नई दिल्ली :– दिल्ली के जंतर मंतर पर आज यूपीएससी के सैकड़ों अभ्यर्थियों ने अपनी माँगो को लेकर सत्याग्रह किया। आपको बता दें कि यूपीएससी के तमाम अभ्यर्थी सिविल सेवा परीक्षा में अतिरिक्त मौका देने की माँग को लेकर प्रदर्शन करते आ रहे है।
खासबात यह है कि अतिरिक्त मौका देने की माँग को लेकर लोकसभा और राज्यसभा के सांसदों से मुलाकात भी की , लेकिन उनकी माँग पूरी नहीं हुई । वही यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा 24 मार्च को होने वाली है , लेकिन अभी तक इन कैंडिडेटों को मौका नही दिया जा रहा है।
वही प्रदर्शन कर रहे कैंडिडेटों ने कहा कि कोरोना महामारी के कारण अक्टूबर, 2020 में हुई सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा में कई उम्मीदवार शामिल नहीं हो पाए। कई छात्र ऐसे भी रहे, जो संक्रमण की वजह से तैयारी समुचित तरीके से नहीं कर सके।
ऐसे में महामारी के दौरान अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखते हुए सभी के पास 2020 में परीक्षा छोड़ने से बचने का एक विकल्प होना चाहिए था, मगर यूपीएससी द्वारा अंतिम प्रयास में परीक्षा में बैठने वालों के लिए कोई विकल्प नहीं दिया गया।
साथ ही उन्होंने कहा कि यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा 24 मार्च को होने वाली है , लेकिन हमारी माँग को पूरा नही किया । हम सभी देश की सेवा करना चाहते है , हम मोदी सरकार से कुछ भी नही माँग रहे है , हमारी छोटी सी माँग है कि 24 मार्च को होने वाली परीक्षा में बैठने दिया जाए। हम सभी 8 साल से इस परीक्षा की तैयारियों में लगे हुए थे।
बता दे कि संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा को देश की सबसे प्रतिष्ठित और कठिन परीक्षा के तौर पर माना जाता है। भारत सरकार के अधीन आइएएस और आइपीएस सहित करीब 24 ऐसी सेवाएं हैं, जिनमें हर साल यूपीएससी द्वारा कराई जाने वाली सिविल सेवा परीक्षा के जरिये नियुक्तियां होती हैं।
हर वर्ष लाखों युवा इस परीक्षा में शामिल होते हैं। यह परीक्षा तीन चरणों में पूरे साल भर चलने वाली प्रक्रिया है, लेकिन कोरोना महामारी ने इस परीक्षा की तैयारी करने वाले लाखों अभ्यíथयों पर गंभीर असर डाला। इस परीक्षा की तैयारी के लिए अध्ययन सामग्री व कोचिंग क्लास की जरूरत होती है।