मोदी राज में दिल्ली के किसान हुए तबाह
Saurabh Shrivastava Tennews
दिल्ली देहात के जागरूक किसान रघुबीर सिंह, मेहर सिंह, अनूप सिंह, ओमप्रकाश का कहना है कि धान की किस्म 1121 भारतीय कृषि अनुसंधान के कृषि वैज्ञानिकों की सलाह से उगाई थी ताकि बेहतर उत्पादन हो सके पर मच्छर, होपर और दीमक ने सब चट कर दिया। मंहगी दवाईयां भी फेल हो गई। ऐसी फसल के कीमत मंडियों में आधे के आधे मिले। सब्जी उगाने में रोक लगा रखी है। क्योंकि यहां का पानी जहरीला बताते है। परन्तु यहां की केन्द्र सरकार और दिल्ली सरकार ने 30 सितम्बर 2016 को 250 सी.आर.पी.एफ. और 200 के करीब दिल्ली पुलिस फोर्स एवं 50 के लगभग एन.डी.एम.सी. की टीमों ने बेला गांव के किसान देवराज पप्पू की 15 बीघा खड़ी तैयार फूलों की फसल पर बुलडोजर चलवा कर नष्ट कर दिया। जिसमें 12 बीघा फसल केवल गुलाब के फूलों की थी जिसका कीमती दुर्लभ बीज यू.पी. मैनपुरी से मंगवाया गया था और 3 बीघा पर केवल गेंदा था। इन्होंने पेय जल का एकमात्र स्रोत पानी के नल भी बरमें भी उखाड़ दिये। कोर्ट आर्डर दिखाने पर भी इन्हें डंडों से मारा पीटा गया। मोदी के स्वच्छ अभियान में मिले पैसे से कई किसानों के बनाये शौचालयों को भी मलियामेट कर दिया। इतना ही नहीं इनके बुल्डोंजर चलाने वाले 2 नाबालिग ड्राईवरों ने जिन्हांने ने शराब पी रखी थी आपस में झगड़कर जब एक खंबें को टक्कर मार दी और वह सीधे किसानों के परिवार के 2 बच्चां पर गिर गया जिससे एक का हाथ टूटा और दूसरे का माथा। इन किसानों का मुआवजा तो दूर की बात, कहीं सुंनवाई नहीं होती। एक किसान जो उस समय अपने परिवार के साथ खेत पर गया था उसकी मीना नामक बेटी अकेली घर पर थी तो उसका आम, अनार, पपीता, जामुन, कटहल, अमरूदों का बगीचा पूरी तरह नष्ट कर दिया। पेड़ उखाड़ दिये गये। वे अकेली कुछ नहीं कर पाई। किसी तरह यह खबर लोगों तक पहुंची तो किसानों ने फोर्स पर पत्थर चलाने शुरू किये तो फोर्स भाग खड़ी हुई। लेकिन उस किसान का घर और बाग तो बर्बाद हो चुका था। गन्ने की खड़ी फसल भी इन्होंने बुलडोजर चला कर नष्ट कर दी। ये वो किसान है जिन्होंने 1912 से अंग्रेजों के जमाने से यहां खेती की है। उसके लगान भरे हैं। हर 3-4 महीनों के अन्तराल पर आ जाते है और इनकी फसल बर्बाद कर के चले जाते हैं इन्हें कोई कुछ नहीं कहता ना कोर्ट ना पुलिस, ना दिल्ली प्रशासन और ना ही केन्द्र प्रशासन। किसानों का कहना है कि हमें किसी साजिश के तहत बर्बाद किया जा रहा है खासकर दिल्ली में। दिल्ली में ही किसानों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है जबकि अन्य राज्यों में किसानों को समय से बेहतर सुविधाएं दी जा रही हैं। यहां के किसानों को बिजली, पानी, कृषि यंत्र, बीज, खाद पर सब्सिडी नहीं दी जा रही है ताकि किसान परेशान व मजबूर होकर कृषि छोड़ दे और उनकी अरबों खरबां की जमीन सस्ती दरों पर सरकार भूमि का अधिग्रहण कर सकें।