निर्मलेन्द्र काव्य सृजन मंच ने साहित्यिक , सांस्कृतिक और सम्मान समारोह का किया आयोजन

Ten News Network

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नई दिल्ली :– निर्मलेन्द्र काव्य सृजन मंच , साहित्यिक-सामाजिक-सांस्कृतिक संस्था ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में साहित्यिक , सांस्कृतिक और सम्मान समारोह का किया आयोजन।

खासबात यह है कि इस कार्यक्रम में दिव्यांग लोगों को राष्ट्रीय दिव्यांग समर्था सम्मान से सम्मानित किया गया , ये वो लोग है जिन्होंने साहित्यिक-सामाजिक-सांस्कृतिक क्षेत्र में अपना योगदान दिया , साथ ही अपने नाम के साथ देश का भी नाम रोशन किया । बता दे कि जिन सभी को सम्मानित किया गया है , वो सभी दिव्यांग महिलाएं है , जिन्होंने कड़ी परिश्रम करके लोगों की सेवा , सहित्य और संस्कृति में अपना योगदान दिया। पूजा अग्रवाल (राष्ट्रीय राइफल शूटर), एकता भावन(राष्ट्रीय पैरा एथलीट), गुरु अल्पना नायक(मशहूर उडीसी नृत्यांगना), रेखा देवी (राष्ट्रीय एथलीट) , आरुषि गंभीर (छात्र कार्यकर्ता और ब्लॉगर), प्रिया भार्गव (मिस व्हीलचेयर इंडिया), तारुषी शुक्ला (चिकित्सा जगत), कमलेश (खेल जगत), आशा (कंप्यूटर ऑपरेटर), सुवर्णा राज (अंतरराष्ट्रीय पैरा एथलीट), सुशीला चौहान (मशहूर गायक), निधि मिश्रा (असिस्टेंट प्रोफेसर एथलीट), अंजलि ग्रोवर (विशिष्ट समाजसेवी),लक्ष्मी करियारे (शिक्षिका ) अमिता रवि दुबे (साहित्य क्षेत्र), गायत्री शर्मा (बिजनेसमैन वूमेन) चंद्रा गौतम (फैशन जगत), सोनी प्रजापति (समाजसेवी) , सरिता शर्मा (कैंसर वॉरियर्स, मशहूर कवित्री) को इस कार्यक्रम में अवार्ड देकर सम्मानित किया गया ।

वही दूसरी तरफ इस कार्यक्रम में मशहूर लेखिका डॉ संगीता शर्मा अधिकारी की तीन महत्वपूर्ण पुस्तकों का विमोचन भी किया , जिसमे उन्होंने महत्वपूर्ण अपने विचार लिखें । वही इन पुस्तकों का नाम :- लॉकडाउन टाइम , संवाद के पुल , देश जिंदा रहें है।

वही इस कार्यक्रम में मुख्य अथिति के रूप में निदेशिका , मशहूर निर्माता और लेखिका डॉ रामा पांडेय शामिल हुई , साथ ही उन्होंने सभी दिव्यांग महिलाएं , जिन्होंने कड़ी परिश्रम करके लोगों की सेवा , सहित्य और संस्कृति में अपना योगदान दिया , उन सभी को राष्ट्रीय दिव्यांग समर्था सम्मान से सम्मानित किया ।

डॉ संगीता शर्मा अधिकारी ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस इसलिए मनाया जाता है की राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक विकास में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए ये दिन मनाया जाता है। साथ ही, इस दिन लोगों को लैंगिक समानता व महिलाओं के अधिकारों को लेकर जागरुक भी किया जाता है। सन् 1996 में संयुक्त राष्ट्र संघ ने पहली बार अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस को एक खास थीम के साथ मनाना शुरू किया।उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया आठ मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाती है , इस दिन को सम्पूर्ण विश्व की महिलाएं देश, जात-पात, भाषा, राजनीतिक, सांस्कृतिक भेदभाव से परे एकजुट होकर मनाती हैं. इस दिन का प्रचलन बीते सालों से लगातार बढ़ा है। साथ ही उन्होंने कहा कि जहां भारत में पहले महिलाएं अपने हक में कम ही बोलती थी, वहीं आज इक्कीसवीं सदी की स्त्री ने स्वयं की शक्ति को पहचान लिया है और काफी हद तक अपने अधिकारों के लिए लड़ना सीख लिया है. आज ही महिलाओं ने साबित कर लिया है वह हर क्षेत्र में अपना नाम बनाने में सक्षम हैं।

वही इस कार्यक्रम में महिलाओं द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम किए गए , साथ ही महिला कलाकारों द्वारा कथक नृत्य किया गया , जिसको दर्शकों ने खूब सरहाया ।

साथ ही इस कार्यक्रम को लेकर आध्यात्मिक गुरू मंजुला सक्सेना ने कहा कि आज विश्व महिला दिवस के उपलक्ष्य पर पंकज अग्रवाल के सहयोग से डॉ संगीता शर्मा अधिकारी ने यह कार्यक्रम का आयोजन किया , इस कार्यक्रम में जिन दिव्यांग महिलाओं ने अपने नाम के साथ साथ देश का नाम रोशन किया , उन्हें आज अवार्ड देकर सम्मानित किया गया , बहुत ही अद्धभुत कार्यक्रम रहा , इस कार्यक्रम से बहुत सी महिलाएं जागरूक भी हुई है , जिन्होंने आज ठान लिया है वो भी कुछ करके दिखाएंगे।

Nirmalendra Kavya Srijan Manch | Women’s Day | Photo highlights

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