देश में कृषि बिल के खिलाफ किसानों के आंदोलन को करीब सवा महीने से अधिक समय से होने को आया है, लेकिन इस पर घमासान अभी तक जारी है। हालांकि, अब ये मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंच चुका है, जल्द ही कुछ समाधान होने की उम्मीद है। आज 11 जनवरी काे सुप्रीम कोर्ट ने कृषि कानूनों पर सख्त रुख अपनाया है।
सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से पूछा- दरअसल, आज किसान आंदोलन और कृषि कानूनों की वैधता पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो रही है। सुनवाई के दौरान भारत के मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि, ”जिस तरह से प्रक्रिया चल रही है, हम उससे निराश हैं।” इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से स्पष्ट पूछा- क्या वह कानून को स्थगित करती है या फिर वह इसपर रोक लगा दे?
कृषि कानूनों की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर मुख्य न्यायाधीश ने केंद्र सरकार से कहा कि अगर केंद्र सरकार कृषि कानूनों को लागू करने पर रोक नहीं लगाना चाहती, तो हम इन पर रोक लगाएंगे। आपने इसे ठीक से नहीं संभाला है हमें आज कोई कदम उठाना होगा।
सुनवाई के दौरान कोर्ट की तरफ से कहा गया कि किसान कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं, उन्हें समिति को अपनी आपत्तियां बताने दें, हम समिति की सिफारिशों को स्वीकार कर सकते हैं । कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों से सुप्रीम कोर्ट ने कहा, आपको भरोसा हो या नहीं, हम भारत की शीर्ष अदालत हैं, हम अपना काम करेंगे। हमें नहीं पता कि, लोग सामाजिक दूरी के नियम का पालन कर रहे हैं की नहीं, लेकिन हमें उनके (किसानों) भोजन पानी की चिंता है।
कोर्ट ने कहा कि हम अर्थव्यवस्था के विशेषज्ञ नहीं हैं, आप बताएं कि सरकार कृषि कानून पर रोक लगाएगी या हम लगाएं। उच्चतम न्यायालय ने कृषि कानूनों को लेकर समिति की आवश्यकता को दोहराते हुए कहा कि, अगर समिति ने सुझाव दिया तो, वह इस कानून के लागू होने पर रोक लगा देगा।