पुलिस ने किया 35 लाख की लूट का खुलासा, 7 बदमाश गिरफ्तार
Abhishek Sharma
Noida : महागुण बिल्डर के दफ्तर में 35 लाख की डकैती का नोएडा पुलिस ने खुलासा कर दिया है, एडीजी प्रशांत कुमार और एसएसपी नोएडा वैभव कृष्णा ने प्रेस वार्ता कर यह जानकारी दी है। पुलिस ने 7 बदमाशों को गिरफ्तार किया है , 7 बदमाश अभी फरार चल रहे हैं। महागुण बिल्डर के कर्मचारी से मिलकर बदमाशों ने इस डकैती को अंजाम दिया था। क्राइम ब्रांच की स्टार-1, 2 व स्वाट 1 , 2 टीम ने इस घटना में संलिप्त रहे सात अभियुक्तों को 8 लाख कैश, तिजोरी, अवैध असलाह व सैंट्रो कार के साथ गढ़ी गोलचक्कर के पास से गिरफ्तार किया गया है।
एडीजी मेरठ प्रशांत कुमार ने बताया कि महागुन बिल्डर का नोएडा सेक्टर 63 के ए-19 में ऑफिस है। यहां रियल एस्टेट का काम होता है। 27-28 अप्रैल की रात 12 से 3 बजे के बीच 12-14 बदमाश पीछे की दीवार फांदकर ऑफिस के अंदर घुस आए। यहां उनका सामना तीन गार्ड से हुआ, जिसमें से दो के पास बंदूक नहीं थी।
बदमाशों ने सुरक्षा गार्डों से बंदूक छीन ली और मार-मारकर उनको बेहाल कर दिया। फिर तीनों सुरक्षा गार्डों को बेसमेंट में रस्सी से बांधा और तीनों के मोबाइल फोन भी छीन लिए।
उन्होंने बताया कि इसके बाद बदमाशों ने तिजोरी कुदाल से तोड़ने की कोशिश की। जब तिजोरी नहीं टूटी तो बदमाश 600 किलो की तिजोरी को ही उठा ले गए। बताया जा रहा है कि तिजोरी खोलने के लिए बदमाशों ने आधे घंटे तक कई चाबियां लगाई पर ताला खुला नहीं। उन्होंने तिजोरी खोलने के चक्कर में ऑफिस के सभी दरवाजे और ताले तोड़ दिए।
पुलिस ने उदय प्रताप सिंह, गजराज जाटव व सचिन को गिरफ्तार किया था जिसके बाद उनकी निशानदेही पर विवेक पाल, ललित कुमार, ओमप्रकाश व गजराज जाटव की पत्नी को गिरफ्तार किया है।
एडीजी ने बताया कि गिरफ्तार किए गए अभियुक्तों से पूछताछ में पता उदय, विवेक व सचिन के साथ मिलकर खुद एंट्री का धंधा शुरू करना चाहता था जिसके लिए उसे पैसों की जरूरत थी। ललित महागुन ऑफिस में बतौर सुपरवाइजर कार्यरत था। उसने पिछले महीने चुनाव से एक दिन पहले उदय को बताया कि 3-4 दिन पहले महागुन वालों का पैसा पकड़ लिया था। जिसके बाद से वे लोग अपना पैसा घर ले जाने की बजाय ऑफिस में ही रखते हैं। यदि कोशिश की जाए तो आसानी से अच्छी खासी रकम लूटी जा सकती है।
उदय ने यह सूचना गजराज को बताई, विवेक सेक्टर-63 में ही एक कंपनी में जॉब करता है। उसने रेकी कर बताया कि महागुन के पीछे वाली कंपनी बंद है। उस रास्ते से आसानी से महागुन में घुस सकते हैं और गार्ड नहीं चलेगा क्योंकि गार्ड मेन गेट पर रहते हैं। वारदात को अंजाम देने के लिए शनिवार/रविवार की रात को चुना गया था क्योंकि रविवार को ऑफिस बंद रहता है।