उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद की बैठक में महत्वपूर्ण निर्णय

Galgotias Ad

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता में आज यहां सम्पन्न मंत्रिपरिषद की बैठक में निम्नलिखित महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए:-

उ0प्र0 सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम क्रय नीति अनुमोदित

मंत्रिपरिषद ने उत्तर प्रदेश सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम क्रय नीति को अनुमोदित कर दिया है। यह नीति केन्द्र सरकार की क्रय नीति के अनुरूप है।
ज्ञातव्य है कि भारत सरकार द्वारा 23 मार्च, 2012 के आदेश के माध्यम से एक क्रय नीति प्राख्यापित की गई है, जिसमें मुख्यतः केन्द्रीय सरकार के मंत्रालय, विभाग और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को अपने उत्पादों या सेवाओं के वार्षिक मूल्य का कम से कम 20 प्रतिशत क्रय सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों से किए जाने के प्राविधान किए गए हैं।
भारत सरकार की उक्त क्रय नीति को अवस्थापना एवं औद्योगिक निवेश नीति-2012 के बिन्दु संख्या-4.8 के रूप में स्वीकार किए जाने का निर्णय लिया गया है। सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों से प्रोक्योरमेन्ट में ई-प्रोक्योरमेन्ट को प्रोत्साहन दिया जाएगा। प्रत्येक प्रोक्योरमेन्ट की सूचना अनिवार्यतः विभागीय वेबसाइट पर प्रदर्शित की जाएगी एवं जो प्रोक्योरमेन्ट वेबसाइट पर प्रदर्शित न होगी, उसे नियम विरुद्ध श्रेणी में रखा जाएगा, ताकि नीति के प्राविधानों का दुरुपयोग न हो।
सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों हेतु आरक्षित 358 आयटमों में से हैण्डीक्राफ्ट आयटम की आपूर्ति उत्तर प्रदेश के उद्यमियों से की जाएगी। सरकारी प्रोक्योरमेन्ट सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों की शिकायतों के निस्तारण के लिए सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग में एक शिकायत प्रकोष्ठ, जिसके अन्तर्गत एक टोल-फ्री काॅल सेण्टर की स्थापना की जाएगी, का गठन किया जाएगा।
प्रस्तावित नीति में अनुसूचित जाति की भांति पिछड़ा/अल्पसंख्यक/ महिला/विकलांग वर्ग के स्वामित्व वाले सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों के प्रोत्साहन हेतु भी उपबन्ध किए गए हैं।
उ0प्र0 इलेक्ट्राॅनिक्स मैनुफैक्चरिंग नीति 2014 को मंजूरी

