राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) की लिस्ट आने के बाद ऊहापोह की स्थिति बनी हुई है। इस लिस्ट में करीब 19 लाख लोगों का नाम नहीं है। ऐसे में लोगों के सामने संकट है कि वह क्या करें? इस बीच, एनआरसी लिस्ट को लेकर सियासत शुरू हो चुकी है |
एनआरसी के खिलाफ जंतर मंतर पर बड़े पैमाने में आल बंगाली युथ ने विरोध प्रदर्शन किया | वही इस प्रदर्शन को देखते हुए भारी मात्रा में पुलिस बल तैनात किया गया | वही इस मामले में प्रदर्शनकारियों का कहना है कि जो एनआरसी की लिस्ट जारी हुई है उसमे 9 लाख से ज्यादा हिन्दुओ के नाम नही है । जिसके कारण वहाँ रहने वाले हिन्दू परिवार परेशानी का सामना कर रहे है |
उन्होंने कहा मसौदे के ठीक बाद हम एनआरसी के वर्तमान स्वरूप से उम्मीद खो चुके हैं। जब बहुत से असली भारतीय बाहर हो गए हैं तो आप कैसे दावा कर सकते हैं कि यह दस्तावेज असमिया समाज के लिए महत्वपूर्ण है | एनआरसी की लिस्ट आने के बाद ऊहापोह की स्थिति बनी हुई है, असम के लोग अपने घर से बेघर हो रहे है |
साथ ही उन्होंने कहा की इस मामले में केंद्र सरकार और मोदी को महत्वपूर्ण कदम उठाना चाहिए , अगर हमारी माँगे पूरी नहीं होती तो ये प्रदर्शन विशाल रूप लेगा |
गौरतलब है कि 31 अगस्त को जारी एनआरसी की अंतिम सूची से 19 लाख से अधिक लोग बाहर हो गए हैं। इनमें ज्यादातर बंगाली हिंदू शरणार्थी हैं जो 1971 से पहले असम आए थे या पर्याप्त दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर पाने वाले लोग हैं। बताया जा रहा है कि इनकी संख्या करीब 11 लाख है। जबकि बाहर होने वालों में करीब 6 लाख लोग मुसलमान हैं। खास बात ये है कि इससे पहले जारी हुई लिस्ट से करीब 40 लाख लोग बाहर हो गए थे, जिन्हें 31 अगस्त तक अपनी नागरिकता को लेकर दावा करने का समय दिया गया था।