हैप्पीनेस प्रोग्राम” में सुदर्शन क्रिया के जरिए लोगों की परेशानिया होंगी दूर, खिलेंगे चेहरे, जानें कैसे
Abhishek Sharma / Baidyanath Halder
Greater Noida (26/02/2020) : दिल्ली एनसीआर में आर्ट ऑफ़ लिविंग संस्था द्वारा 4 दिवसीय “हैप्पीनेस प्रोग्राम” आयोजित कराया जाएगा। जिसमें लोगों को तनावमुक्त रहने की क्रिया सिखाई जाएंगी। यह कार्यक्रम दिल्ली-एनसीआर के करीब 350 केंद्रों पर आयोजित किया जाना है।
27 से 29 फरवरी तक इस कार्य्रकम में लोगों को सुदर्शन क्रिया के जरिए खुश रहने के लिए ट्रेनिंग दी जाएगी। वहीं 1 मार्च को दिल्ली के त्यागराज स्टेडियम में श्री श्री रविशंकर इस कार्य्रकम में जुड़ने वाले लोगों को संबोधित करेंगे और मैडिटेशन कराया जाएगा। ग्रेटर नोएडा में परीचौक के पास एनआरआई सिटी में आर्ट ऑफ़ लिविंग के केंद्र पर योग शिक्षिका एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ साधना जायसवाल यहाँ पर क्लास देंगी।
वही यह कार्यक्रम ग्रेटर नोएडा में भी आयोजित किया जाएगा। इस कार्यक्रम की ग्रेटर नोएडा संयोजक डॉ. साधना जायसवाल ने टेन न्यूज़ से बात करते हुए बताया कि किस तरह से इस कार्यक्रम के जरिए लोगों को एक खुशहाल जीवन दिया जा सकता है।
उनका कहना है कि आज के समय में लोगों के पास अपने लिए ही समय नहीं है , जिसके कारण लोग काफी तनाव लेने लगते हैं। जिससे उनका मानसिक एवं शारीरिक संतुलन बिगड़ने लगता है। आज के दौर में इस तरह के मामले अधिकतर देखे गए है।
जहां टेक्नोलॉजी के इस दौर में लोगों को हाईटेक हो गए हैं, ऐसे में एक दूसरे से लोगों का मिलना जुलना कम हो जाता है। नौकरी करने वाले लोगों में भी यही समस्या आमतौर पर देखी जा रही है कि काम के चक्कर में लोग अपना ध्यान रखना बंद कर देते हैं। जिससे समस्याएं उत्पन्न होना शुरु कर देती हैं।
ऐसी परिस्थिति में आमतौर पर लोगों को मानसिक बीमारियों से जूझना पड़ता है। हालांकि इसका एक मात्र उपाय सिर्फ योग है, माध्यम से इसको ठीक किया जा सकता है। जिसके लिए आर्ट ऑफ लिविंग संस्था द्वारा 27 फरवरी से 1 मार्च तक हैप्पीनेस प्रोग्राम आयोजित किया जा रहा है। जिसमें लोग आकर सुदर्शन क्रिया के माध्यम से अपने आप को खुश महसूस कर पाएंगे। ऐसा डॉक्टर साधना जायसवाल का मानना है।
उनका कहना है कि अक्सर हम अपने जीवन पर तनाव से होने वाले प्रभाव से अपरिचित रहते हैं। प्राय हमारा मन भूतकाल को लेकर क्रोध या पश्चाताप की जकड़ में रहता है अथवा भविष्य को लेकर चिंतित रहता है। मन के इस व्यवहार के कारण हमारे और हमारे आस पास के लोगों पर दुष्प्रभाव तो पड़ता ही है, साथ ही हमारी कार्यकुशलता भी प्रभावित होती है।
श्वास हमारे शरीर और मन के बीच की कड़ी है, इसलिए यह मन और नकारात्मक भावनाओं को संभालने का साधन भी है और व्यवसाय, घर या खाली समय में अपनी सही क्षमता को अनुभव करने का माध्यम भी। सुदर्शन क्रिया सब समस्याओं के लिए श्रेष्ठ है।
यह कार्यक्रम दिल्ली-एनसीआर के 350 केंद्रों पर आयोजित किया जाना है। जिसमे करीब 8 हजार लोगों के जुड़ने की उम्मीद है। इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए रजिस्ट्रेशन निचे दिए गए लिंक पर क्लिक कर किया जा सकता है।
http://www.artofliving.online/registration.php?event_id=449262