नई दिल्ली :– केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने एक बार फिर महाराष्ट्र सरकार को घेरा , साथ ही उन्होंने गम्भीर आरोप भी लगाए। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने प्रेस वार्ता में कहा कि महाराष्ट्र में जो हो रहा वो ‘विकास’ नहीं ‘वसूली’ है।
उन्होंने कहा कि भारत के इतिहास में ये पहली बार हुआ कि किसी पुलिस कमिश्नर ने लिखा कि राज्य के गृह मंत्री ने मुंबई से 100 करोड़ रुपये महीना वसूली का टार्गेट तय किया है। जब एक मंत्री का टार्गेट 100 करोड़ रुपये है, तो बाकी के मंत्रियों का कितना होगा?
पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कुछ दस्तावेजों के साथ कहा है कि ट्रांसफर और पोस्टिंग के नाम पर भी वसूली चल रही थी। वो भी छोटे मोटे ऑफिसर्स की ही नहीं बल्कि बड़े बड़े आईपीएस ऑफिसर्स की भी।
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि महाराष्ट्र जैसे राज्य में बड़े अधिकारियों की पोस्टिंग में वसूली हो रही है, तो हमें लगा मुख्यमंत्री कार्रवाई करेंगे ,लेकिन दोषियों के खिलाफ कार्रवाई के बजाय, एक ईमानदारी महिला अधिकारी को सिविल डिफेंस का डीजीपी बना दिया।
उन्होंने कहा कि सचिन वाजे सस्पेंडेड था, करीब 15-16 वर्षों तक, वो शिवसेना का सदस्य बनता है। उसे कोरोना काल में रीइंस्टेट करते हैं। उसके बाद उन्हें ही 100 करोड़ वसूली का टार्गेट दिया जाता है। एक उद्योगपति के घर के सामने जो गाड़ी मिली है, उसकी एनआईए जांच कर रही है, उस गाड़ी का तथाकथित मालिक मृत पाया जाता है, तो उसकी जांच को क्यों रोका जा रहा है?
उन्होंने कहा कि मैं शरद पवार से कहना चाहूंगा कि आप कृपया देश को बताएं कि गलत तथ्यों के आधार पर आपको महाराष्ट्र के गृहमंत्री को क्यों डिफेंड करना पड़ा?
आपको बता दें कि केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बीते रविवार को भी मुंबई के पुलिस अधिकारी सचिन वाजे को लेकर चल रहे विवाद की बाहरी एजेंसी से स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच कराने की मांग की थी। प्रसाद ने आश्चर्य जताते हुए कहा कि वाजे ‘महज सहायक निरीक्षक हैं’ और उनका बचाव विधानसभा के अंदर और बाहर खुद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे कर रहे हैं।