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नई दिल्ली :– केंद्र सरकार की निजीकरण की नीति के खिलाफ बैंक कर्मचारी दो दिन हड़ताल पर हैं। आल इंडिया नेशनलाइज बैंक ऑफीसर्स फेडरेशन (एआईएनबीओएफ) के नेतृत्व मे दिल्ली के सैकड़ो कर्मचारी सड़क पर उतरे और सरकार की इस नीति का विरोध किया।
बैंक कर्मचारियों ने कहा सरकार लोकहित को नजरंदाज कर रही है। ऑल इंडिया बैंक एम्प्लॉइज एसोसिएशन के उपाध्यक्ष जेपी शर्मा ने बताया कि निजीकरण की नीति के खिलाफ जंतर-मंतर पर दो दिन से धरना हो रहा है। आज इस प्रदर्शन का दूसरा दिन है। सरकारी व अर्ध सरकारी बैंकों के हज़ारों कर्मचारी जंतर-मंतर पर पहुंचे है।
उन्होंने सरकार से सवाल किया कि जब जनहित के नाते वर्ष 1969, 1980 और 1984 में निजी बैंकों को राष्ट्रीयकृत किया गया, तो आखिर अब किस कारण सरकार बैंको का निजीकरण कर रही है।
जेपी शर्मा ने कहा कि सरकार कहती है कि सरकारी बैंको को नुकसान हो रहा है, इसका कारण भ्रष्टाचार है। सरकार सरकारी बैंकों के एनपीए जुटा ले देश के गरीबों की बड़ी समस्याओं हल हो जाएगी। अगर सरकारी बैंक बंद हुए तो गरीब व्यक्ति मारा जाएगा।
स्वनिधि योजना, मुद्रा योजना जैसी तमाम योजनाएं सरकारी बैंकों से चलती हैं। सरकारी बैंक नहीं होंगे तो यह योजनाएं गरीबों तक नहीं पहुंचेंगी। यह सरकार बिना जनहित की चिंता किए कभी भी, कोई भी एमेंडमेंट कर देती है।
सरकार की इस मनमानी के खिलाफ बैंक कर्मचारी अब पीछे नहीं हटेंगे। उन्होंने बताया कि हड़ताल करने पर उनका वेतन कटता है। लेकिन इसकी परवाह किये बगैर निरंतर विरोध जारी रहेगा।