नागरिकता संशोधन कानून पर बोले सलमान खुर्शीद, “भाजपा संवेदनहीन सरकार है, जिसे अपनी सत्ता मजबूत करनी है

Abhishek Sharma / Baidyanath Halder

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Greater Noida: इन दिनों नागरिकता संशोधन कानून को लेकर कई राज्यों में बवाल मचा हुआ है। जिन जगहों पर इस कानून को लेकर बवाल मचा हुआ है। यह विधेयक पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई अप्रवासियों को शामिल करता है। नागरिकता कानून 1955 के अनुसार, एक अवैध अप्रवासी नागरिक को भारत की नागरिकता नहीं मिल सकती है। अवैध अप्रवासी का अर्थ उस व्यक्ति से है जो भारत में या तो वैध दस्तावेजों के बिना दाखिल हुआ है अथवा निर्धारित समय से अधिक भारत में रह रहा है। सरकार ने 2015 में इन तीन देशों के गैर मुस्लिम शरणार्थियों को भारत में आने देने के लिए पासपोर्ट और विदेशी एक्ट में संशोधन किया था। यदि उनके पास वैध दस्तावेज नहीं हैं तो भी वह भारत में आ सकते है।

नागरिकता संशोधन विधेयक को लेकर टेन न्यूज़ ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व विदेश और अल्पसंख्याक मंत्री सलमान खुर्शीद से खास बातचीत की। जिसमें उन्होंने मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में नागरिकता बिल को लेकर हो रही हिंसा के बारे में अपनी राय रखी।

उन्होंने कहा कि इस नागरिकता बिल को किसी धर्म विशेष या समुदाय से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए, क्योंकि पूरे नॉर्थ ईस्ट में इस विषय पर बहुत बड़ा प्रदर्शन चल रहा है। हमारे देश में कई अन्य जगहों पर नागरिकता बिल का विरोध किया जा रहा है। बात यह है कि इसमें कोई फैसला भाजपा मानवता के आधार पर करेगी या किसी और आधार पर। मानवता के आधार पर भारत वर्ष में हमेशा शरणार्थियों को शरण दी है।

आज हम उसमें एक परिवर्तन ला रहे हैं, उसके प्रति लोगों को रोष है। उसके साथ साथ देश के हर हिस्से में जैसे कि असम है, नॉर्थ ईस्ट है उसमें वहां के विशेष परिस्थितियों को लेते हुए माना जा रहा है कि उनके लिए नागरिकता संशोधन विधेयक से मुश्किलें बढ़ेंगी। तो इसलिए मानवता के आधार पर इसका विरोध किया जाना चाहिए और हो भी रहा है। इसके खिलाफ हर धर्म, हर जाति के लोग जुड़ेंगे।

क्या कांग्रेस का विरोध भाजपा को नागरिकता संशोधन बिल वापस करने पर मजबूर कर सकती है ?
इस पर उन्होंने कहा कि केंद्र में भाजपा का बहुमत है और बहुत ही स्पष्ट बहुमत है। भाजपा एक संवेदनहीन सरकार है जो लोगों की इच्छा को महत्व नहीं देती हैं। यह सरकार लोगों की भावनाओं को नहीं समझती है। सिर्फ यह सरकार अपना फायदा देखती है। इसलिए मैं नहीं मानता हूं कि यह संवेदनहीन सरकार नागरिकता बिल में कुछ करेगी। अफसोस की बात है लेकिन जब सरकार संवेदनहीन बन जाती है, तो उसका क्या होता है यह सभी लोग जानते हैं।

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