कोरोना के प्रति सरकारी तन्त्र की संवेदनशीलता की जमीनी सच्चाई

By Deepak Srivastava

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Greater Noida (23/03/2020) : अभी मेरे एक मित्र को कुछ समय से सर्दी जुकाम इत्यादि की शिकायत थी। उन्होंने जहाँ जांच कराई, वहां के डाक्टरों की टीम द्वारा इसे कोरोना का संदिग्ध मामला बताया गया तथा उन्हें 29 दिन के आइसोलेशन में रहने का निर्देश दिया गया, साथ ही उनके परिवार को भी जांच के लिए निर्देशित किया गया था। यह बात सुनते ही सभी सहकर्मी सकते में आ गए तथा कोरोना जांच के प्रयास प्रारम्भ हुए। टेन न्यूज़ के निदेशक श्री गजानन माली जी ने मामले की गम्भीरता को समझते हुए तुरन्त जिले के प्रमुख चिकित्साधिकारी से बात कराई किन्तु चूंकि मरीज का विदेश से आने का कोई रिकॉर्ड नहीं था, अतः उन्होंने इस मामले को गम्भीरता से नहीं लिया तथा अन्यत्र इलाज कराने को कहा साथ ही यह भी कहा कि आप कोरोना का नाम न लें अन्यथा कोई आपका केस नहीं लेगा। श्री गजानन माली जी ने इस सम्बन्ध में जिलाधिकारी से भी बात की किन्तु वहां भी संवेदनहीनता ही मिली। उक्त सूचना कोरोना की राष्ट्रीय हेल्पलाइन पर whatsapp, ई -मेल, तथा फोन, तीनों माध्यमों से दी गई थी किन्तु कोई उत्तर नहीं मिला।

खैर! रात तो जैसे-तैसे बीत गई किन्तु जब सुबह उनके मकानमालिक को संदेह हुआ तो उन्होंने इसकी सूचना पुलिस को दी तथा पुलिस ने एम्बुलेन्स से उन्हें जिला अस्पताल पहुंचाया। जिला अस्पताल को मामले की जानकारी होने के बावजूद वहां जांच की कोई व्यवस्था नहीं की गई तथा मेरे मित्र को लगभग ढाई घण्टे इन्तजार करना पड़ा जिसका कोई नतीजा नहीं निकला। टेन न्यूज़ की टीम द्वारा जांच हेतु दबाव बनाये जाने के बावजूद प्रयास निष्फल रहे।

अन्ततः कोरोना जांच के लिए वे एक टैक्सी लेकर दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल पहुंचे किन्तु वहां जांच के लिए RML अस्पताल रेफर कर दिया गया। बीमारी के बावजूद इतने संघर्ष और थकान भरी यात्राओं के बाद RML अस्पताल में उनकी जांच हुई जहाँ उनका कोरोना रिजल्ट निगेटिव निकला।

यह तो अच्छा है कि मेरे मित्र कोरोना से संक्रमित नहीं निकले किन्तु यह पोस्ट लिखने के पीछे यही उद्देश्य है कि एक ओर जहाँ हमारे प्रधानमन्त्री कोरोना की गम्भीरता को समझते हुए निरन्तर जनता से संवाद कर रहे हैं तथा आवश्यक कदम उठा रहे हैं। प्रदेश के मुख्यमंत्री भी आगे बढ़कर लोगों की सहायता हेतु आवश्यक कदम दृढ़ता से उठा रहे हैं किन्तु स्थानीय प्रशासन स्तर पर इस प्रकार की लापरवाही देशवासियों के जीवन से खिलवाड़ कर सकती है और ऐसी स्थिति में देश में स्थिति भयावह हो सकती है जिसका हल किसी के पास नहीं होगा।

— दीपक श्रीवास्तव

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