शहरों से ज्यादा नोएडा के गांवों की हालत खराब , कौन करेगा स्वास्थ्य सुविधाओं को पूरा : समाजसेविका अनीता सिंह 

Ten News Network

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नोएडा :– हाल के दिनों में शहरों में कोरोना संक्रमण के मामले तेज़ी से बढ़े हैं , जिसके कारण वहां की स्वास्थ्य व्यवस्था बेहद तनाव से गुज़र रही है , लेकिन अब कोरोना वायरस तेज़ी से गांवों में भी पैर पसार रहा है , जहां शहरों की अपेक्षा स्वास्थ्य व्यवस्था की स्थिति पहले से ही बदहाल है |

 

बीते 14 दिनों से भारत में लगातार रोज़ाना कोरोना संक्रमण के तीन लाख से अधिक मामले दर्ज किए जा रहे हैं | संक्रमण के मामले किस तेज़ी से बढ़ रहे हैं इसे इस बात से समझा जा सकता है , अस्तपालों में मरीज़ों की संख्या अचानक बढ़ी है और मेडिकल ऑक्सीजन की कमी और अस्पतालों में बेड की कमी जैसी समस्याएं सामने आई है | वही गॉवों की स्थिति ख़राब होती जा रही है , क्योकि गॉवों में कोई स्वास्थ्य सेवाएं नहीं है , टेस्टिंग भी कम हो रही है , जिसके चलते बहुत से संक्रमण फैल रहा है |

 

नोएडा के गॉवों की बात करें तो उनका भी बहुत बुरा हाल है , खासबात यह है की नोएडा के गॉवों की प्रधानी खत्म हो चुकी है , ऐसे में गॉव के लोगों की आवाज प्रशासन तक कैसे पहुँचे , अगर प्रधान होता तो सुविधाएं कुछ न कुछ होती , टेस्टिंग भी ज्यादा होती |

 

वही इस मामले में समाजसेविका अनीता सिंह से टेन न्यूज़ ने बातचीत की , जिसमे उन्होंने बताया की हमें इन परिस्थितियों से कुछ सिखना समझना चाहिए, हमें और हमारे बच्चों को इसी शहर में रहना है, इसलिए हमें सरकार से माँग करनी चाहिए कि यहाँ के हर गाँव में 10 बिस्तर का स्वास्थ्य केंद्र निर्माण हो , जहां पर आक्सीजन एवम् इंजेक्शन देने की सुविधा हो |

 

साथ ही उन्होंने कहा की नोएडा के गॉवों की बात करें तो उनका भी बहुत बुरा हाल है , खासबात यह है की नोएडा के गॉवों की प्रधानी खत्म हो चुकी है , ऐसे में गॉव के लोगों की आवाज प्रशासन तक कैसे पहुँचे , अगर प्रधान होता तो सुविधाएं कुछ न कुछ होती , टेस्टिंग भी ज्यादा होती |

 

सरकारी अस्पतालों में बिस्तर की संख्या बढ़ाई जाए क्योंकि अभी तीसरी लहर आनी बाक़ी है और यह महामारी हमें कईं सालों तंग करेंगी । आईसीयू  के बिस्तर और आक्सीजन बिस्तर की संख्या तुरन्त बढ़ाई जाए ।आक्सीजन के प्लांट यहाँ की माँग के अनुसार खड़े किए जायें। अभी वैक्सीन लगाने के लिए  स्पतालों का इस्तेमाल न करके , हर सेक्टर में छोटे- छोटे केन्द्र , कम्युनिटी सेंटर में बनाए जाये, जिससे संक्रमण कम फैले । जब आप वोट करवाने के लिए तंत्र का उपयोग कर सकते हैं तब वैक्सीन लगवाने के लिए क्यों नहीं?

 

एम्बुलेंस के लिए सेंट्रल कंट्रोल कक्ष को और सुदृढ़ किया जाये , दवाइयों की उपलब्धता की जानकारी भी हमारे ज़िले में उपलब्ध रहे , आगे आने वाले समय के लिए युद्ध स्तर पर अभी से जुटना पड़ेगा । स्कूलों की बिल्डिंग को भी उपयोग में लाया जा सकता है । दिल्ली सरकार स्कूलों में वैक्सीन केंद्र चला रही है । हमारे क्षेत्र की सारी संस्थाओं को एक प्लेटफार्म पर आना होगा । ( फोनरवा,दवाई एसोसिएशन, एम्बुलेंस एसोसिएशन (अगर है तो) डाक्टर एसोसिएशन, नर्सिंग स्टाफ़) छोटे – 2 केंद्र बनाकर इस पर कार्यवाही की जाए । आने वाले समय में बच्चों पर विशेष ध्यान देने की ज़रूरत है । पीडियाट्रिक डॉक्टर की सूची तैयार होनीं चाहिए  , एम्बुलेंस की संख्या कितनी है, जानकारी साझा हो । उन्होंने कहा की ख़तरा टला नहीं है ।

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