बढ़ाई जा रही है मेडिकल सुविधाएं , लोगों को रहना होगा सतर्क : नरेंद्र भूषण, कोविड -19 प्रभारी
टेन न्यूज़ नेटवर्क द्वारा आयोजित परिचर्चा
नोएडा :– देश में कोरोना का कहर जारी है , गौतमबुद्ध नगर की बात करे तो रोजाना 1 हज़ार से ज्यादा लोग संक्रमित हो रहे है | जिसके चलते गौतमबुद्ध नगर के स्वास्थ्य विभाग , जिला प्रशासन और उत्तर प्रदेश सरकार की चिंता बढ़ने लगी है | जिस तरह गौतमबुद्ध नगर में बेड बढ़ाए जा रहे है , उसी रफ्तार में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ती जा रही है |
खासबात यह है की अब इस महामारी में कालाबाज़ारी भी शुरू हो गई है , जिसके चलते लोगों को मेडिकल सुविधा नहीं मिल पा रही है | वही इन तमाम मामलों को लेकर टेन न्यूज़ नेटवर्क ने परिचर्चा का आयोजन किया , जिसका विषय “गौतमबुद्ध नगर में कोरोना से संघर्ष” रहा | वही इस परिचर्चा में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ व गौतमबुद्ध नगर के कोविड-19 प्रभारी नरेंद्र भूषण , ग्रेटर नोएडा के बिमेटक संस्थान के निदेशक डॉ हरिवंश चतुर्वेदी , एल्डेको ग्रीन मीडोज की अध्यक्ष प्रोफ सुमिता वैद दीक्षित , मैनेजमेंट प्रोफेसर एवं कोरोना से ग्रसित डॉ रुद्रेश पांडेय , टेन न्यूज़ नेटवर्क के पीआरओ एवं कोरोना से ग्रसित सुनील द्विवेदी शामिल हुए |
वही इस परिचर्चा का संचालन एमिटी विश्वविद्यालय के प्रोफेसर विवेक कुमार ने किया , वही इस परिचर्चा में गौतमबुद्ध नगर के कोविड 19 प्रभारी नरेंद्र भूषण ने मैनेजमेंट प्रोफेसर एवं कोरोना से ग्रसित डॉ रुद्रेश पांडेय , टेन न्यूज़ नेटवर्क के पीआरओ एवं कोरोना से ग्रसित सुनील द्विवेदी के प्रश्नों का जवाब दिया , साथ ही परिचर्चा के दौरान आए तमाम प्रश्नों का जवाब नरेंद्र भूषण द्वारा दिए गए | शुरुआत में प्रोफेसर विवेक कुमार ने कहा गौतमबुद्ध नगर में कोरोना के बढ़ते मामले को लेकर हमने दो हफ्ता पहले पर चर्चा की थी , जिसमें बहुत से महत्वपूर्ण बिंदु निकल कर सामने आए , हमने देखा की दो हफ्ता पहले जिन विषयों पर चर्चा की गई , वह प्राधिकरण और जिला प्रशासन द्वारा कार्य किए गए , मतलब आईसीयू बेड और कोविड केयर सेंटर की संख्या बढ़ाई गई , प्रशासन द्वारा हेल्पलाइन नंबर जारी भी किया गया, जिसके माध्यम से कौनसा बेड खाली है , कौन से अस्पताल में खाली है , उसका विवरण लोगों तक पहुंचाया गया है | साथ ही तमाम जानकारी मरीजों के परिजनों को दी जा रही है , जो काफी ज्यादा सराहनीय है |
प्रोफेसर विवेक कुमार ने कहा की यह देखा जा रहा है कि गौतमबुद्ध नगर में हजार से ऊपर लोग संक्रमित हो रहे हैं , जो बड़ा चिंताजनक का विषय है | आखिरकार जितनी प्राधिकरण-प्रशासन सुविधाएं बढ़ाए जा रहा है , उतना ही संक्रमितों की संख्या बढ़ती जा रही है |
प्रोफेसर विवेक कुमार ने कहा की देखा गया है कि बहुत से मरीजों को ऑक्सीजन की सख्त जरूरत होती है , अगर ऑक्सीजन उस सही समय पर नहीं मिलता , तो उसकी मृत्यु भी होती है , जिसका खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है , हमें ऑक्सीजन सप्लाई चैन को दुरुस्त करने की जरूरत है ,अगर ऑक्सीजन सप्लाई चैन दुरुस्त होगी , तो सही समय पर अस्पतालों को ऑक्सीजन मिलेगी और बहुत से मरीजों की जान बच सकती है | गौतमबुद्ध नगर जिले में