क्या मेन्यूफेकचरिंग और निर्माण सेक्टर मंदी की ओर जा रहा है

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डॉ आर एस राय
दिसंबर में आये मेन्यूफेकचरिंग Purchasing Managers’ Index (PMI) जो की मेन्यूफेकचरिंग सेक्टर की सेहत का एक मत्वपूर्ण संकेतक है, उसके आंकड़े एक भयावह चित्र खींच रहे हैं, PMI नवम्बर में 52.3 था जो की गिरकर दिसंबर में 49.6 हो गया, ये वर्ष 2016 की मेन्यूफेकचरिंग सेक्टर की सबसे धीमी वृद्धि है. उधर यदि हम सीमेंट और स्टील के आंकड़ों पर नजर डालें तो साफ़ साफ़ संकेत मिलता है की निर्माण क्षेत्र पर मंदी छा गयी है.
ऑटोमोबाइल क्षेत्र में भी चिंताजनक आंकड़े आ रहे हैं, खासकर के टू-व्हीलर के आकंडे अर्थव्यवस्था में प्रगति का एक मत्वपूर्ण संकेत देते हैं, भारत के सबसे बड़ी मोटर साइकिल निर्माता कंपनी हीरो ने दिसंबर माह में अपनी बिक्री में 34 प्रतिशत की कमी दर्ज करायी है एवं बजाज ने 22 प्रतिशत की कमी दर्ज की है, इसी प्रकार फोर-व्हीलर की श्रेणी में मारुती और उसकी निकटतम प्रतिद्वंदी हुंडई इत्यादि के बिक्री आंकड़े भी उत्साहजनक नहीं हैं.
कुल मिला कर सरकार के लिए ये निश्चित ही चिंता का सबब होना चाहिए, चूँकि ये आंकड़े तो मात्र संगठित क्षेत्र के हैं और अब नुकसान तो हो चूका है, अब तो इस स्तिथि से अर्थव्यवस्था को उबारने के प्रयास शुरू करने होंगे.
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