मंत्रिपरिषद ने उत्तर प्रदेश इलेक्ट्राॅनिक्स मैनुफैक्चरिंग नीति 2014 को मंजूरी प्रदान कर दी है। प्रदेश में इलेक्ट्राॅनिक्स निर्माण इकाइयों को आकर्षित करने और इलेक्ट्राॅनिक्स निर्माण क्षेत्र में पूंजी निवेश को बढ़ावा देने के लिए यह निर्णय लिया गया है।
इस नीति में इलेक्ट्राॅनिक्स मैनुफैक्चरिंग इकाइयों की स्थापना के लिए अनेक अभिनव/अद्वितीय वित्तीय व गैर वित्तीय प्रोत्साहनों की व्यवस्था की गई है। नीति के तहत 15 प्रतिशत पूंजी उपादान, 07 वर्षों की अवधि तक 05 प्रतिशत प्रतिवर्ष का ब्याज उपादान, स्टाम्प शुल्क में छूट, घरेलू तथा अंतर्राष्ट्रीय पेटेन्ट्स हेतु फाइलिंग लागत की प्रतिपूर्ति, स्थिर पूंजी निवेश के अधिकतम 100 प्रतिशत की सीमा सहित, 10 वर्षों की अवधि तक वैट/सी.एस.टी. की शत-प्रतिशत प्रतिपूर्ति, इलेक्ट्राॅनिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर्स, एस.पी.वी. अथवा ई.एम.सी. के अंदर स्थित कम्पनियों को सरकारी अभिकरणों से क्रय की जाने वाली भूमि पर प्रचलित सेक्टर दरों पर 25 प्रतिशत की छूट दी जाएगी।
ई.एम.सी. परिसर से बाहर स्थापित विद्यमान इकाइयों द्वारा 25 प्रतिशत या अधिक क्षमता विस्तार पर नई इकाइयों के लिए अनुमन्य प्रोत्साहनों के 50 प्रतिशत के समतुल्य औद्योगिक प्रोत्साहन उपादान तथा सामान्य अवस्थापना सुविधाओं के विकास के लिए केन्द्र सरकार द्वारा प्रदत्त उपादान का 50 प्रतिशत राज्य सरकार द्वारा दिए जाने जैसे वित्तीय प्रोत्साहनों के साथ-साथ अनेक गैर वित्तीय प्रोत्साहनों की व्यवस्था की गई है। 200 करोड़ रुपए से अधिक निवेश करने वाली इकाइयों को अतिरिक्त विशेष प्रोत्साहन दिए जाने पर भी विचार किया जाएगा।
सेमी कंडक्टर वेफर फैब्स तथा ई.एम.सी. आदि की सफलतापूर्वक स्थापना और उसे कार्यशील बनाए जाने हेतु राज्य के इलेक्ट्राॅनिक्स विभाग के अधीन एक मिशन निदेशालय का गठन भी किया जाएगा। इसके साथ ही विभाग के प्रमुख सचिव के मार्गदर्शन में एकल खिड़की निस्तारण इकाई के रूप में नीति कार्यान्वयन इकाई (पी.आई.यू.) भी कार्य करेगी। राज्य में प्रस्तावित सेमी कंडक्टर वेफर फैब परियोजना तथा इलेक्ट्राॅनिक्स मैनुफैक्चरिंग क्लस्टर की स्थापना एवं इलेक्ट्राॅनिक्स मैनुफैक्चरिंग नीति के उद्देश्यों की पूर्ति हेतु मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में एक एपेक्स समिति तथा मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक सशक्त समिति का गठन भी किया जाएगा। राज्य सरकार के इस निर्णय से प्रदेश में बड़े पैमाने पर रोजगार सृजित होंगे।
ज्ञातव्य है कि केन्द्र सरकार द्वारा 02 सेमी कंडक्टर वेफर फैब्स स्थापित करने की अनुमति प्रदान की गई है, जिनमें 01 गे्रटर नोएडा में यमुना एक्सप्रेस-वे पर स्थापित किया जाएगा। इस फैब्स प्लाण्ट में इंटीग्रेटेड सर्किट्स (प्ब्े) इत्यादि का उत्पादन किया जाएगा। यमुना एक्सप्रेस-वे पर 34,399 करोड़ रुपए की लागत से स्थापित किया जाने वाला प्रस्तावित प्लाण्ट जे.पी. ग्रीन्स, स्पोर्ट सिटी, एस.डी.जेड. सेक्टर-25, यमुना एक्सप्रेस-वे डेवलपमेंट अथाॅरिटी जिला गौतमबुद्धनगर में 75 एकड़ भूमि पर स्थापित किया जाएगा।

लखनऊ मेट्रो रेल परियोजना के नाॅर्थ-साउथ काॅरिडोर के प्रथम चरण में
कार्य प्रारम्भ कराने हेतु प्राथमिक सेक्शन के चयन को मंजूरी