अगर कोई व्यक्ति ऑक्सीजन सिलेंडर रिफिलिंग कराना चाहता है , तो यह सुविधा इस जिले में नहीं है | जिसके चलते मरीजों के परिजनों का मनोबल बहुत ज्यादा टूट जाता है | जो प्रशासन द्वारा बेड की जानकारी के लिए नंबर जारी किया गया है , उस हेल्पलाइन के माध्यम से बहुत से कम लोगों को बेड मिल पा रहा है | मतलब सिंगल डिजिट में लोगों को बेड मिल रहे हैं, हम समझ सकते हैं कि बहुत बड़ा गैप है , जब कोरोना की शुरुआत हुई थी गौतमबुद्ध नगर में तब प्रशासन ने 2500 बेड की व्यवस्था की थी , लेकिन अब दूसरी लहर की बात की जाए तो 4 हजार से ज्यादा बेड की व्यवस्था है , फिर भी बेड को लेकर मारामारी चल रही है |
जिस तरह संक्रमितों की संख्या बढ़ती जा रही है , उस हिसाब से प्रशासन बेड उपलब्ध नहीं कर पा रहा है । उन्होंने कहा कि अगर दो विषयों पर ध्यान दिया जाए कि एक ऑक्सीजन और दूसरा बेड की व्यवस्था पर , ये जो पैनिक फैल रहा है , वो नही फैलेगा।
साथ ही उन्होंने कहा कि टेस्टिंग और ट्रेसिंग पर भी ध्यान देना जरूरी है , क्योंकि संकमण की चेन को तोड़ना बहुत जरूरी है। साथ ही उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन सिलिंडर जिसके पास है , उस व्यक्ति को प्रशासन के पास जानकारी देनी चाहिए । अगर किसी व्यक्ति को ऑक्सीजन सिलेंडर की जरूरत नही है , उसके पास यह सुविधा है। दूसरे व्यक्ति को इसकी सख्त जरूरत है तो प्रशासन द्वारा पहले व्यक्ति से सम्पर्क कर दूसरे व्यक्ति को सिलेंडर की व्यवस्था की जाए। ऐसे तमाम विषयों पर ध्यान दिया जाए तो पैनिक को फैलने से रोका जा सकता है |
डॉ हरिवंश चतुर्वेदी ने कहा कि जिस तरह कोरोना महामारी में कालाबाज़ारी चल रही है , वो गौतमबुद्ध नगर में नही दिखाई दे रहा है , जिसका श्रेय गौतमबुद्ध नगर के जिला प्रशासन और कोविड 19 प्रभारी नरेंद्र भूषण को जाएगा। साथ ही उन्होंने कहा कि अभी कोरोना पीक पर नही पहुँचा है , अगले कुछ हफ़्तों में कोरोना पीक पर होगा , अभी हमारे पास समय है , जिसमे प्रशासन और कोविड 19 प्रभारी को जिले में ऑक्सीजन और बेड समेत तमाम मेडिकल संसाधन को बढ़ाना होगा , अगर इस समय मे मेडिकल संसाधन नही बढ़ाया गया , तो स्थिति और ज्यादा भयानक हो जाएगी। मेडिकल कॉलेज के एमबीबीएस के 3 ईयर और फोर्थ ईयर के छात्रों की सेवा हमे लेनी चाहिए , क्योंकि आने वाले समय मे मेडिकल स्टाफ की बहुत ज्यादा जरूरत है। हॉस्पिटल से ज्यादा लोग अपने घर मे रहकर ईलाज कर रहे है , लेकिन उन्हें कैसे अपना इलाज करना है वो सलाह डॉक्टर से लेना चाहते है , अगर डॉक्टर लगातार कोविड मरीज से सम्पर्क करते रहेंगे तो मरीज को अस्पताल तक जाने की नौबत नही आएगी। साथ ही उन्होंने कहा कि जो मरीज होम आइसोलेट में है , उसके लिए ऑक्सीजन सिलिंडर की व्यवस्था होनी चाहिए। हमारे बिमेटक संस्था में 50 बेड का कोविड केयर सेंटर बनाया गया , लेकिन हमारे पास ऑक्सीजन कॉन्सेन्ट्रेटर नही है , साथ ही ऑक्सीजन सिलेंडर नही है। हमने सोचा कि ऑक्सीजन कॉन्सेन्ट्रेटर को खरीद ले , लेकिन कालाबाज़ारी होने के कारण मेडीकल सामान नही मिल रहा है।
