ग्रेटर नोएडा में बनेगा प्रदेश का पहला ‘डाटा सेंटर पार्क’, क्या होंगी खूबियां, पढें पूरी खबर

ABHISHEK SHARMA

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उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार ने करीब 600 करोड रुपए के निवेश से राज्य में पहला डाटा सेंटर पार्क बनाने के प्रोजेक्ट को मंजूरी दी है। मुंबई का हीरानंदानी समूह ग्रेटर नोएडा में करीब 20 एकड़ भूमि पर इसे बनाएगा। यह परियोजना जहां युवाओं के लिए रोजगार का बड़ा अवसर लेकर आएगी, वहीं अन्य जगहों पर काम कर रही आईटी कंपनियों को अपना कारोबार करने में मदद मिल सकेगी।

एक सरकारी प्रवक्ता का कहना है कि अत्याधुनिक तकनीक और सुविधाओं से लैस यह अपनी तरह का पहला डेटा सेंटर पार्क होगा। राज्य के विकास और रोजगार देने वाले इस प्रोजेक्ट के लिए मुख्यमंत्री योगी पहला डेटा सेंटर पार्क होगा राज्य के विकास और रोजगार देने वाले इस प्रोजेक्ट के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को निर्देश देकर जमीन की व्यवस्था कर दी है।

मुंबई के रियल एस्टेट डेवलपर हीरानंदानी ग्रुप ने मुंबई, चेन्नई और हैदराबाद में इस तरह के डाटा सेंटर पार्क बनाने के बाद अब उत्तर प्रदेश का रुख किया है। प्रवक्ता ने बताया कि डाटा सेंटर पार्क को लेकर कई अन्य कंपनियों ने भी रुचि दिखाई है। डाटा सेंटर बनाने के बाद दूसरे राज्यों में संचालित हो रही कंपनियों को भी प्रदेश से जोड़ा जा सकेगा।

डाटा सेंटर के क्षेत्र में निवेश के लिए रैक बैंक, अदानी समूह व अन्य कंपनियों ने 10 हजार करोड के भारी-भरकम निवेश का प्रस्ताव राज्य सरकार को दिया है। डाटा सेंटर में बिजली की खपत ज्यादा होती है, इसलिए ओपन एक्सेस से डाटा सेंटर पार्क को बिजली दी जाएगी।

बता दें कि अभी पर्याप्त डाटा सेंटर न होने के कारण उत्तर प्रदेश समेत देश के तमाम हिस्सों का डाटा विदेशों में रखे जाते हैं। इसके बनने के बाद हम अपने देश में ही अपना डाटा सुरक्षित रख सकेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर कुछ समय से देशभर में इस तरह के डाटा सेंटर बनाने की योजना पर काम चल रहा है।

राज्य सरकार डाटा सेंटर के क्षेत्र में व्यापक संभावनाओं को देखते हुए इसके लिए अलग नीति भी बना रही है। डाटा सेंटर नेटवर्क से जुड़े हुए कंप्यूटर सर्वर का एक बड़ा समूह है। बड़ी मात्रा में डाटा स्टोरेज प्रोसेसिंग व वितरण के लिए कंपनियों द्वारा इसका उपयोग किया जाता है।

उत्तर प्रदेश में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म मसलन फेसबुक, टि्वटर, व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम, यूट्यूब आदि के करोड़ों उपभोक्ता हैं। इन यूजर्स से जुड़ा डाटा सुरक्षित रखना महंगा व मुश्किल काम रहता है। इसके अलावा बैंकिंग, रिटेल व्यापार, स्वास्थ्य सेवा, यात्रा पर्यटन और आधार कार्ड आदि का डाटा भी खासा अहम है।

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