मंत्रिपरिषद ने लखनऊ मेट्रो रेल परियोजना के नाॅर्थ-साउथ काॅरिडोर के प्रथम चरण में कार्य प्रारम्भ कराने हेतु प्राथमिक सेक्शन के चयन को मंजूरी प्रदान कर दी है। यह सेक्शन ट्रांसपोर्ट नगर से चारबाग (लगभग 08 कि.मी.) तक होगा। इस पर राज्य सरकार एवं उसकी संस्थाओं के वित्त पोषण से कार्य इस शर्त के साथ प्रारम्भ कराया जाएगा कि यदि भविष्य में केन्द्र सरकार द्वारा निर्धारित वित्त पोषण माॅडल के अंतर्गत प्राथमिक सेक्शन हेतु इक्विटी अथवा वित्त पोषण उपलब्ध नहीं कराया जाता है तो इस सेक्शन का सम्पूर्ण व्यय राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा।

योजनाओं/परियोजनाओं के व्यय प्रस्तावों के मूल्यांकन एवं औचित्य के परीक्षण, अनुमोदन तथा व्यय वित्त समिति की सदस्यता, कार्य क्षेत्र आदि
के सम्बन्ध में संशोधन करते हुए नए प्रस्तावों को मंजूरी प्रदान

मंत्रिपरिषद ने योजनाओं/परियोजनाओं के व्यय प्रस्तावों के मूल्यांकन, औचित्य के परीक्षण व अनुमोदन तथा व्यय वित्त समिति की सदस्यता, कार्य क्षेत्र आदि के सम्बन्ध में संशोधन करते हुए नए प्रस्तावों को मंजूरी प्रदान कर दी है।
ज्ञातव्य है कि प्रदेश के विकास हेतु निर्धारित शासन का एजेण्डा वर्ष 2014-15 में यह एजेण्डा भी निर्धारित किया गया है कि वित्तीय स्वीकृतियों की प्रक्रियाओं का सरलीकरण किया जाएगा तथा बजट में स्वीकृत धनराशि को शीघ्र जारी करने की व्यवस्था की जाएगी ताकि परियोजनाओं/योजनाओं को पूरा करने में अनावश्यक विलम्ब न हो। इसके लिए कृषि उत्पादन आयुक्त की अध्यक्षता में समिति गठित की गई थी। समिति की संस्तुतियों के आधार पर मुख्य सचिव द्वारा विचार-विमर्श उपरान्त लिए गए निर्णय से मंत्रिपरिषद ने सहमति व्यक्त की है। इसमें यह व्यवस्था की गई है कि 05 करोड़ रुपए तक की परियोजनाओं में व्यय के प्रस्ताव का मूल्यांकन एवं औचित्य का परीक्षण प्रशासकीय विभाग, 05 करोड़ रुपए से अधिक एवं 25 करोड़ रुपए तक के प्रस्तावों के मूल्यांकन एवं औचित्य के परीक्षण का अधिकार उन प्रशासकीय विभागों का दिया गया है, जिनमें मुख्य अभियन्ता तैनात होंगे। परन्तु जिन प्रशासकीय विभागों में मुख्य अभियन्ता तैनात नहीं होंगे, वहां 05 करोड़ रुपए से अधिक एवं 25 करोड़ रुपए तक के प्रस्तावों का मूल्यांकन एवं औचित्य का परीक्षण पी.एफ.ए.डी. तथा प्रशासकीय विभाग कर सकेंगे। 25 करोड़ रुपए से अधिक के व्यय प्रस्तावों का मूल्यांकन एवं उनके औचित्य का परीक्षण पी.एफ.ए.डी. तथा प्रमुख सचिव वित्त की अध्यक्षता में गठित व्यय वित्त समिति करेगी।
ऐसे व्यय प्रस्तावों के मूल्यांकन, औचित्य परीक्षण एवं संस्तुति के उपरान्त 25 करोड़ रुपए तक के व्यय के प्रस्तावों का अनुमोदन संबंधित विभागीय मंत्री, 25 करोड़ रुपए से अधिक एवं 100 करोड़ रुपए तक के व्यय प्रस्तावों पर विभागीय मंत्री एवं वित्त मंत्री, 100 करोड़ रुपए से अधिक एवं 200 करोड़ रुपए तक के व्यय प्रस्तावों के अनुमोदन मुख्यमंत्री तथा 200 करोड़ रुपए से अधिक के व्यय प्रस्तावों का अनुमोदन करने का अधिकार मंत्रिपरिषद को दिया गया है।
इसी प्रकार मंत्रिपरिषद ने परियोजनाओं की लागत में पुनरीक्षण की दशा में विभिन्न स्तरों पर अधिकार निर्धारित कर दिए हैं। इसके तहत परियोजना की पुनरीक्षित लागत के 10 प्रतिशत तक पुनरीक्षण का अधिकार प्रशासकीय विभाग को होगा। 10 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि होने पर परियोजनाओं का मूल्यांकन पी.एफ.ए.डी. द्वारा तथा 50 प्रतिशत से अधिक वृद्धि होने की दशा में पुनरीक्षित आगणन का परीक्षण एवं उस पर विचार, व्यय वित्त समिति द्वारा किया जाएगा। 25 करोड़ रुपए से अधिक की पुनरीक्षित की लागत की दिशा में समस्त प्रस्ताव व्यय वित्त समिति के विचारार्थ प्रस्तुत किए जाएंगे और उनका अनुमोदन सक्षम स्तर से प्राप्त किया जाएगा। व्यय के ऐसे प्रस्तावों पर, जिनमें केन्द्र सरकार का अंश 50 प्रतिशत या इससे अधिक है, इनका परीक्षण पी.एफ.ए.डी./व्यय वित्त समिति द्वारा नहीं किया जाएगा। ऐसे प्रस्तावों में भारत सरकार द्वारा, जो केन्द्रांश अनुमन्य किया जाएगा, उसी के सापेक्ष समानुपातिक रूप से राज्यांश की स्वीकृति दी जाएगी।
मंत्रिपरिषद ने व्यय वित्त समिति की सदस्यता में भी संशोधन किया है। इसके तहत प्रमुख सचिव/सचिव वित्त समिति की अध्यक्षता करेंगे। प्रमुख सचिव/सचिव नियोजन, पर्यावरण, प्रशासकीय विभाग, लोक निर्माण विभाग के प्रमुख अभियन्ता अथवा उनके द्वारा नामित अधिकारी जो मुख्य अभियंता के स्तर से कम नहीं होगा, सदस्य नामित किए जाएंगे, जबकि निदेशक, प्रायोजना रचना एवं मूल्यांकन प्रभाग, राज्य नियोजन संस्थान उ0प्र0 संयोजक सदस्य होंगे। इस समिति में निर्माण एजेंसी के प्रबन्ध निदेशक/मुख्य अभियंता विशेष आमंत्री रहेंगे।