डॉ हरिवंश चतुर्वेदी ने कहा की होम आइसोलेट वालों को ऑक्सीजन कॉन्सेन्ट्रेटर की बहुत सख्त जरूरत होती है , अगर ऑक्सीजन कॉन्सेन्ट्रेटर होगा तो 25 लोगों को ऑक्सीजन मिल जाएगा , इसलिए में चाहता हूँ कि जिला प्रशासन और कोविड 19 प्रभारी नरेंद्र भूषण इस मामले को संज्ञान में लें , बिमेटक इंस्टीट्यूट ऑक्सीजन कॉन्सेन्ट्रेटर को खरीदने के लिए तैयार है , जिसका प्रस्ताव जिला अधिकारी और कोविड 19 प्रभारी को भेज दिया है।
साथ ही उन्होंने कहा कि पहले जब कोविड शुरुआत हुई थी , लॉकडाउन की बजह से लोगों को हालात खराब हो गई थी , खाने के लिए राशन नही था , तब जिला प्रशासन और कोविड 19 प्रभारी ने तमाम एनजीओ , शिक्षक संस्थाओं के साथ मिलकर उस समस्या का निस्तारण किया था , लेकिन इस बार वो कमी दिख रही है , जिसके चलते बहुत से मजदूर भूखे सो रहे है। में चाहता हूँ कि फिर से ऐसी व्यवस्था शुरू होनी चाहिए , हमारे पास ऐसी मशीन है जो 2 घण्टे में 10 हज़ार लोगों के लिए रोटी बना सकते है , हम उसके लिए तैयार है , लेकिन बाटने का काम प्राधिकरण को करना होगा।
नरेंद्र भूषण के कहा कि कोरोना की दूसरी लहर के लगभग 3 से 4 फीचर है , इस बार का कोरोना बहुत तेजी से फैल रहा है , गौतमबुद्ध नगर में रोजाना 1 हज़ार से ज्यादा लोग संक्रमित हो रहे है , वजह यह है की कोरोना का प्रकोप बहुत तेजी से फैला है। उन्होंने कहा कि पहली लहर के मुताबिक अगर एक व्यक्ति को कोरोना होता था , वो व्यक्ति 20 लोगों के सम्पर्क में रहा , तो उसमें से 5 लोगों संक्रमित होते थे , लेकिन इस बार की लहर में 20 में से 18 लोग संक्रमित हो रहे है , जिससे साफ हो जाता है की कोरोना की दूसरी लहर कितनी घातक है।
साथ ही उन्होंने कहा की इस बार का वायरस फेफड़ों को नुकसान कर रहा है , जिसके चलते लोगों को ऑक्सीजन की दिक्कतें आ रही है। सबसे ज्यादा चिंताजनक का विषय यह है कि ये युवाओं को सबसे ज्यादा इफ़ेक्ट कर रहा है , क्योंकि युवा नौकरी , व्यापार कर रहा हैं । साथ ही उन्होंने कहा की ऑक्सीजन बेड की संख्या को बढ़ाने के लिए काम किया जा रहा है , व्यवस्था को मजबूत किया जा रहा है , मेडिकल स्टाफ को बढ़ाया गया है , कालाबाज़ारी को रोकने के लिए पुलिस प्रशासन काम कर रहा है | मरीजों को किसी प्रकार की असुविधा और बेड की कमी न हो, इसका विशेष खयाल रखने के आदेश दिए। आरडब्ल्यूए के पदाधिकारियों के जरिये जिले के निवासियों से अनुरोध किया है कि वह खुद कोरोना का संक्रमण फैलने से रोकने के लिए पहल करें। उनका सहयोग बहुत जरूरी है। कम से कम एक महीने हम सभी को इन बातों का ध्यान रखना है।
नरेंद्र भूषण ने कहा की ऑक्सीजन आपूर्ति का ऑडिट कराने का फैसला लिया है। वहीं, किसी भी स्थिति से निपटने के लिए 1000 बेड तैयार करने की भी बात कही है। करीब 10 दिन से जिले में ऑक्सीजन का संकट गहराया है। ऑक्सीजन के लिए हाहाकार मचा है। लोग ऑक्सीजन व अस्पताल में भर्ती होने के लिए चक्कर काट रहे हैं। दूसरे जिले व प्रदेशों के वेंडरों ने अस्पतालों में ऑक्सीजन आपूर्ति बंद कर दी है। इससे संकट और गहरा गया है।
इस स्थिति में ऑक्सीजन की कालाबाजारी की संभावना भी है। नोडल अधिकारी ने जिलाधिकारी, पुलिस, प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को विभिन्न अस्पतालों को मुहैया कराई जा रही ऑक्सीजन व खपत का आंकलन कर ऑडिट कराने के लिए कहा है।
