सौरभ भारद्वाज का बयान , एमसीडी कर रही है दिल्ली के व्यापारियों का शोषण , दुकान को सीज करने की दी जाती है धमकी

Ten News Network

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नई दिल्ली :– आप पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने आज एक बार फिर एमसीडी पर जमकर निशाना साधा , उन्होंने कहा कि एमसीडी द्वारा दिल्ली के व्यापारियों का शोषण किया जा रहा है। उनका शोषण करके करोडों रुपये की उगाई की जा रही है। अगर कोई व्यापारी पैसे न दे तो एमसीडी के अधिकारी दुकान सीज करने की धमकी दे रहे है।

 

 

सौरभ भारद्वाज ने कहा कि बीजेपी शासित नार्थ और साउथ एमसीडी व्यापारियों को नोटिस भेज कर 31 मार्च तक कन्वर्जन और पार्किंग शुल्क जमा करने का दबाव बना रही है। साथ ही, शुल्क नहीं जमा करने पर दुकान सील करने की चेतावनी दी जा रही है।

उन्होंने कहा कि नार्थ एमसीडी ने कन्वर्जन शुल्क के नाम पर 1007 करोड़ वसूला, लेकिन इस पैसे का कोई हिसाब नहीं है और अकाउंट में मात्र 1.55 करोड़ रुपए ही बचे हैं। भाजपा नहीं चाहती है कि विधानसभा की कमेटियां एमसीडी के काले कारनामों पर निगरानी रख सकें।

 

सौरभ भारद्वाज ने कहा कि हमने एक बार पहले भी कई दिनों तक यह मामला उठाया था कि किस तरह से भाजपा शासित दिल्ली के नगर निगम बार-बार दिल्ली के व्यापारियों को परेशान और उनसे करोड़ों रुपए की उगाही करने की नियत से कन्वर्जन चार्ज और पार्किंग चार्ज का मामला उठाते हैं। पहले भी मॉनिटरिंग कमेटी का बहाना बनाकर एमसीडी ने करोड़ों रुपए दुकानदारों से वसूले थे।

 

उन्होंने कहा कि इस संबंध में हमने नगर निगम से पता किया तो पाया कि तीनों नगर निगमों ने कई हजार करोड़ रुपए कन्वर्जन और पार्किंग चार्ज के नाम पर इकट्ठा किए। यह पैसा सिर्फ और सिर्फ उस मार्केट के विकास कार्यों पर खर्च किया जा सकता है और यह सारा पैसा एस्क्रो अकाउंट के अंतर्गत जाता है, जिसको किसी और काम में खर्च नहीं कर सकते हैं। हमें पता चला है कि यह सारा पैसा इन्होंने खत्म कर दिया है और इस खाते में 10 प्रतिशत भी पैसा नहीं बचा है।

 

 

इस संबंध में उत्तरी नगर निगम से हमने सवाल पूछे थे, तो हमें पता चला कि इसके अंदर एक हजार 7 करोड़ रुपए का कन्वर्जन चार्ज इकट्ठा किया गया था और मार्केट के अंदर पार्किंग आदि सुविधाओं पर मात्र 30 करोड़ रुपए खर्च किया गया। बाकी सारा पैसा कहां गया, इसकी कोई जानकारी नहीं है। इस खाते में मात्र एक करोड़ 55 लाख रुपए बचा है। यही हाल तीनों नगर निगमों का है। तीनों एमसीडी में कन्वर्जन और पार्किंग के नाम पर जो एक पैसा इकट्ठा किया गया, उसको एमसीडी अन्य कार्यों पर खर्च कर चुकी है।

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