डीएम की कार्रवाई के बाद छात्रों ने कान पकड़कर मांगी माफ़ी, नोएडा के प्रबुद्धजनों ने दी प्रतिक्रिया, कहा “एक मौका देना चाहिए”

ABHISHEK SHARMA / BAIDYANATH HALDER

Galgotias Ad

Greater Noida : होमवर्क पूरा न करने पर बहाना मारकर स्कूल से छुट्टी मारते आपने कई बच्चे देखें होंगे, लेकिन नोएडा से एक अजीब ही मामला सामने आया है। यहां दो छात्रों ने छुट्टी लिए डीएम के आदेश वाला फर्जी पोस्ट शेयर कर दिया, जिससे हड़कंप मच गया। हालांकि, बाद में उन छात्रों का पकड़ लिया गया।

इस कार्रवाई के विरोध में जीआईसी के 100 से अधिक छात्र सेक्टर-27 स्थित डीएम कैंप ऑफिस पर दोनों छात्रों को माफ करने की मांग को लेकर बैठ गए। कैंप ऑफिस पर रोते बिलखते छात्र-छात्राएं कान पकड़कर छात्रों को माफ करने की गुहार लगाते रहे। वहीं बच्चों के सपोर्ट में नोएडा के समाजसेवक भी अपनी प्रतिक्रिया दे रहे है एवं बच्चों को एक मौका देकर माफ़ करने की गुहार लगा रहे हैं।

क्या कहते हैं नोएडा के प्रबुद्धजन
जनशक्ति सेवा समिति के मुख्य संरक्षक ए एन धवन का मानना है कि निस्संदेह, छात्रों ने अनुचित गतिविधि की है। लेकिन 12 वीं के छात्र होने के नाते, हमारा विचार है कि माता-पिता के साथ-साथ उनसे लिखित माफी प्राप्त करने के बाद, एक उदार दृष्टिकोण लिया जा सकता है और उन्हें कड़ी चेतावनी दी जा सकती है।

फोनरवा सचिव पवन यादव का कहना है कि इतनी कडी सजा नही होनी चाहिए, सैकड़ो बच्चे कैम्प के बाहर सड़क पर घंटो बैठे रहे। फिर भी कोई मिलने नही आया। बच्चों ने शायद छुट्टियाँ के लिए ऐसा किया।

नोएडा के समाजसेवी अमित गुप्ता ने कहा कि मानता हूं कि इन दोनों छात्रों ने जो कार्य किया वह बिल्कुल गलत था और कानून के खिलाफ था, परंतु दोनों ही 12वीं के छात्र हैं और इस सजा से उनका करियर खराब हो सकता है। इतना ही निवेदन करना चाहेंगे, “इनकी भूल को माफ कर दिया जाए, इनके लिए इतनी सजा ही काफी है”

नोडी शिक्षा कल्याण समिति के अध्यक्ष रविकांत मिश्रा ने अपनी राय देते हुए कहा कि छात्रों ने गलत नियत से यह कृत्य नहीं किया है। उन्हें सुधरने का एक मौका अवश्य दिया जाना चाहिए। क्योंकि अभी छात्रों की बाल अवस्था है। एक माफीनामा लिखवाकर छात्रों को माफ़ कर देना चाहिए।

वहीं समाजसेवी त्रिलोक शर्मा ने टिप्पणी करते हुए कहा, मेरा अपना व्यक्तिगत विचार यह है कि  बच्चो के अभिभावकों से किसी समाजिक कार्य के लिए आर्थिक दंड के रूप मे सहयोग करा लेते तो सब सही हो सकता था।

एडवोकेट रणपाल अवाना का कहना है, माना कि बच्चों से गलती हो गई। गलती इतनी भी बड़ी नहीं थी जो उन्हें जेल भेजा जाए। चेतावनी देकर छात्रों को माफ किया जा सकता था। जिलाधिकारी से विनम्र निवेदन है कि बच्चों के भविष्य को देखते हुए उन्हें भविष्य में ऐसी गलती ना करने की चेतावनी देकर माफी देकर छोड़ने की कृपा करें।

तस्वीरों में दिखने वाले ये सभी छात्र छात्राएं नोएडा के सेक्टर 12 में स्थित राजकीय विद्यालय के छात्र है, दरअसल इनका कहना है कि हमारे दो साथियों ने जो डीएम के पिछले आदेश पत्र को री-एडिट कर वायरल करके बहुत बड़ी गलती की है। उसकी हम कान पकड़कर माफी मांगते है और आगे से ऐसी कोई गलती नही होगी। हम बच्चे है हमे उतनी समझ नहीं थी हमारे दोनों साथी के पुरे जिंदगी भर का सवाल है।

वही छात्रों का कहना है कि हमारे आने वाले 26 दिसम्बर को पेपर है, वही अधिकारियों ने इनकी बात सुनी और उच्च अधिकारिओं तक पंहुचाने के लिए कहा। बच्चों को समझा कर घर जाने को कहा। करीब 5 घंटे लगातार कान पकड़कर माफ़ी मांगते हुए घर तो वापस ये सभी छात्र चले गए, लेकिन इनका कहना है कि हमे हमारे सभी बड़े जनो ने समझाया इसलिए घर जा रहे है और अगर अधिकारियों की हम बात न माने तो ये भी हमारी समझदारी नहीं है। लेकिन हमारे उन दोनों साथियो ने बाहर आकर हमारे साथ परीक्षा नहीं दी तो हम सभी छात्र परीक्षा का बहिष्कार कर यही फिर से माफ़ी मांगने के लिए बैठ जाएगें।

वहीं, छात्रों ने कहा कि बच्चों को जेल नहीं भेजना था। छात्रों को पुलिस ने काफी समझाने का प्रयास किया लेकिन छात्र डीएम से मिलने पर अड़े रहे। एसएचओ राजबीर सिंह चौहान ने बताया कि दोनों छात्रों पर मामला दर्ज कर उन्हें बाल सुधार गृह भेजा गया है।

Leave A Reply

Your email address will not be published.