नोएडा के मानस गंगा क्लिनिक ने की खोज , बहुत अधिक चंचल और शरारती बच्चे हो सकते है एडीएचडी के शिकार
Rohit Sharma (Photo/Video) By Lokesh Goswami Ten News
अटेंशन डेफिसिट हाईप्रक्टिविरी डिसऑर्डर ( एडीएचडी) बहुत ही सामान्य बाल मानसिक विकार है। जिसके कारण बच्चों में एकाग्रता की कमी हो जाती है । दरअसल वे बहुत अधिक चंचल एवम शरारती हो जाते है , जिसके कारण बच्चों के मानसिक विकास एवं उनकी कार्य छमता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
जिसको लेकर विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस की पूर्व संध्या पर नोएडा के मानस गंगा क्लिनिक में आयोजित प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया । जिसमें वरिष्ठ मनोचिकित्सक डॉ मनु तिवारी ने कहा कि अटेंशन डेफिसिट हाईप्रक्टिविरी डिसऑर्डर का इलाज असान है ।
जरूरत इस बात की है कि ऐसे बच्चे की सही समय पर पहचान हो और उसे इलाज के लिए मनोचिकित्सक के पास लाए जाए । साथ ही उनका कहना है कि माता पिता को चाहिए कि अगर उन्हें अपने बच्चे में एडीएचडी के लक्षण दिखे तो वे बच्चों के साथ डॉट- डपट करने या बच्चे की शरारत की अनदेखी करने के बजाए मनोचिकित्सक से परामर्श करे और अपने बच्चे को ठीक होने का मौका दे।
गौरतलब है कि डेफिसिट हाईप्रक्टिविरी डिसऑर्डर के बारे में जागरूकता कायम करने के लिए उद्देश्य से कल विश्व (एडीएचडी ) माह के रूप में मनाया जाता है | उन्होंने बताया कि नोएडा में मानस गंगा क्लिनिक ने अब तक इस समस्या से ग्रस्त सैकड़ों बच्चों को ठीक होने में मदद की है | मानस गंगा क्लिनिक का लक्ष्य है कि समाज में इस बीमारी के प्रति जागरूकता आए और इस समस्या से ग्रस्त बच्चे को इलाज के लिए मनो चिकित्सक के पास लाया जा सके ताकि बच्चे अपनी पूरी क्षमता को हासिल कर सके |
डॉ मनु तिवारी ने बताया कि इस समस्या के कारण बच्चों में आत्मविश्वास की कमी हो सकती है | बच्चों को उदासीनता और चिड़चिड़ापन जैसी समस्या हो सकती हैं और बच्चे की कार्य क्षमता प्रभावित हो सकती है इसलिए बच्चे का समय पर इलाज कराना चाहिए |