राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय बाल शक्ति पुरस्कार विजेता परीकुल भारद्वाज को राजपथ पर दी सलामी

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नई दिल्ली। राष्ट्रीय बाल शक्ति पुरस्कार से सम्मानित परीकुल भारद्वाज ने रविवार को गणतंत्र दिवस परेड में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। परीकुल ऊंचे पहाड़ी क्षेत्रों में सामाजिक सेवाएं देने के लिए जानी जाती है।

वि•िान्न क्षेत्रों को अपनी सेवा से रौशन करने वाले देश के युवा बाल वीरों का काफिला जैसे ही राजपथ पर राष्ट्रपति मंच के आगे से गुजरा सभी गणमान्य व्यक्तियों ने खड़े होकर उनका स्वागत किया। दर्शक दीर्घा में बैठे डॉ. प्रदीप भारद्वाज और अनीता भारद्वाज ने बेटी परीकुल भारद्वाज का उत्साह बढ़ाया। बेटी के राजपथ पर परिवार और देश का मान बढ़ाने से बेहद खुश नजर आए।

सैनिक पृष्ट भूमि वाले परिवार में जन्मी परीकुल को हमेशा ही कुछ अलग करने की ललक रही है। 13 वर्ष की उम्र के बच्चे जो पहाड़ों की ऊंचाई से डर जाते हैं वहीं परीकुल कठिन से कठिन कार्य को करने में रूचि रखती है। परीकुल ‘डर के आगे जीत है’ में विश्वास रखती है। परीकुल का यही जोश उसे अविश्वसनीय और असं•ाव कार्य को सहजता से करने में दूसरों से अलग बनाता है। 14000 फीट की ऊंचाई पर स्थित केदारनाथ धाम में दर्शनार्थ आए श्रद्धालुओं के लिए खराब मौसम में भी परीकुल अपनी सेहत की परवाह किए बिना उनके लिए गर्म पानी और दूसरी वस्तुओं को उपलब्ध कराती थी, जिससे वे अपनी यात्रा सकुशल पूर्ण कर सकें।

परीकुल बताती है कि कोई कार्य कार्य छोटा नहीं होता। परीकुल ने प्रधानमंत्री से हुई मुलाकात के बारे में बताया कि उन्होंने हमें अपने लक्ष्य पर अडिग रहने की सलाह दी। दूसरों की बातों पर ध्यान मत दो। यदि तुम दूसरों की बातों को सुनोगे तो परेशान हो जाओगे। इसलिए देश के लिए सोचो। हमेशा सर्वश्रेष्ठ में विश्वास करो और उसे पूर्ण करने के लिए पूरी ताकत लगा दो।

परीकुल ने हाई आॅल्टीट्यूड मेडिकल सर्विस के लिए भविष्य की योजनाओं के बारे में बताया।

देश की एकमात्र हाई आॅल्टीट्यूड मेडिकल सर्विस प्रदाता संस्था के सीईओ और परीकुल के पिता डॉ. प्रदीप भारद्वाज ने बेटी को सम्मान मिलने पर कहा कि प्रत्येक माता-पिता की चाहत होती है कि उनके बच्चे उनसे आगे बढ़ें। यदि परीकुल हाई आॅल्टीट्यूड को अपना कार्य क्षेत्र बनाना चाहती है तो हर प्रकार की सहायता और प्रशिक्षण दिलवाया जाएगा।

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