गुड़ खाण्डसारी इकाइयों हेतु मण्डी शुल्क समाधान
योजना लागू करने का निर्णय

मंत्रिपरिषद ने चीनी वर्ष 2010-11 एवं 2011-12 हेतु प्रदेश में कार्यरत गुड़ खाण्डसारी इकाइयों हेतु उ0प्र0 कृषि उत्पादन मण्डी अधिनियम-1964 के अन्तर्गत मण्डी शुल्क समाधान योजना लागू किए जाने को अनुमति प्रदान कर दी है। खाण्डसारी उद्योग को बढ़ावा देने एवं मण्डी शुल्क की प्रभावी वसूली के उद्देश्य से गुड़/खाण्डसारी की क्रेशर इकाइयों में मण्डी शुल्क समाधान योजना 1995-96 में लागू की गई थी। चीनी वर्ष 2012-13 की समाधानित धनराशि पर 50 प्रतिशत की वृद्धि करते हुए चीनी वर्ष 2010-11 एवं 2011-12 के लिए गुड़/खाण्डसारी क्रेशर इकाइयों हेतु मण्डी शुल्क समाधान योजना लागू किए जाने का निर्णय लिया गया है। इस योजना के लागू किए जाने से खाण्डसारी उद्योग को बढ़ावा मिलेगा तथा किसानों को उनकी उपज का प्रतिस्पर्धात्मक मूल्य प्राप्त होगा। साथ ही, रोजगार के अवसर भी उत्पन्न होंगे।

