Good News: सीजन में पहली बार नोएडा-ग्रेटर नोएडा 10 सबसे प्रदूषित शहरों की सूची से बाहर
ABHISHEK SHARMA
भले ही जिले में हवा गुणवत्ता सूचकांक खराब श्रेणी में हो, लेकिन नोएडा व ग्रेटर नोएडा देश के सबसे प्रदूषित 10 शहरों की सूची से बाहर हो गया है। ग्रेप (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान) के तहत लागू प्रतिबंधों का अनुपालन कराने के लिए हो रही कार्रवाई का असर अब साफ दिख रहा है।
दीवाली से पूर्व शहर का एक्यूआइ 400 के पार था, जो अब 250 से 300 के बीच है। कुछ दिन पहले ये 150 से भी कम हो गया था। हालांकि, हवा की दिशा बदलने के बाद फिर प्रदूषण के स्तर में बढ़ोतरी शुरू है। रविवार को ग्रेटर नोएडा का एक्यूआइ 273 व नोएडा का 268 दर्ज हुआ है।
उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, रविवार को ग्रेटर नोएडा देश के सबसे प्रदूषित शहरों में 14वें स्थान पर रहा। वहीं नोएडा इससे भी काफी नीचे पहुंच गया है। हालांकि शनिवार के मुकाबले रविवार को नोएडा का एक्यूआइ 35 और ग्रेटर नोएडा का एक्यूआइ 47 अंक ज्यादा रहा है।
दिनभर अच्छी धूप निकलने से जहां लोगों को बड़ी राहत मिली, वहीं शाम को धुंध बढ़ने से परेशानी भी हुई। यह सांस व अस्थमा रोगियों के लिए भी खतरे का कारण बन सकती है। इसके अलावा आंखों की रोशनी पर भी बुरा प्रभाव पड़ सकता है।
प्रदूषण न सिर्फ सांस व आंख, बल्कि शरीर के कवच यानी त्वचा को भी प्रभावित करता है। इससे त्वचा कैंसर होने का भी खतरा है। जिला अस्पताल की सीएमएस डॉ.रेनू अग्रवाल का कहना है कि वायु प्रदूषण से बचने के लिए मास्क का प्रयोग जरूरी है।