अखिल भारतीय साहित्य परिसद ग्रेटर नॉएडा ने “काकोरी कांड बलिदानी दिवस ” मनाया !

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अखिल भारतीय साहित्य परिसद ग्रेटर नॉएडा  ने
“काकोरी कांड  बलिदानी दिवस ” मनाया ! कार्यक्रम में अद्यक्ष
ऍम.के.वर्मा,महासचिव अमित और संयुक्त सचिव पियूष शर्मा उपस्तिथ थे ! कल
संध्या दीप प्रज्वलित कर श्रद्धांजलि अर्पित की गई !आज १० से १२  बलिदान
दिवस पर परिचर्चा एवं कविता पथ रखा गया ! ऍम के वर्मा जी ने सभा को
सम्बोधित करते हुए कहा की जनपद  शाहजहाँपुर  के  निवासी  व  काकोरी  कांड
के  महानायकों   बिस्मिल ,अशफ़ाक़ उल्ला खान ,सिंह ,लहिर  को आज के दिन
फांसी पे चढ़ा दिया गया था !ये सब बड़े साधारण तबके से आये हुए नवयुवक थे
जिन्हें बरतानिया सरकार ने साजिश करके सूली पर लटका दिया। बड़ी मजेदार
बात यह है कि उन्होंने 9 अगस्त 1925 के ऐतिहासिक काकोरी काण्ड को चतुराई
पूर्वक काकोरी  कांस्पीरेसी  कहकर समूचे हिन्दुस्तान की जनता को गुमराह
किया। स्वतन्त्र भारत की सरकार ने भी उसी अंग्रेज़ी लकीर को पीटने का
कार्य किया। पण्डित रामप्रसाद बिस्मिल ने अपनी आत्मकथा में लिखा था कि यह
देश अभी 50 वर्ष तक आजाद नहीं होने वाला। और यदि हो भी गया तो सत्ता पर
पूँजीवादी व्यवस्था कब्जा कर लेगी। दोस्तो वही हुआ। 1947 में हमें देश के
टुकड़े करके कहने के लिए आज़ादी दे दी गयी परन्तु क्या वही नहीं हुआ जो
पण्डित जी ने 1927 में फाँसी से 3 दिन पूर्व लिख दिया था। उन्होंने कहा
की आज लोग  इतने कार्यक्रम करते हैं पर शहीदों  के लिए उनके पास एक
कार्यक्रम नहीं है! लोगों के पास फिल्म देखने का समय है लेकिन शहीदों को
याद करने के लिए ५ मिनट भी नहीं हैं !

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