Text of PM’s remarks to the media during the Joint Press Statement with German Chancellor Angela Merkel at Berlin

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चांसलर मर्कल,

मीडिया के सदस्य

मैं चांसलर मर्कल का और जर्मनी का आभार व्यक्त करता हूँ मेरा और मेरी delegation का गरमजोशी और सम्मान की भावना से स्वागत के लिए।

और विशेष करके इस लिए कि मेरी सरकार के पहले साल में उन्होंने भारत को विश्व के सबसे बड़े Trade Fair में Partner Country चुना। चांसलर मर्कल ने Hannover में मुझे, मेरे डेलीगेशन और भारत की कई कंपनीज के CEOs के साथ अपना बहुमूल्य समय दिया। और आज फिर से बर्लिन में मेरा और मेरे डेलीगेशन का हार्दिक स्वागत किया।

मैं इस बात के लिए धन्यवाद देता हूं कि बड़े खुले मन और गहराई से भारत और जर्मनी के संबंधों के बारे में उन्होंने बातचीत की है। यह उनके जर्मनी के हितों पर ध्यान और भारत और जर्मनी के संबंधों के लिए प्रतिबद्धता का प्रतीक है।

और उन्होंने कल Hannover में भारत के Lion के निमंत्रण को स्वीकार किया और आश्वस्त किया कि जर्मनी के ईगल द्वारा उसका ठोस उत्तर देंगी। मेरा विश्वास है कि धरती का राजा, Lion, और आकाश के राजा, eagle, की अच्छी जोड़ी बनेगी।

जब मैं पिछली बार बर्लिन आया था तो उस शाम बर्लिन ने world cup final में सफलता प्राप्त की थी। मैं आज यह महसूस कर रहा हूँ कि भारत और जर्मनी की Strategic partnership को एक नयी उँचाई पर ले जाने में हम अवश्य सफल होंगे।

भारत में जब कोई Technology, manufacturing या High Quality की बात करता है तो सबसे पहले जर्मनी का नाम ध्यान में आता है। तो यह स्वाभाविक है कि आज भारत जब आर्थिक विकास और रोजगार के लिए Make in India के नये रास्ते पर चला है तो उसे जर्मनी के साथ की अपेक्षा है।

आर्थिक परिवर्तन या सामान्य व्यक्ति के जीवन में सुधार के किसी भी उद्देश्य के बारे में सोचें तो उसमें Technology, Skills, Innovation और Investment की बड़ी भूमिका होती है। मेरा जर्मनी आने का उद्देश्य यह था कि मैं जर्मन Industry को भारत में आने के लिए आमंत्रित करूँ और उन्हें आश्वस्त करूँ कि उन्हें एक खुले, आसान और स्थिर आर्थिक माहौल मिलेगा और जिसमें प्रवेश करने में और काम करने में मेरी तरफ से पूरी सहायता मिलेगी।

चांसलर मर्कल और जर्मन Industry के उत्साह और रूचि को देखकर मैं बहुत प्रोत्साहित महसूस कर रहा हूँ। उनके फीडबैक से नीतियों को बनाने में मुझे बहुत लाभ होगा।

मैंने यह निर्णय किया है कि जर्मन कंपनीस के लिए हम एक mechanism बनाएँगे ताकि उनको भारत में निवेश करने में, business करने में सुविधा हो।

भारत का Make in India और हमारे युवाओं को रोजगार Skill Development पर आधारित है। जर्मनी विश्व में इस क्षेत्र में लीडर है। भारत में Skill Development हमें अपनी परिस्थितियों को देखते हुए करनी होगी। साथ ही साथ जर्मनी से हम बहुत कुछ सीख सकते हैं और इस बारे में विस्तार से बातचीत हुई है। उसी प्रकार Science, Technology और Education में हम और घनिष्ठ संबंध और सहयोग बढ़ायेंगे।

