टैक्स चोरी रोकने के लिए गौतमबुद्धनगर में दूसरे चरण में लगाए जाएंगे आरएफआई डिवाइस 

Abhishek Sharma / Rahul Kumar Jha

टैक्स चोरी रोकने के लिए अन्य प्रदेश से जुड़े राज्यों की सीमा पर अब रेडियो फ्रिक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन डिवाइस (आरएफआईडी) लगाई जाएंगी। इसके लिए सूबे में 42 टावर लगाए जाने हैं।  पहले चरण में गाजियाबाद, आगरा, झांसी, इलाहाबाद, गोरखपुर, देवरिया में सर्वे कर टावर लगेंगे, जबकि दूसरे चरण में गौतमबुद्ध नगर में सर्वे होगा।


आपको बता दें कि गौतमबुद्ध नगर आंकड़ों में अन्य जिलों की तुलना में ज्यादा टैक्स प्रदेश सरकार के खाते में जमा कराता है। दिल्ली के सभी बार्डर पर आरएफआईडी  टावर लगाए जा चुके हैं। उत्तर प्रदेश में उत्तराखंड, हरियाणा, राजस्थान, मध्यप्रदेश, झारखंड, बिहार आदि की सीमा पर लगाए जाने हैं।

टावर लगाने के लिए जिलों की सीमा का सर्वे कराया जा रहा है। आरएफआईडी का सेंटर प्वाइंट दिल्ली और प्रदेश स्तर पर लखनऊ में होगा। यहां से मॉनीटरिंग की जाएगी। बड़े वाहन जिस मुख्य रास्ते से होकर गुजरते हैं। वहां एक बारकोड लगा दिया जाएगा। माल ढोकर लाने वालों वाहनों पर भी नियत स्थान पर बारकोड लगा होगा।

ख़ास बात यह है कि क्या सामान है, कितने का माल है? कहां से कहां जा रहा है? किस व्यापारी है, जैसी जानकारी बारकोड में होगी। मशीन द्वारा स्कैन करते ही विभाग के पास जानकारी पहुंच जाएगी और वाहन का रूट भी पता चल जाएगा। अगर कोई वाहन चालक बिना बारकोड के आता है तो उसे टैक्स चोरी माना जाएगा और उस पर पेनल्टी भी लगेगी।

वाहनों से होने वाली टैक्स चोरी पकड़ने की जिम्मेदारी सचल दस्ते की होती है। बारकोड स्कैनिंग के लिए टीम बनेगी। स्कैन होते ही जानकारी वरिष्ठ अफसर और सचल दस्ते के पास पहुंचेगी। स्कैनिंग न होने पर वाणिज्य कर विभाग का सचल दस्ता तत्काल वाहन का पीछा कर उसे पकड़ लेगा।

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