नोएडा के मारवाह स्टूडियो में मनाया गया रेडियो दिवस , बच्चों को दिए महत्वपूर्ण गुण
ROHIT SHARMA
नोएडा :– नोएडा के मारवाह स्टूडियो में सातवाँ ग्लोबल फेस्टिवल ऑफ़ जर्नलिज्म मनाया जा रहा है , जिसका आज दूसरा दिन था | वही इस कार्यकम में अतिथि के रूप में घाना के उच्चायुक्त माइकेल औरोन ओकेय, पनामा दूतावास के चार्ज डी’ अफेयर्स रिकार्डो ए बर्ना एम, कॉन्सुलेट जनरल ऑफ़ कोमोरोस के एल गंजू, कुलविंदर सिंह कांग, रेडियो कमेंटेटर, अंतर्राष्ट्रीय युवा फैलोशिप निदेशक सुनील डांग, एंकर सईद अंसारी और ओनएल उका रहे ।
वही इस कार्यक्रम में मारवाह स्टूडियो के निदेशक संदीप मारवाह ने सभी गणमान्य लोगों को सम्बोधित करते हुए कहा की ग्लोबल फेस्टिवल ऑफ़ जर्नलिज्म का दूसरा कार्यकम रेडियो दिवस के रूप में समर्पित है | वही उन्होंने बताया की रेडियो एक ऐसा माध्यम है जहां मनोरंजन के साथ साथ वह शिक्षा भी मिलती है जो आप किताबों से भी ग्रहण नहीं कर सकते, मेरी बहुत खुशकिस्मती है कि मैं इतने बुद्धिजीवी लोगों के साथ बैठकर उनके अनुभव सुनता हूं और कोशिश करता हूं कि मैं और मेरे छात्र उन अनुभवों से वह ज्ञान अर्जित करें |
साथ ही इस कार्यक्रम में अतिथि माइकेल औरोन ओकेय ने कहा कि रेडियो जितना भारत में प्रसिद्ध है उतना ही पूरे विश्व में भी है और यह एक बहुत अच्छा माध्यम है अपनी बात लोगों तक पंहुचाने के लिए। इस तरह के समारोह से यहां के छात्रों को बहुत कुछ सीखने को मिलेगा चाहे वह जर्नलिज्म से जुड़े हो या नहीं।
रिकार्डो ए बर्ना एम ने कहा हिंदुस्तान के आरजे बहुत अच्छी भूमिका निभा रहे है, हमे भारत आकर हमेशा ही अच्छा लगता है और छात्रों से मिलकर मुझे एक नयी ऊर्जा मिलती है। साथ ही इस कार्यकम में बच्चों को सफल होने के भी गुण दिए |
के एल गंजू ने कहा हम लोग भी अगर कही जाते है तो रेडियो सुनना पसंद करते है और उससे पूरी तरह जुड़ जाते है वो चाहे गीत संगीत की बात हो या शहर में हो रही घटनाओं की। साथ ही उनका कहना है की सभी के जीवन में रेडियो एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है , लोग अगर अपने वाहन में सफर करते है तो रेडियो का सहारा जरुर लेते है , जिससे उनका मनोरंजन भी हो जाता है | वही इस रेडियो के माध्यम से महत्वपूर्ण जानकारी मिल जाती है |
कुलविंदर सिंह कांग ने कहा रेडियो एक शानदार माध्यम है कम शब्दों में अपनी बात दूसरो तक पंहुचाने के लिए। कुछ समय पहले रेडियो बिलकुल लुप्त हो गया था लेकिन अब यह दोबारा उतना ही प्रचलित हो रहा है। साथ ही उन्होंने कहा की रेडियो एक ऐसा माध्यम है जो कल्पनाओं को जन्म देता है, कई बार हम रेडियो जाॅकी की आवाज के इतने प्रेमी हो जाते हैं कि उनकी रूप रेखा हमारे मानस पटल पर बैठ जाती है। अगर आप जर्नलिज्म में जाना चाहते है तो अपनी बातों को अपने आप से कहना शुरू करे और लिखना शुरू करे और उसे समझना शुरू करे क्योकि कई बार आप लिख तो देते है पर आप उसका अर्थ नहीं समझ पाते हो न ही समझा पाते हो। समारोह के अन्य कार्यक्रमों में वर्ल्ड रेडियो डे का पोस्टर लांच, पेंटिंग प्रदर्शनी, फोटोग्राफ प्रदर्शनी, वर्कशॉप और कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया गया। जिसमे छात्रों ने पूरे जोश के साथ भाग लिया।