NOIDA BJP LEADER NAWAB SINGH NAGAR SAYS NOIDA SHOULD HAVE MUNICIPAL CORPORATION NOW

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अब खत्म हो चुका है नोएडा प्राधिकरण का कामः नवाब सिंह नागर

-ललित मिश्र-
नोएडा। नवीन ओखला औद्योगिक विकास प्राधिकरण जिसे नोएडा के संक्षिप्त नाम से पुकारते है, की स्थापना के 39 वर्ष 17 अप्रैल को पूरे हो रहे है। प्राधिकरण के प्रयासों से नोएडा का चहुमुखी विकास हुआ है लेकिन समस्याएं भी विकराल रूप ले चुकी है। भृष्टाचार ने शहर को पूरी तरह अपनी चपेट में ले रखा है। बेबस जनता आन्दोलन कर चीखती और चिल्लाती रह जाती है। 40वें वर्ष में प्रवेश करने पर क्या खोया क्या पाया और समस्यओं के समाधन को लेकर शहर के प्रमुख लोगों से चर्चा की जा रही है। पूर्व मंत्री एवं विधायक, वरिष्ठ भजपा नेता नवाब सिंह नागर से मुलाकात की। विस्तार से हुई वार्ता के प्रमुख अंशः

नोएडा के विकास से आप संतुष्ट है?

निःसंदेह नोएडा ने चार दशको में अमूचूल विकास किया है। विकास के साथ- साथ समस्याओं में भी इजाफा हुआ है। प्राधिकरण में व्याप्त भृष्टाचार सबसे बड़ी समस्या है। विकास को देख कर जहां संतुष्टी होती है वहीं कुव्यवस्था को लेकर मन कुंठित हो जाता है और आन्दोलन करने पड़ते है।

नोएडा की प्रमुख समस्याएं क्या है?

भृष्टाचार के अलावा किसान, मजदूर, की समस्या लंबे समय से लंबित है। डीएनडी, यमुना एक्सप्रेस वे टोल टैक्स की समस्या ने गम्भ्ीर रूप ले चुकी है। पर्यावरण के साथ- साथ यातायात बहुत बड़ी समस्या है। समय रहते इस पर काबू नहीं किया गया तो आने वाले समय में मुश्किलें और भी बढ़ जाएंगी। एलिवेटिड रोड, अण्डर पास एवं ओवर ब्रिज एवं बृहद स्तर पर पार्किंग बनाने की आवश्यकता है। बदनीयति से बिल्डरों को बढ़वा देने से उपभेक्ताओं की समस्या विकराल हो गयी है। महंगी शिक्षा व चिकित्सा आम नगरिको की पहुंच से दूर हो रही है। जन सुविधा के नाम पर कुछ सैक्टर को छोड़ कर अधिकांश गांव व सैक्टरों में पेय जल पीने की बात तो दूर नहाने योग्य भी नहीं है।

क्या प्राधिकरण अपने मूल उद्देश्य से भटक चुका है?

वास्तव में प्राधिकरण को जो काम करना था वह अब पूरा कर लिया है। अब यहां औद्योगिक विकास नही हो रहा है। यहां महानगर पालिका बननी चहिये जिसमें जनता की भगीदारी हो और चुने हुए जनप्रतिनिधियों की जिम्मेदारी बने।

सैक्टर व गांव वालों के साथ- साथ प्राधिकरण ने अपने छः हजार अस्थाई मजदूरों की पहचान छुपाई है। इनके वारे में आपका क्या कहना है?

सैक्टर वाले न तो ग्रामीण क्षेत्र में आते है और नाहीं उन्हैं शहरी क्षेत्र का दर्जा मिला है, इसका समाधान महानगर पालिका बनने से हो जायेगा। अस्थाई सभी मजदूरों को स्थाई कर देना चाहिये। जब तक नहीं होते है उन्हें श्रम कानून के तहत पूरा लाभ देना चाहिये। प्राधिकरण को उनकी जिन्दगी से खिलवाड़ करने को बचना चहिये

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