कैप्टन अमरिंदर सिंह पर राघव चड्डा का वार, बीजेपी के लिए कही ये बात

ROHIT SHARMA

नई दिल्ली :– आम आदमी पार्टी ने पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को भाजपा का मुख्यमंत्री बताया है। आपको बता दें कि आज आप पार्टी के प्रवक्ता राघव चड्ढा ने प्रेस वार्ता करते हुए कहा कि भाजपा से सांठगांठ के साथ कैप्टन अमरिंदर सिंह किसानों के आंदोलन को रोकने के लिए काम कर रहे हैं।

 

 

कैप्टन अमरिंदर और पीएम मोदी मिलकर किसानों के आंदोलन को खत्म कराना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि कैप्टन अमरिंदर और पीएम मोदी की दोस्ती जगजाहिर है. रोजाना फोन पर बात और हर महीने मुलाकात लंबे समय से चला आ रहा है।

 

राघव चड्ढा ने कहा, ‘इन तीन काले कानूनों के बारे में कांग्रेस ने 2019 के मेनिफेस्टो में वादा किया था. कहा गया था कि हम एपीएमसी मार्केट खत्म कर देंगे. इन कानूनों को बनाने से पहले कैप्टन अमरिंदर भी हाई पावर कमेटी का हिस्सा थे और उन्होंने सहमति दी थी।

 

 

फरवरी 2020 में जब किसानों तक इन कानूनों की बात पहुंची, तब चंडीगढ़ में ऑल पार्टी मीटिंग बुलाई गई थी. उस मीटिंग में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा था कि हम पंजाब विधानसभा का सत्र बुलाकर इस पर चर्चा करेंगे, लेकिन कैप्टन अमरिंदर ने बुलाने से मना कर दिया था।

 

 

आप नेता ने कहा, ‘किसानों से जुड़े संगठनों ने 26 नवम्बर को दिल्ली आने की घोषणा की, तब कैप्टन अमरिंदर इस आंदोलन को लीड करने के लिए भी नहीं आए. अभी जबकि किसान दिल्ली में अलग अलग जगह जाकर प्रदर्शन करना चाहते हैं, तो पीएम मोदी और अमित शाह उसकी अनुमति नहीं दे रहे हैं. कल अमित शाह के बयान के बाद कैप्टन अमरिंदर ने कहा कि देश के गृहमंत्री जो कह रहे हैं, वो ठीक कह रहे हैं।

 

 

राघव चड्ढा ने कहा, ‘अमित शाह की शर्तों को मानने की अपील कैप्टन अमरिंदर सिंह किसानों से कर रहे हैं. इससे स्पष्ट है कि कैप्टन अमरिंदर भाजपा की धुरी पर नाच रहे हैं, वे भाजपा के सीएम बन गए हैं. कैप्टन अमरिंदर जिस भाजपा का साथ दे रहे हैं, उस भाजपा ने किसानों पर लाठी चलवाई, आंसू गैस के गोले चलवाए, उनके एक मंत्री ने किसानों को गुंडा कहा. कैप्टन अमरिंदर ने खुद क्यों नहीं किसानों के आंदोलन को लीड किया।

 

 

उन्होंने कहा, ‘अगर किसी राज्य का मुख्यमंत्री किसानों को लेकर दिल्ली आता, तो क्या भाजपा की मजाल थी कि आंसू गैस और वाटर कैनन चलवाती. एक तरफ 22 साल के फौजी ने सीमा पर अपने प्राणों की आहुति दी, दूसरी तरफ उनके पिता दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर अपने हक की लड़ाई लड़ रहे हैं. हमारे जीते जी ये कानून दिल्ली में लागू नहीं होंगे।


Discover more from tennews.in: National News Portal

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Leave A Reply

Your email address will not be published.