सीटें भरने को लेकर काॅलेज चिंचित

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ग्रेटर नोएडा। नाॅलेज पार्क में एडमिशन को लेकर इस बार भी काॅलेजों की चिंता बरकरार है। काॅलेजों की इस बार भी सीटें भरने की उम्मीद नहीं है। हालांकि इसके लिए काॅलेज अपनी सारी रणनीति अपना रहे हैं। इसके बाद भी कई काॅलेजों में आधी से अधिक सीटें खाली है।
लगता है ग्रेटर नोएडा से स्टूडेंट्स का रूझान खत्म होता जा रहा है। तीन साल पहले जो स्टूडेंट्स में दिलचस्पी ग्रेटर नोएडा को लेकर देखी जा रही थी, वह अब खत्म होने की कगार पर है। पिछले तीन वर्षों से नाॅलेज पार्क स्थित काॅलेजों को अपनी सीटें भरनी भारी पड़ रही है। काॅलेज एडमिशन सीजन शुरू होने के पहले से ही बच्चों को अपनी तरफ आकर्षित करना शुरू कर देते हैं और एडमिशन खत्म होने तक जारी रहता है। इस बार भी काॅलेज अपनी सीटें भरने को लेकर काफी संजीदा हैं, लेकिन उनकी संजीदगी काम नहीं आ रही है। एडमिशन के लिए बच्चों को लाने के लिए काॅलेजों ने स्टाॅफ को भी जिम्मेदारी दे रखी है। स्टाॅफ अपने शहर से बच्चों को ला रहे हैं और उस पर उन्हें कमिशन दिया जा रहा है। लेकिन इससे भी सीटें भर नहीं पा रही है। कई काॅलेजों की आधी से अधिक सीटें खाली हैं और वे एडमिशन कराने को लेकर काफी प्रयास कर रहे हैं। कुछ काॅलेज ऐसे भी जिनमें 10 फीसदी सीटें भी नहीं भर पाई हैं। बीएड काॅलेजों की हालत और भी पतली है। इन काॅलेजों को तलाशे भी बच्चे नहीं मिल रहे हैं।

 

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