एक क्षेत्र, जो मेरे लिए निजी रूप से और देश के लिए बहुत बड़ी प्राथमिकता रखता है वह है Renewable energy और Energy Efficiency । जैसाकि मैंने पहले कहा कि हमने अगले 7 सालों में 175 गीगावाट का Renewable energy का बहुत बड़ा लक्ष्य रखा है। जर्मनी इस क्षेत्र में भारत का बड़े स्तर पर आर्थिक सहयोग कर रहा है। मैं चाहूंगा कि इसके साथ ही साथ जर्मनी, भारत में Clean Energy के उपकरण बनाने में भी आगे बढ़े। और साथ मिलकर climate change की चुनौती का सामना करें।

भारत Manufacturing hub बनेगा और Infrastructure का विस्तार होगा तो trade के लिए भी लाभदायक होगा। आयात की जरूरत और बढ़ेगी। और स्वाभाविक है कि इससे जर्मनी की Industry को भी लाभ पहुंचेगा।

इस संदर्भ में यह भी कहना चाहता हूं कि भारत और यूरोपीय यूनियन Broad Based Trade और Investment Agreement पर बातचीत दो साल से रूकी हुई है। मैंने चांसलर मर्कल से आग्रह किया है कि भारत और यूरोपीय यूनियन की बातचीत को जल्द से जल्द शुरू किया जाए तथा संतुलित और दोनों पक्षों के लिए लाभदायक FTA संपन्न किया जाए।

भारत Advanced Technology और Defence Manufacturing के क्षेत्र में भी सहयोग बढ़ाना चाहता है। आशा करता हूं कि जर्मन इंडस्ट्री इसमें गर्मजोशी से भाग लेंगी और आपकी सरकार से पूरा सहयोग मिलेगा।

चांसलर मर्कल और मैंने अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर भी बातचीत की है। भारत में हमारा यह मानना है कि यूरोप की आर्थिक गति वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए और यूरोप में स्थिरता वैश्विक शांति के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इन दोनों चुनौतियों पर जर्मनी के नेतृत्व की विश्व की अपेक्षा है।

मैं ईरान से सफल बातचीत के लिए भी आपकी सराहना करता हूं। इससे पूरे क्षेत्र पर सकारात्मक प्रभाव होगा। पश्चिम एशिया में अस्थिरता हमारे नागरिकों की सुरक्षा पर असर करती है। अफगानिस्तान में शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक विकास दोनों के लिए महत्व रखता है। इस शताब्दी में एशिया पैसिफिक क्या दिशा लेता है वह सबके लिए मायने रखता है।

आतंक फैल रहा है और नये स्वरूप ले रहा है। इसका खतरा अब विश्व के सभी भूभाग में हम करीब से अनुभव कर रहे हैं। इस वैश्विक चुनौती के लिए व्यापक वैश्विक Strategy की आवश्यकता है। जिसमें भारत और जर्मनी मिलकर काम कर सकते हैं। आने वाले समय में समुद्री, साइबर और अंतरिक्ष सुरक्षा सभी के लिए चिंता का कारण बन सकते हैं और हमें इसमें सहयोग बढ़ाना है।

मेरा मानना है कि भारत और जर्मनी दोनों ऐसे देश हैं जिन्हें UN Security Council में स्थाई सदस्यता का अधिकार है और इससे विश्व भी लाभान्वित होगा। हम दोनों चाहते हैं कि 70वीं वर्षगांठ एक उत्तम अवसर बने जिसमें UN Security Council Reform को पूरा किया जा सके। हम दोनों पेरिस में एक सफल COP-21 की अपेक्षा करते हैं।

अंत में, मैं एक बार फिर कहना चाहूंगा कि सफल और Productive यात्रा के लिए मैं आप सभी का, विशेष रूप से चांसलर मर्कल का आभार प्रकट करता हूँ। और मैं अक्टूबर में चांसलर मर्कल की भारत की यात्रा का उत्सुकता से इंतज़ार करूंगा।

Thank you.

 

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