नौएडा प्राधिकरण की एक और कलंक गाथा, गबन के आरोपी को ही पदोन्नत कर बना रखा है एकाउंट्स अफसर

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नौएडा प्राधिकरण की एक और कलंक गाथा, गबन के आरोपी को ही पदोन्नत कर बना रखा है एकाउंट्स अफसर
20.04.15 नौएडा
नौएडा प्राधिकरण की कलंक गाथाओं में एक अध्याय और जुड़ा है। जिससे पता लगता है कि सरकारी धन की सुरक्षा हेतु प्राधिकरण कितना सजग व् संवेदनशील है। नौएडा प्राधिकरण में जनता के पैसों का हिसाब किताब रखने वाले वित्त विभाग ने गबन के आरोपी अधिकारी को न केवल गुप चुप तरीके से पदोन्नत कर वर्तमान में एकाउंट्स अफसर बना रखा है बल्कि उससे वरिष्ठ वित्त अधिकारी का काम भी लिया जा रहा है और लाखों – करोड़ों रुपयों का कार्य उक्त अधिकारी से कराया जा रहा है जिसपर 90 लाख रुपयों के गबन का आरोप मुख्य कार्यपालक अधिकारी व् उप – मुख्य कार्यपालक अधिकारी द्धारा लगाया जा चुका है।

सामाजिक संस्था राष्ट्रीय लोकाधिकार संगठन के संज्ञान में आया है की श्री ए. के. गर्ग, लेखाधिकारी, नौएडा प्राधिकरण को अपने पद का दुरूपयोग करते हुए वर्ष 2008 में 90 लाख से भी अधिक के सरकारी धन के गबन में ‘’दोषी ’’ पाया गया था। नौएडा प्राधिकरण के तत्कालीन ए.सी.ई.ओ. श्री अनिल राजकुमार द्धारा मुख्य कार्यपालक अधिकारी को इस सन्दर्भ में दी गयी अपनी रिपोर्ट दिनांक 06.10.09 के माध्यम से अवगत कराया गया था कि श्री ए. के. गर्ग, लेखाधिकारी, नौएडा प्राधिकरण इस गबन में प्रत्यक्ष रूप से संलिप्त हैं और ठेकेदार से इनकी मिलीभगत के बिना यह गबन हो ही नहीं सकता था। अतः इन्हे तत्काल प्रभाव से निलम्बित करना उचित होगा।

नौएडा प्राधिकरण के तत्कालीन मुख्य कार्यपालक अधिकारी श्री मोहिन्दर सिंह ने धोखाधड़ी के इस प्रकरण को अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए दोषी उच्च अधिकारियों व् कर्मचारियों को अविलम्ब गिरफ्तार कर उनके विरुद्ध कड़ी कार्यवाही करने के निर्देश जारी किये थे ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृति न हो। इस गबन में प्रथम दृष्टया आरोपी पाये गए श्री ए. के. गर्ग, लेखाधिकारी, नौएडा प्राधिकरण को मुख्य कार्यपालक अधिकारी के द्धारा जारी स्पष्ट निर्देशों के बावजूद आज तक गिरफ्तार नहीं किया गया बल्कि दण्ड देने की जगह उक्त अधिकारी को सम्मान के तौर पर पदोन्नत करते हुए लेखाधिकारी बना दिया गया तथा ‘’वर्तमान में’’ लाखों – करोड़ों की सरकारी धनराशि के लेन – देन व् अन्य मामलों में इनकी अहम भूमिका है।
लोकाधिकार संगठन ने इस मामले की शिकायत सूबे के मुख्यमन्त्री से की है। इसी के साथ नौएडा प्राधिकरण के सतर्कता अधिकारी श्री अखिलेश सिंह, ए.सी.ई.ओ. से भी इस मामले की सतर्कता जाँच किये जाने हेतु प्रार्थना पत्र भेजा है। लोकाधिकार संगठन ने निर्णय लिया है की यदि नोएडा प्राधिकरण ने इस मामले का ईमानदारी पूर्वक खुलासा करते हुए भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों को जेल नहीं भिजवाया तो संगठन माननीय न्यायालय की शरण में जाएगा।

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