कचरे से ऊर्जा उत्पादन पर नोएडा एन टी पी सी में दो दिवसीय सेमिनार का आयोजन

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नॉएडा – बढ़ती आबादी के साथ देश में कचरा प्रबंधन का मसला एक चुनौती बनाता जा रहा है। कचरे के प्रभावी निस्तारण के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण की दिशा में उचित कदम उठाना जरूरी है। ज्यादातर कचरा निस्तारण में कमर्शियल तकनीको का विदेशो से आयात किया जाता है लेकिन इन्हे भारतीय परिस्थितियो के अनुकूल किया जाना आवश्य है। जीरो डिस्चार्ज टेक्नॉलजी के मध्यम से उत्सर्जन नियंत्रण के लिए वेस्ट टू एनर्जी प्लांट्स में कई तरह के प्रयास किए जा रहे है। इसी ताकि आस-पास के कम्यूनिटी मे कचरे के कारण दुर्गंध न फैले। इस सभी मुद्दो के समाधान के दो दिवसीय सेमीनार का आयोजन एनटीपीसी आयोजित किया गया , नोएडा के सैक्टर 16 में एनटीपीसी के सभागार में दिवसीय सेमीनार का का उद्घाटन विधुत एंव नवीन और नवीकरण ऊर्जा के मंत्री आर के सिंह ने किया लोगो को संबोधित करते हुए आर के सिंह ने कहा की अब समय आ गया है कि कृषि अवशेष और कचरे से बिजली उत्पादन के क्षेत्र में एनटीपीसी बेहतर करने का प्रयास कर रहा है। बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए अब कृषि अवशेष और कचरे से बिजली उत्पादन की बहुत जरूरत है। इससे एक तरफ तो लोगों को बिजली मिलेगी और दूसरी तरफ बढ़ते प्रदूषण पर भी रोक लगाई जा सकेगी। अब लोग घरों में एलपीजी और आईजीएल गैस के अलावा इंडक्शन चूल्हे का भी प्रयोग कर रहे हैं। ऐसे में बिजली की मांग भी बढ़ी है।

एनटीपीसी के सीएमडी गुरदीप सिंह ने कहा कि वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए दादरी स्थित एनटीपीसी के प्लांट में रोजाना 200 मीट्रिक टन कृषि अवशेष से बिजली उत्पादन की क्षमता वाला प्लांट लगाने जा रहे हैं। पिछले दिनों इसके लिए टेंडर भी निकाला गया था। इस प्लांट के लगने से जिले व आसपास के किसानों को खेतों से निकलने वाले अवशेष को जलाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। एनटीपीसी बिजली उत्पादन के लिए उनसे खरीदेगा और बिजली बनाएगा।

इस दो दिवसीय सेमिनार में नीति निर्माता, पैलेट निर्माता,विनियामक, वेस्ट टू एनर्जी के एक्सपर्ट आदि सेमिनार में भाग ले रहे है जो बिजली उत्पादन को कैसे बढ़ाया जा सकता है, आदि पर मंथन करेगे।

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