखे कस्टमर काफी प्रभावित होते हैं, जिससे दिल्ली के खान मार्केट कनॉट प्लेस और कई ऐसे मार्केट है जिस पर इसका बहुत असर पड़ता है। हाल ही में हालात सुधरने लगे थे, ऐसे में सरकार को सबसे पहले मार्केट एसोसिएशन के पदाधिकारियों के साथ बैठक करनी चाहिए थी। इसके बाद कोई निर्णय अगर सरकार लेती तो शायद मार्केट के हालात आज सही होते।
संजीव मेहरा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि देश में छोटे-छोटे कंटेंटमेंट जोन बनने चाहिए लेकिन सरकार एक ही बार में सारे चीजों को बंद करना चाहती है, यह गलत है। हम सरकार से मांग करते हैं कि हमारे साथ सरकार के अधिकारी बैठे, बातचीत करें, अपनी समस्याओं को सुनाएं, हम उनकी समस्याओं को सुनेंगे, तब कोई आगे निर्णय लिया जाता है तो वह मार्केट के लिए सही होगा।
संजीव मेहरा ने कहा कि दिल्ली में शराब की दुकानें खुली हुई है और मार्केट को बंद कर दिया गया ह। क्योंकि सरकार को शराब की दुकानों से टैक्स आता है उनकी कमाई होती है। नई शराब आबकारी नीति के तहत दिल्ली सरकार ने 10000 करोड़ में शराब की दुकानों को खोलने का जो लाइसेंस दिया उससे सरकार को राजस्व मिल रहा है। शायद इसलिए सरकार बाकी चीजों को बंद कर रही है लेकिन शराब के ठेकों को बंद नहीं कर रही है। संजीव मेहरा ने कहा कि दुकान वालों की कोई नहीं सुन रहा है। हमें बिजली का बिल देना होता है, पानी का बिल देना होता है, स्टाफ को सैलरी देनी होती है और कमाई है नहीं, कम से कम सरकार को इन चीजों में छूट देनी चाहिए।