मनोज तिवारी ने आम आदमी पार्टी पर लगाया जातीय – धार्मिक भावनाएँ भड़काने का आरोप, इस्तीफों पर उठाए सवाल

ROHIT SHARMA

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दिल्ली  :– दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष मनोज तिवारी ने प्रेस वार्ता करते हुए आप पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधा । उनका आरोप है कि आम आदमी पार्टी राजनीतिक लाभ के लिए राजनीति के स्तर को किसी भी हद तक गिराने को तत्पर रहती है, चाहे जातीयता का खेल खेलना हो या फिर धार्मिक भावनाओं को भड़काने का अरविन्द केजरीवाल अग्रणी रहते हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि यह खेद का विषय है कि जो लोग परिवर्तन की राजनीति के नाम पर सत्ता में आये थे वह आज देश की राजधानी में जातीय विष घोलने एवं धार्मिक उनमाद फैलाने का प्रयास कर रहे हैं।

मनोज तिवारी ने कहा कि आम आदमी पार्टी पर दिल्ली में कभी सिखों, कभी मुसलमानों तो कभी ईसाईयों की धार्मिक भावनाओं को भड़काने का खेल खेलती रही है। दिल्ली में ईसाई चर्चों की बेदबी हो, पंजाब में गुरु ग्रंथ साहिब से बेदबी हो या बवाना उपचुनाव में मुस्लिम धु्रवीकरण की अपील इन सभी में आम आदमी पार्टी के नेताओं की भूमिका सामने आती रही है पर केजरीवाल दल के जात-पात के गंदे खेल का जो स्वरूप सामने आया है वह निंदनीय है।

वही मनोज तिवारी ने कहा कि कल दिल्ली एवं देश ने देखा की आम आदमी पार्टी की एक महिला नेता अतिशि ने अपना अब तक का जातीय उपनाम हटाया तो एक दूसरे संस्थापक नेता आशुतोष ने बताया किस तरह 2014 के लोकसभा चुनाव से पूर्व उन्हे उनकी जाति सार्वजानिक करने को बाध्य किया गया। बताया जाता है की अतिशि का जातीय उपनाम एक अल्पसंख्यक नाम है और केजरीवाल दल को लगता है कि उनका उपनाम उन्हें राजनीतिक नुकसान दे सकता है अतः अब तक का उनका सार्वजनिक जातीय उपनाम कल हटाने को बाध्य किया गया।

वहीं दूसरी ओर पार्टी के एक संस्थापक नेता आशुतोष ने कल सार्वजनिक किया कि किस तरह 2014 के लोकसभा चुनाव का नामांकन करते वक्त अपनी वैश्य जाति उपनाम गुप्ता उपयोग करने के लिये बाध्य किया गया। उन्होने कल कहा कि वह 3 दशक से जाति नहीं लिखते थे पर राजनीति में आने के बाद केजरीवाल दल ने उन्हें बाध्य किया।

वही मनोज तिवारी ने कहा कि दिल्ली ने केजरीवाल दल के गंदे राजनीतिक जातीय एवं धार्मिक भावनाऐं भड़काने के खेल का जो रूप देखा है उसने दिल्ली वालों को सारे देश के सामने शर्मसार किया है। भाजपा इसकी निंदा करती है और अरविन्द केजरीवाल को चेतावनी देती ही है कि वह देश की राजधानी के समाजिक, धार्मिक, राजनीतिक वातावरण को दूषित करने से बाज आयें अन्यथा आगामी चुनावों में इसकी भारी कीमत चुकाने को तैयार रहें।

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