नोएडा बॉटेनिक गार्डन से सेक्टर-148 के बीच सबसे पहले दौड़ेगी मेट्रो
ROHIT SHARMA
नोएडा-ग्रेटर नोएडा मेट्रो के घाटे को खत्म करने के लिए सबसे पहले सेक्टर-148 से बॉटेनिक गार्डन के बीच मेट्रो चलेगी। उसके बाद ग्रेनो वेस्ट व डिपो से बोड़ाकी के बीच मेट्रो ट्रैक का निर्माण होगा। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के इस सुझाव पर औद्योगिक विकास विभाग के अधिकारी भी सहमत हैं।
दरअसल, नोएडा-ग्रेटर नोएडा मेट्रो से हर माह करीब 12 करोड़ रुपये का घाटा हो रहा है। नोएडा-ग्रेटर नोएडा मेट्रो करीब नौ माह पहले शुरू हुई। पहले ही दिन से उम्मीद से कम ही यात्री मिले। जब से यह मेट्रो शुरू हुई है तब से अब तक के नौ माह में करीब 12 करोड़ रुपये की आमदनी हुई है, जबकि संचालन खर्च हर माह आमदनी से काफी ज्यादा है। इसकी भरपाई नोएडा-ग्रेटर नोएडा कर रहे हैं, लेकिन प्राधिकरणों की वित्तीय स्थिति बिगड़ रही है।
खासबात यह है कि लंबे समय तक इस तरह के घाटे की भरपाई कर पाना मुश्किल है। यात्रियों की संख्या बढ़ाने पर भी जोर है। वह तभी होगा जब नोएडा-ग्रेनो मेट्रो की कनेक्टिविटी सीधे दिल्ली से हो। मौजूदा रूट सेक्टर-51 से शुरू होता है। दिल्ली से सिटी सेंटर होकर सेक्टर-62 तक जाने वाली मेट्रो का स्टेशन सेक्टर-52 है। वहां से निकलकर सवारियों को कॉरिडोर से पैदल इस रूट तक जाना पड़ता है। सेक्टर-51 से डिपो तक सफर करने में करीब एक घंटा लग जाता है , किराया भी 50 रुपये के करीब है, जबकि इससे कम समय में नोएडा-ग्रेटर नोएडा बस सेवा यात्रियों को पहुंचा देती है और किराया भी कम लगता है।
इस वजह से नोएडा-ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने तय किया है कि सबसे पहले सेक्टर-148 से बॉटेनिक गार्डन तक की मेट्रो बना दी जाए। सेक्टर-71 से ग्रेनो वेस्ट और डिपो से बोड़ाकी तक की मेट्रो बाद में बनेगी। लखनऊ से लिखित अनुमति मिलते ही इसकी डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) और टेंडर प्रक्रिया आगे बढ़ेगी।
वही दूसरी तरफ नोएडा के सेक्टर-71 से ग्रेटर नोएडा वेस्ट के नॉलेज पार्क फाइव तक करीब 15 किलोमीटर लंबे मेट्रो रूट को दो हिस्सों में बांटा गया है। पहले चरण में सेक्टर-71 से ग्रेनो वेस्ट के सेक्टर दो तक मेट्रो प्रस्तावित है। यह 9.155 किलोमीटर लंबा ट्रैक होगा। इसे बनाने में करीब 1521 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसमें ग्रेटर नोएडा को 235 करोड़ रुपये देने होंगे। बाकी रकम करीब 1286 करोड़ रुपये नोएडा और भारत सरकार से प्राप्त होगी।
दूसरे चरण में ग्रेनो वेस्ट के सेक्टर दो से नॉलेज पार्क फाइव तक का रूट होगा। दोनों चरणों के बन जाने पर इस रूट की कुल लंबाई 14.958 किलोमीटर होगी।
नोएडा सेक्टर-148 से बॉटेनिक गार्डन
इस रूट की कुल लंबाई करीब 11 किलोमीटर होगी। छह से सात मेट्रो स्टेशन होंगे, जिनमें सेक्टर-94, 125, 98, 108, 91, 142 व 148 शामिल हैं। इसकी डीपीआर भी बनी हुई है। इस रूट के बनने से दिल्ली से सीधी कनेक्टिविटी हो जाएगी। यात्रियों का समय और किराया बचेगा। इससे लोग सफर करेंगे।
डिपो से बोड़ाकी मेट्रो
नोएडा-ग्रेनो मेट्रो रूट के आखिरी स्टेशन डिपो से बोड़ाकी तक की लंबाई करीब तीन किलोमीटर है। इसके बीच दो से तीन मेट्रो स्टेशन होंगे। इसकी डीपीआर तैयार कराने की एनएमआरसी को जिम्मेदारी दी गई है।
‘आप मंजूरी दें पैसे का इंतजाम प्राधिकरण कर लेंगे’
ग्रेनो प्राधिकरण के तीनों मेट्रो रूट को बनाने में करीब तीन हजार करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। मेट्रो को बनाने में सबसे बड़ी अड़चन पैसे को लेकर आ रही है। इसीलिए शासन से इन रूटों पर हरी झंडी मिलने में देरी हो रही है। ग्रेनो प्राधिकरण की तरफ से कहा गया है कि आप मेट्रो को मंजूरी दे दें, प्रदेश सरकार से मिलने वाली रकम भी दोनों प्राधिकरण मिलकर जुटा लेंगे। शासन को नहीं देना पड़ेगा। इस दावे के बाद शासन में इन रूटों को बनवाने पर विचार शुरू हो गया है।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ नरेंद्र भूषण शासन के समक्ष तीनों रूटों को रखा गया है। सबसे पहले नोएडा-ग्रेनो मेट्रो के घाटे को दूर करने की जरूरत है। इसीलिए सेक्टर-148 से बॉटेनिक गार्डन के बीच सीधी कनेक्टिविटी बहुत जरूरी है , बाकी दोनों रूट भी बनाए जाएंगे।