नई दिल्ली :– प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरु पूर्णिमा और धम्म दिवस पर अपने संबोधन में देशवासियों को गुरुपूर्णिमा की बधाई दी , पीएम ने साथ ही भगवान बुद्ध को भी याद किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जहां ज्ञान है, वहीं पूर्णिमा है, वहीं पूर्णता है। ज्ञान संस्कार का प्रतीक है, पीएम ने गुरु पूर्णिमा पर देशवासियों को बधाई दी और भगवान बुद्ध को भी याद किया।
पीएम मोदी ने धम्मचक्र प्रवर्तन दिवस और आषाढ़ पूर्णिमा की बधाई दी और कहा कि भगवान बुद्ध ने बुद्धत्व की प्राप्ति के बाद अपना पहला ज्ञान संसार को दिया था। त्याग और तितिक्षा से तपे बुद्ध जब बोलते हैं तो केवल शब्द ही नहीं निकलते, बल्कि धम्मचक्र का प्रवर्तन होता है।
पीएम ने कहा कि तब बुद्ध ने केवल पांच शिष्यों को उपदेश दिया था, लेकिन आज पूरी दुनिया में उन शब्दों के अनुयायी हैं, बुद्ध में आस्था रखने वाले लोग हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि सारनाथ में भगवान बुद्ध ने पूरे जीवन का, पूरे ज्ञान का सूत्र हमें बताया था। उन्होंने दुख के बारे में बताया, दुख के कारण के बारे में बताया, ये आश्वासन दिया कि दुखों से जीता जा सकता है और इस जीत का रास्ता भी बताया. पीएम ने कहा कि बुद्ध के सम्यक विचार को लेकर आज दुनिया के देश भी एक दूसरे का हाथ थाम रहे हैं, एक दूसरे की ताकत बन रहे हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि आज कोरोना महामारी के रूप में मानवता के सामने वैसा ही संकट है। भगवान बुद्ध हमारे लिए और भी प्रासंगिक हो जाते हैं, उन्होंने कहा कि बुद्ध के मार्ग पर चलकर ही बड़ी से बड़ी चुनौती का सामना हम कैसे कर सकते हैं, भारत ने ये करके दिखाया है।
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