रोटरी इंटरनेशनल अवार्ड्स ने नोबल शांति पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी को अपना सर्वोच्च सम्मान दिया

Galgotias Ad

10 जून, 2022, दिल्ली: बाल श्रम पर अंकुश लगाने के लिए दशकों के सतत प्रयास और शिक्षा के सार्वभौम अधिकार का दृढ़ समर्थन करने के लिए नोबल पुरस्कार विजेता, कैलाश सत्यार्थी को रोटरी इंटरनेशनल द्वारा रोटरी अवार्ड ऑफ ऑनर से सम्मानित किया गया।

यह पुरस्कार रोटरी इंटरनेशनल सम्मेलन में प्रदान किया गया, जहां पर सत्यार्थी मुख्य वक्ता के रूप मौजूद थे। यह कार्यक्रम में पूरी दुनिया से उन रोटरी सदस्यों को एक मंच पर लाता है, जो दुनिया की सबसे गंभीर मानवीय चुनौतियों का समाधान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

सत्यार्थी ने कहा, ‘‘मैं सभी बच्चों के लिए एक स्वतंत्र व सुरक्षित बचपन की जरूरत को रोटरी इंटरनेशनल के 1.4 मिलियन सदस्यों को धन्यवाद देता हूँ। बाल श्रम तभी खत्म हो सकेगा जब समाज के सभी तत्व मिलकर सहयोग व प्रतिबद्धता के साथ काम करेंगे और तभी हर बच्चे को अपनी पूरी क्षमता का विकास करने का अवसर मिलेगा। यह पुरस्कार उस चुनौती को स्वीकार करता है जिसका सामना हाशिए पर रहने वाले लाखों बच्चे करते हैं, और हम सबकी जिम्मेदारी है कि हम उन्हें उज्जवल भविष्य के मार्ग पर ले जाएं।’’

रोटरी इंटरनेशनल और रोटरी फाउंडेशन के महासचिव व सीईओ, जॉन ह्यूको ने कहा, ‘‘कैलाश सत्यार्थी एक प्रेरणा हैं। मानवाधिकार कार्यकर्ता के रूप में उनका उद्देश्य बच्चों की गुलामी को समाप्त करना है। वो वंचित वर्ग के 100 मिलियन बच्चों का भविष्य उज्जवल बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। रोटरी कन्वेंशन 2022 में उम्मीद जीवित है, दया जीवित है, और समुदाय की ताकत जीवित है। हम बच्चों का जीवन बेहतर बनाने की ओर काम कर रहे संगठनों एवं लोगों के प्रयासों की सराहना करते हैं एवं उन्हें मान्यता प्रदान करते हैं।

इस समारोह में रोटरी इंटरनेशनल 2021-22 के अध्यक्ष, शेखर मेहता ने कहा, ‘‘समाज में बाल मजदूरी का कोई स्थान नहीं। पिछले 20 साल में लगभग 100 मिलियन बच्चों को बाल मजदूरी के कुचक्र से छुड़ा लिया गया, लेकिन दुनिया में अभी भी 160 मिलियन बच्चे बाल मजदूरी के लिए मजबूर हैं। अगर 160 मिलियन बच्चे मजदूरी करेंगे, तो स्कूलों की 160 मिलियन सीटें खाली रह जाएंगी। हमें निरक्षरता, गरीबी और बाल मजदूरी के कुचक्र को मिलकर तोड़ना होगा। बच्चों की सुरक्षा और शिक्षा के लिए कैलाश सत्यार्थी द्वारा किया गया काम खुद से ऊपर उठकर सेवा करने का सच्चा प्रमाण है।

रोटरी अवार्ड ऑफ ऑनर की स्थापना सन 1990 में हुई थी। यह पुरस्कार राज्यों के अध्यक्षों और उन गणमान्य लोगों को दिया जाता है, जिन्होंने अंतर्राष्ट्रीय सहयोग व सद्भावना बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया हो। इससे पूर्व यह पुरस्कार हिज़ होलिनेस पोप फ्रैंसिस, भारत के तत्कालीन राष्ट्रप्रति, प्रणब मुखर्जी, क्वीन एलिजाबेथ 2, बिल गेट्स, यूनाईटेड नेशंस, और विश्व स्वास्थ्य संगठन को दिया जा चुका है।

Leave A Reply

Your email address will not be published.