New Delhi: यूपीएससी के उम्मीदवार एक अतिरिक्त प्रयास की मांग कर रहे हैं। अपनी मांगों को लेकर UPSC अभ्यर्थी लगातार दिल्ली में प्रदर्शन कर रहे हैं। कल इन छात्रों ने गृह मंत्री से मिलने की कोशिश की, लेकिन उन्हें गृह मंत्री से अपॉइंटमेंट मिलने के बाद भी मिलने नहीं दिया गया और प्रशासन ने रोक लगा कर थाने में छात्रों को बंद कर दिया।
यूपीएससी के उम्मीदवारों को उम्मीद है कि तीन कृषि कानूनों को वापिस लेने के फैसले की तरह सरकार उनकी मांगों को भी सुनेगी। यह दावा करते हुए कि कोरोना महामारी ने उनकी तैयारियों को प्रभावित किया है, यूपीएससी के उम्मीदवारों का एक वर्ग अपनी मांगों के लिए विरोध प्रदर्शन कर रहा है। इनकी मांग है कि केंद्र सरकार की UPSC परीक्षाओं में दो और प्रयास और दो साल की आयु में (2020 के उम्मीदवारों सहित) छूट दी जाए।
छात्रों ने कहा की तमाम कई लोग कोरोना के चलते ठीक से तैयारी नहीं कर पाए और परीक्षा देने के और दो मौके की मांग कर रहे हैं। सरकार हमारी मांग को मान नहीं रही है कोरोना के दौरान हम अपनी सुरक्षा करते या एग्जाम देते। देश में अलग अलग आंदोलन कर रहे छात्रों की बात सरकार मान रही है लेकिन हम जैसे छात्रों का क्या कसूर है।
प्रधानमंत्री कहते हैं की युवा देश की ताकत है लेकिन आज देश के युवा सड़क पर हैं सरकार सुनने को त्यार नहीं है।
यूपीएससी अभ्यर्थियों के समर्थन में समाज सेविका योगिता भयाना भी लगातार जंतर-मंतर पहुंच कर छात्रों का हौसला बढ़ा रही हैं। छात्रों की मांग जायज है और इन्हीं अभ्यर्थियों पर पूरे देश के सिस्टम का ढांचा तैयार होता है, ऐसे में इनको अतिरिक्त मौका दिया जाना चाहिए क्योंकि यहां पर बहुत सारे ऐसे बच्चे हैं जिन्होंने अपने प्रियजनों को कोरोनावायरस की वजह से खोया है।
जिस तरीके से छात्रों को गृह मंत्री से मिलने से रोका गया ये छात्रों पर अत्याचार है।