केंद्रीय मंत्री ब्लैकमेलिंग मामले में नोएडा पुलिस को मिली बड़ी सफ़लता, मुख्य साजिशकर्ता गिरफ़्तार

ROHIT SHARMA / ABHISHEK SHARMA

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नोएडा  :– केंद्रीय मंत्री डॉ महेश शर्मा को ब्लैकमेलिंग करने के मामले में पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है । एसएसपी गौतमबुद्धनगर वैभव कृष्ण ने प्रेस वार्ता करते हुए बताया कि पुलिस ने ब्लैकमेलिंग के मुख्य आरोपी आलोक कुमार और उसकी साथी निशा को नोएडा क्राइम ब्रांच की स्वाट-2 ओर सेक्टर 20 थाने की पुलिस ने कोलकाता में थाना क्षेत्र न्यू मार्केट के होटल रीगल से 2 मई को गिरफ्तार किया है | साथ ही पूछताछ के लिए कोलकाता के न्यायालय मेट्रोपोलिटेन मजिस्ट्रेट से 72 घण्टे की ट्रांजिट रिमांड पर यहां पर लाया गया है ।

साथ ही उनका कहना है की आज गिरफ्तार किए गए दोनों अभियुक्तों को जिला न्यायालय में पेश किया गया और उन्हें पुलिस कस्टडी रिमांड पर भी लिया जाएगा ताकि उनसे आगे की पूछताछ की जा सके। एसएसपी ने बताया कि पूछताछ में कई बड़े राज खुलने की आशंका है । इन लोगों ने चैनल की आड़ में कई बड़े लोगो का स्टिंग किया है ।



आपको बता दे की आलोक बंद हो चुके प्रतिनिधि चैनल का मालिक है। लोकसभा चुनाव में डॉ महेश शर्मा को प्रचार में मदद करने के बहाने अन्य आरोपितों के साथ मिलकर उसने एक स्टिंग का वीडियो बना लिया था।

इस वीडियो को लेकर पूर्व पत्रकार नीशू को कैलाश अस्पताल में डॉ महेश शर्मा के पास 22 अप्रैल को भेजा था। इस दौरान केंद्रीय मंत्री की सूचना पर पहुंची पुलिस ने नीशू को गिरफ्तार कर लिया था। तभी से आलोक फरार था। नीशू से 7 दिन रिमांड पर लेकर पूछताछ हुई थी। अब कोतवाली सेक्टर 20 पुलिस ने आलोक को गिरफ्तार कर लिया है।

मुख्य आरोपित की गिरफ्तारी के बाद अब भी अन्य आरोपित खालिद और एक अन्य युवती फरार हैं। माना जा रहा है कि आलोक की गिरफ्तारी के बाद ब्लैकमेलिंग के पीछे की कहानी का पर्दाफाश किया सकता है। पुलिस के अनुसार नीशू ने पूछताछ में चार-पांच प्रभावशाली मंत्रियों का स्टिंग करने का दावा किया था। पुलिस युवती से उनका वीडियो हासिल करना चाहती है, लेकिन अभी तक सफलता नहीं मिली है।

दरअसल 22 अप्रैल को पुलिस ने सेक्टर 27 स्थित कैलाश अस्पताल से केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा को ब्लैकमेल करने की कोशिश करने वाली पूर्व पत्रकार नीशू को गिरफ्तार किया था। पुलिस का दावा है कि नीशू प्रतिनिधि चैनल के मालिक आलोक कुमार के साथ काम करती है। 24 मार्च को आलोक ने चुनाव में मदद करने के बहाने केंद्रीय मंत्री से मुलाकात की थी और बातचीत के दौरान स्टिंग कर वीडियो बना लिया था।

उस वीडियो में आपत्तिजनक बातें नहीं है। सिर्फ एक जगह केंद्रीय मंत्री ने कोड वर्ड में बात करने को कहा है। इसी को आधार बना कर वह दो करोड़ की मांग कर रहा था। 22 अप्रैल को उसने महिला पत्रकार को लेटर के साथ भेज कर 45 लाख तुरंत देने और शेष रकम दो दिन में व्यवस्था नहीं करने पर वीडियो को मीडिया में प्रसारित करने की धमकी दी थी।

वही दूसरी तरफ एसएसपी वैभव कृष्ण का कहना है की आलोक से पूछताछ की गई तो कुछ मुख्य बातें सामने आई है , जल्द ही पाँच दिनों के अंदर पुरे मामले का खुलासा हो जाएगा |

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