शबाब पर शिल्पोत्सव 2015

Galgotias Ad

शिल्पोत्सव का आज पांचवा दिन था। हमेशा की तरह आज भी मेले में लोगों का हूजुम देखा गया। किसी कोने में कोई नव विवाहित जोड़ा बाहों में बाहें डाले बड़े ही रोमांटिक अंदाज़ में एक दुसरे को आइस क्रीम खिलाते नज़र आये तो कहीं कोई बच्चा अपनी मम्मी का पल्लू पकड़े ज़मीन पर लेट कर गुब्बारे या किसी खिलौने की ज़िद करता दिखाई दिये। इस बार शिल्पोत्सव की तैयारी कुछ खास तरह से की गई है। मेले के एंट्री गेट भी बहुत भव्य बना है। मेला ग्राउंड में घुसते ही आकर्षक सजावट आगंतुकों का ध्यान आकर्षित करती है। कोरियन क्लचर सेंटर द्वारा बनायी गयी कलाकृति और क्लॉक टॉवर भी लोगों के आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है।

इस हस्तशिल्प मेले में विभिन्न प्रदेशों और देशों के करीब चार सौ हस्तशिल्पी अपने हुनर का प्रदर्शन कर रहे हैं। बेजोड़ कलाकृतियां, रंग-बिरंगे परिधान, लकड़ी से बने सजावट के समान, लखनऊ के चिकन परिधान, कांजीवरम की सिल्क साडिय़ां, कश्मीर के पश्मीना शॉल, सहारनपुर के बर्तन, खुर्जा की पॉटरी,बनारस की साडिय़ां, राजघराने की परंपरागत हस्तीछपाई, कुंभकारी कला, चमड़े व पत्थर की कलात्मक वस्तुओं के स्टॉल लगे हुए हैं जिसे लोग काफी पसंद कर रहे हैं। और जमकर खरीदारी भी कर रहे हैं।

फूड कोर्ट में आपणों राजस्थान नाम के फूड स्टॉल पर पहले ही दिन से अच्छी खासी भीड़ देखने को मिल रही है। यहां राजस्थानी थाली जिसमें दाल भाटी चूरमा, कड़ी पकौड़ा, मिस्सी रोटी और बाजरे की रोटी के साथ बेसन के गट्टे की सब्जी परोसी जा रही है। इतना ही नहीं शिल्प मेले में पहुंचने वालों के बीच प्याज की कचौड़ी, दाल कचौड़ी, मावा कचौड़ी का स्वाद भी सर चढ़ कर बोल रहा है। इस स्टॉल को लगाने वाले महेंद्र बताते हैं कि पिछले चार सालों से वह शिल्पोत्सव में स्टॉल लगा रहे हैं और लोग उनके द्वारा पेश किए जा रहे राजस्थानी ज़ायके को ख़ूब पसंद कर रहे हैं। वह बताते हैं कि हमारे सारे मसाले राजस्थान से आते हैं और उनमें से कोई भी बाज़ार से खरीदा हुआ नहीं होता। महेंद्र बताते हैं कि जो राजस्थान के स्वाद के दीवाने हैं वह यहां खुद खिंचे चले आते हैं। स्टॉल पर राजस्थानी थाली का आनंद उठाते गुजरात से दामोदर भाई ने बताया मैंने यहां मौजूद लगभग सभी स्टॉल्स का खाना चखा लेकिन राजस्थानी खाने का कोई जवाब नहीं।

मेले में राजस्थानी सारंगी की धुन लोगो को खुब भा रही है। भरतपुर राजस्थान से आये लोक कलाकर भी मेले में आये लोगों को अपनी ओर खुब आकर्षित कर रहे है। राजस्थानी कलाकार अपने लोक धुन और नृत्य के माध्यम से मेले में दिन भर लोगों को भरपूर मनोरंजन करा रहे हैं। दिनभर बड़ी संख्या में लोग उनके सामने नृत्य देखने के लिए मजमा लगाये रहते है और एक-टक होकर नृत्य और गीतों का आनंद उठाते हैं। सास्कृतिक कार्यक्रम के तहत डीपीएस नोएडा, कोठारी इंटरनेशल स्कूल के छात्र छात्राओं ने मंच पर नृत्य और संगीत प्रस्तुत कर वहां मौजूद लोगों को झूमने पर मजबूर कर दिया। वहीं शाम के समय विशेष सांस्कृतिक कार्यक्रम के तहत पंजाबी पॉप सिंगर अशोक मस्ती ने भी लोगों के दिल को छुने में जबरदस्त कामयाब रहे। बेसब्री से इंतजार कर रहे लोगों ने अशोक मस्ती के मंच पर कदम ऱखते ही तालियों की गड़गड़ाहट से उनका स्वागत किया। “अशोक मस्ती ने ये दिलवाले की बस्ती है, यहां मस्ती ही मस्ती है” गाकर लोगों को खूब झुमाया।

 

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