रिद्धि, सिद्धि और यश प्रदान करने वाला है श्री जगत तारिणी माता मंदिर खडुल का दरबार । जानें क्यों है खास ?

गजानन माली

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श्री जगत तारिणी माता मंदिर खडुल में भक्ति , ज्ञान और कर्म का है अनोखा संगम।

पालमपुर (12 जून 2022):

।। ॐ महालक्ष्म्यै विद्महे विष्णुप्रियायै धीमहि । तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात् ।।
(यह लक्ष्मी गायत्री मंत्र पद-प्रतिष्ठा, यश , ऐश्वर्य और धन-सम्पति प्रदान करता हैं, ऐसा हिंदू संस्कृति में माना जाता है )

कालिका पुराण कहता है, की भारत मै देवी के ४ शक्ति पीठ है –

विमला – पद खंड , जगन्नाथ पूरी मंदिर;

तारा तारिणी – स्तन खंड, पुरुषोत्तमपुर , ओडिशा;

कामाख्या – योनी खंड, गुवाहाटी ;

कालीघाट – मुख खंड , कोलकाता ;

यह 4 शक्ति पीठ माता सती के शव के अंगों से उत्पन्न हुए है ।

कालिका पुराण (अष्टशक्ति) में स्पष्ट रूप से लिखा है:

“विमला पद खंडंच,
स्तन खंडंच तारिणी (तारा तारिणी),
कामाख्या योनि खंडंच,
मुख खंडंच कालिका (काली)

अंग प्रत्यंग संगेना
विष्णु चक्र क्षते नाच …”

 

प्राचीन काल से ही भारत को देवभूमि एवं मंदिरों का देश कहा जाता है। हमारे देश में शायद ही ऐसा कोई छोटा-बड़ा शहर हो या गाँव ,जहाँ पर एकाधिक प्रसिद्ध मंदिर न हो l

 

मंदिर हमारी ईश्वर के प्रति अगाध आस्था एवं हमारी प्राचीन परंपरा के केंद्र रहे हैं।साथ ही साथ मंदिर इस बात को सुनिश्चित करते हैं कि जीवन की हर अवस्था में किसी भी विपरीत परिस्थितियों मे मनुष्य का आध्यात्मिक संबल बना रहे l मुश्किल समय में मंदिर और स्थापित भगवान का स्मरण हमारे हृदय और मन में सकारात्मक भावों का प्रवाह कर हमें आत्मविश्वासी बनाता है l

 

यही नहीं पर्यटन की दृष्टि से भी मंदिरों का हमारी संस्कृति में खास महत्व है। बेहद प्रसिद्ध प्राचीन मंदिरों को देखने के लिए लोग एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाते हैं, और वहां से अच्छी यादें, अच्छी सीख ले कर जीवन को और बेहतर बनाने कोशिश करते हैं।इससे आदर्श मनुष्य के व्यक्तित्व का निर्माण होता है l

आज ऐसे ही एक देवी के दिव्य मंदिर के विषय में आपको बताते हैं जो है हिमालय के गोद में बसा इस आस्था के केंद्र के विषय में l श्री जगत तारिणी माता मंदिर खडुल के नाम से यह मंदिर पूरे देश – दुनिया और इंटरनेट पर जाना जाता है ।

आदिशक्ति तारिणी देवी को समर्पित यह मंदिर हिमाचल प्रदेश के काँगड़ा ज़िले के पालमपुर तहसील में खडुल ग्राम में स्थित है।

भारत में आदि शक्ति के 51 शक्तिपीठों में से उड़ीसा के ब्रह्मपुर में स्थित तारा – तारिणी मंदिर भी एक पीठ माना जाता है।

 

जिन-जिन स्थानों पर देवी सती के अंग गिरे थे, उन स्थानों को शक्तिपीठ माना गया है। बात अगर तारा और तारिणी मंदिर की करें, तो इस स्थान पर देवी के वक्षस्थलों की पूजा होती है। इतिहास की दृष्टि से देखा जाए, तो कलिंग साम्राज्य के शासकों द्वारा देवी के रूप में मां तारा / तारिणी की पूजा की जाती थी।

हिमाचल स्थित श्री जगत तारिणी माता मंदिर खडुल की स्थापना स्वर्गीय वरडू राम शर्मा द्वारा उनके स्वर्गवासी माता-पिता के स्मरण में वर्ष 1998 में की गई। बीते 25 वर्षों में श्री जगत तारिणी माता के आशीर्वाद से पूरा गांव एवं क्षेत्र प्रफुल्लित है। गांव के लोग धन-धान्य से परिपूर्ण हैं। और सभी की माता के प्रति अगाध श्रद्धा एवं आस्था है।मंदिर परिसर में एक अलग ही ईश्वरीय शक्ति की अनुभूति होती है।

श्री जगत तारिणी माता मंदिर खडुल की महिमा व्यापक मानी जाती है, और इस क्षेत्र के ज़्यादातर घरों में अधिष्ठात्री देवी के रूप में इनकी पूजा की जाती है।भक्तों द्वारा बताया कि लगभग २० साल पहले बच्चे खेल रहे थे , अचानक एक लड़की आयी कुछ देर बच्चों के साथ खेली और अचानक ग़ायब भी हो गई… ऐसा माना जाता है की वह माता की ही रूप थी । मान्यता है की मंदिर में पॉजिटिव वाइब्रेशन महसूस होती है और भक्तों को सेवा कराने के लिए स्वयं श्री जगत तारिणी माता बुलाती है।

मंदिर में श्री गणेश , श्री राम , श्री श्री राधे कृष्ण, श्री शिव , हनुमान , साई बाबा आदि की प्रतिमाए भी विधिवत संस्कारों से स्थापित है

आध्यात्मिक , धार्मिक , सामाजिक एवं प्राचीन परम्पराओं को समेटे हुए मंदिर का विहंगम एवं मनोरम दृश्य भक्तों का मन मोह लेता है। इस सच्चे दरबार में भक्त अपने मन की सभी कामनाएं लेकर जाते हैं और मातारानी उनकी सभी कामनाओं को पूर्ण करती है ऐसा भक्तों मानना है ॥

श्री जगत तारिणी माता मंदिर खडुल के संस्थापक एवं रजत जयंती वर्ष समारोह के मुख्य आयोजक डॉक्टर राकेश शर्मा स्थानीय महिलाओं का सशक्तिकरण , कलाकारों को स्टेज , खिलाड़ियों को मैदान , युवकों को रोज़गार एवं कौशल विकास , हिमाचली हस्त उत्पादों को बाज़ार को मुहैया कराने के लिए कमेटी के सदस्य, सभी भक्तों, दानदाताओ और सेवादारों एवं सरकार के सहयोग से कर रहे है। श्री जगत तारिणी माता मंदिर अपने अनोखे स्वरूप के कारण सिर्फ भक्ति नहीं अपितु ज्ञान एवं कर्म का भी अनोखा संगम है।

चलो बुलावा आया है, जगत तारिणी ने बुलाया है ॥

जय श्री जगत माता दी ।

 

(लेखक सोशल मीडिया सचेतक है । यह उनके अपने विचार है)

 

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