हमने सबसे पहले यहां की स्ट्रेटेजी को समझा. जिला प्रशासन के सभी अधिकारियों के साथ तीनों अथॉरिटी के सीईओ जिसमें मैं खुद भी हूं बैठकर स्ट्रेटेजी को आगे बढ़ाया. जिले में सबसे पहले आइसोलेशन और क्वारंटीन फैसिलिटी की व्यवस्था की. इसके लिए मैन पावर, पीपीई किट, एन-95 मास्क और अन्य चीजों की व्यवस्था की. हमने कोरोना को लेकर पांच टाइम पीरियड का प्लान तैयार किया |
पहला सप्ताह इमीडिएट एंड अर्जेंट, दूसरा सप्ताह नियर इमीडिएट, तीसरा सप्ताह अप्रैल महीने के खत्म होने का प्लान, चौथा मई के खत्म होने पर और पांचवा सप्ताह जून के खत्म होने पर क्या व्यवस्था होनी चाहिए. इन पांच बातों को ध्यान में रख कर ही हमने भविष्य का प्लान तैयार किया है. इसमें कितने आइसोलेशन वार्ड, कितने क्वरांटीन सेंटर बनाए जाएं. क्या हमारे पास मैन पावर या पीपीई किट और दवाईयों की उपल्बधता को ख्याल रख कर प्लान तैयार किया गया. रोज रात आठ बजे सभी अधिकारी बैठते हैं और जिस किसी भी चीज की जरूरत होती है उसको तुरंत ही हम लोग मिल कर उपलब्ध कराते हैं |
कोई अगर कोरोना पॉजिटिव पाया जाता है तो उसके बाद से उसके संपर्क में आए लोगों को खोजने के लिए सर्विलांस एक्टिविटी बड़े पैमाने पर शुरू करते हैं. अगले दिन हम इलाके में टीमें भेजते हैं. एक टीम 50 लोगों को कवर करती है. इस टीम में दो हेल्थ वर्कर, एक-दो तहसील का कर्मचारी या किसी अन्य विभाग के कर्मचारी के साथ पुलिस की भी टीम होती है. यह सर्विलांस टीम आस-पास के 50 घरों को कवर करते हैं. यह एक टीम के द्वारा किया जाता है. इस तरह की 600 टीमें हमारे पास उपलब्ध हैं. ये टीम लोगों को चिन्हित करती है और लक्षणों का पता करती है |
सभी व्यक्तियों के लिए आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई हमने सुनिश्चित की है. दूध, फल, सब्जी और मेडिसिन की व्यवस्था की है. दिहाड़ी मजदूरों के लिए भी हमने बड़े स्तर पर खाने का प्रबंध किया है. कम्यूनिटी किचन चला कर, निजी संस्थानों और एनजीओ की मदद से हम लगभग 60 हजार पैकेट नोएडा अथॉरिटी के द्वारा, 40 हजार ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के द्वारा और इस तरह के लगभग एक लाख पैकेट हर रोज गरीब मजदूरों में बांट रहे हैं |
हमने ई-कॉमर्स कंपनियों के डिलीवरी बॉय को होम डिलेवरी करने की इजाजत दी है. हमने शील्ड एरिया में भी स्थानीय लोगों को चिन्हित कर कोशिश की है कि 25 लोग एकत्रित न हों. मेरा मकसद है कि एक वॉलेंटियर 25 घरों के सामने जा कर जरूरी सामान की सप्लाई करे. जो एरिया सील नहीं है वहां भी जरूरी सामान लेने वालों के लिए सर्कल बनाई गई है और वो उसका पालन कर जरूरी सामान खरीद रहे हैं | नरेंद्र भूषण ने कहा लोगों को रहना होगा सतर्क , तभी हम कोरोना को हरा पाएँगे।
वही परिचर्चा के अंत में प्रोफेसर विवेक कुमार ने कोविड-19 प्रभारी नरेंद्र भूषण , बिमटेक संस्थान के निदेशक डॉ हरिवंश चतुर्वेदी , एल्डेको ग्रीन मीडोज की अध्यक्ष प्रोफ सुमिता वैद दीक्षित , मैनेजमेंट प्रोफेसर एवं कोरोना से ग्रसित डॉ रुद्रेश पांडेय , टेन न्यूज़ नेटवर्क के पीआरओ एवं कोरोना से ग्रसित सुनील द्विवेदी समेत परिचर्चा को सुनने वाले गणमान्य लोगों को धन्यवाद ज्ञापित किया | साथ ही उन्होंने कहा की इस महत्वपूर्ण परिचर्चा में अहम बिंदु निकलकर आए है , जो आने वाले समय में कोरोना को हराने के लिए कारगर साबित होंगे |