नोएडा : नेफोवा संस्था कर रही है ऑक्सीजन की कमी को दूर, हरिद्वार से रिफिल करवाकर ला रही है सिलेंडर

Ten News Network

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नोएडा :– कोरोना महामारी में सेक्टर और अपार्टमेंट के निवासी खुद अपार्टमेंट के अंदर ऑक्सिजन की सुविधा रख रहे है , जिससे आपर्टमेंट समेत सेक्टरों के निवासियों को ऑक्सीजन की जरूरत पड़े तो इसका इस्तेमाल किया जा सके, क्योंकि ऑक्सीजन की किल्लत सभी लोग देख रहे है। वही इस कड़ी में नेफोवा संस्था भी लगातार काम कर रही है , जो नोएडा समेत ग्रेटर नोएडा के निवासी सराहा रहे है।

 

आपको बता दें कि नेफोवा सदस्यों ने आज ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सहयोग से ग्रेनो वेस्ट की सोसाइटियों में ऑक्सीजन की कमी दूर करने के लिए 48 खाली सिलिंडरों से भरे ट्रक को हरिद्वार से ऑक्सीजन भरवाने हेतु रवाना किया।

 

वही इस मामले में नेफोवा संस्था के उपाध्यक्ष मनीष कुमार ने टेन न्यूज़ को बताया कि कोरोना की इस दूसरे लहर में ऑक्सीजन की डिमांड बहुत ज्यादा बढ़ गयी है। इलाज के दौरान मरीज अस्पताल में हो या होम आइसोलेशन में, ऑक्सीजन लेवल कम होने पर सभी जगह ऑक्सीजन चाहिए।

 

इन सबके बीच जिला प्रशासन ने अस्पतालों में सुचारु रूप से ऑक्सीजन की सप्लाई बनाए रखने के लिए जनपद के सभी ऑक्सीजन उत्पादकों को अस्पतालों के अलावा किसी अन्य की ऑक्सीजन देने की मना कर दिया है। इससे आम जनता जिनके परिवार में कोई बीमार है और ऑक्सीजन चाहिए उन्हें दर दर की ठोकरे खानी पड़ रही और ऑक्सीजन की उपलब्धता के लिए निकटवर्ती जिलों पर निर्भर हैं।

 

नेफोवा संस्था के उपाध्यक्ष मनीष कुमार ने बताया कि प्राधिकरण के सीईओ नरेंद्र भूषण ने जिले में आरडब्ल्यूए , एओए और सोसाइटियों में ऑक्सीजन संकट दूर करने के बारे में बताया कि हरिद्वार से ऑक्सीजन सिलिंडर भरवा कर लाया जा सकता है और विभिन्न सोसाइटियों के आरडब्ल्यूए और एओए को भरे हुए सिलिंडर दिए जा सकते हैं। इसी प्रस्ताव पर काम करते हुए प्राधिकरण के सहयोग से आज नेफोवा सदस्यों ने 48 खाली सिलिंडरों से भरे ट्रक को हरिद्वार से ऑक्सीजन भरवाने हेतु रवाना किया।

 

 

साथ ही उन्होंने बताया कि इस प्रस्ताव पर काम करने के लिए एक टीम बनाई गई है , जो ग्रेनो वेस्ट के अधिकांश सोसाइटियों में एओए पदाधिकारियों या वहां के एस्टेट मैनेजर से संपर्क कर उनकी अभी की ऑक्सीजन सिलिंडर भरवाने में समस्याओं के बारे में जाना और इस प्रस्ताव के बारे में बताया जिसमे ऑक्सीजन की लागत के साथ साथ ट्रांसपोर्टेशन के खर्चे और लगने वाले टाइम के बारे में बताया गया। सभी लोगों ने एक सुर में इस प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी।

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