मिनी ग्रिड सोलर पावर प्लाण्ट योजना के
क्रियान्वयन हेतु दिशा-निर्देशों को मंजूरी

मंत्रिपरिषद ने मिनी ग्रिड सोलर पावर प्लाण्ट योजना के क्रियान्वयन हेतु दिशा-निर्देशों को मंजूरी प्रदान कर दी है। इसके अन्तर्गत प्रदेश में ग्रामीण क्षेत्रों की विद्युत आवश्यकता की पूर्ति हेतु तथा भारत सरकार की इस योजना से अधिकाधिक लाभ प्राप्त किए जाने के परिप्रेक्ष्य में मिनी ग्रिड सोलर पावर प्लाण्ट योजना निजी विकासकर्ताओं के माध्यम से निर्माण, स्वामित्व, संचालन एवं रख-रखाव (बिल्ड ओन आॅपरेट एण्ड मेनटेन) के स्वरूप पर क्रियान्वित की जाएगी, जिसकी क्षमता न्यूनतम 10 किलोवाट से 500 किलोवाट तक होगी।
मिनी ग्रिड सोलर पावर प्लाण्ट योजना के मुख्य उद्देश्य प्रदेश में सौर ऊर्जा से विकेन्द्रीकृत रूप से विद्युत आपूर्ति को बढ़ावा देने के लिए निजी उद्यमियों, विकासकर्ताओं को प्रोत्साहन दिया जाना एवं प्रदेश के अविद्युतीकृत ग्रामीण परिवारों को रात्रि प्रकाश, मनोरंजन तथा पंखा हेतु विद्युत प्रदान किया जाना है। योजना का क्रियान्वयन उ0प्र0 नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विकास अभिकरण (यूपीनेडा) द्वारा किया जाएगा।
परियोजना के अन्तर्गत स्थापित किए जाने वाले सोलर फोटोवोल्टाईक पावर प्लाण्ट की न्यूनतम क्षमता 10 किलोवाट तथा अधिकतम क्षमता 500 किलोवाट या जैसा कि एम0एन0आर0ई0 भारत सरकार द्वारा निर्धारित किया जाए, तक होगी। परियोजना के क्रियान्वयन हेतु दिए जाने वाले राज्य अंशदान की व्यवस्था अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत विभाग के ग्रामीण विद्युतीकरण मद में की जाएगी।
ग्रामीण घरों में प्रतिदिन 10 घंटे विद्युत आपूर्ति के लिए 30 वाॅट तक भार पर 50 रुपए मासिक टैरिफ, 100 वाॅट तक 150 रुपए तथा 100 वाॅट से अधिक भार पर दरों का निर्धारण उपभोक्ता एवं विकासकर्ता की आपसी सहमति के आधार पर किया जाएगा।

विशेष जोखिम भरे कार्य के दौरान मृत पुलिस कार्मिकों के
आश्रितों को दी जाने वाली अनुग्रह धनराशि बढ़ाने तथा
वर्तमान में निर्धारित श्रेणी में विस्तार का फैसला

मंत्रिपरिषद ने जनपद फिरोजाबाद की घटना में शहीद आरक्षियों के आश्रितों को मुख्यमंत्री सहायता कोष से स्वीकृत धनराशि की प्रतिपूर्ति करने, विशेष जोखिम भरे कार्य के दौरान मृत पुलिस कार्मिकों के आश्रितों को दी जाने वाली अनुग्रह धनराशि बढ़ाए जाने तथा वर्तमान में निर्धारित श्रेणी में विस्तार किए जाने का निर्णय लिया है।
ज्ञातव्य है कि आरक्षी स्व. श्री गिरिराज किशोर एवं स्व. श्री दिनेश प्रताप सिंह 15/16 जून, 2014 की रात में जनपद फिरोजाबाद में बदमाशों से हुई मुठभेड़ में अदम्य वीरता और साहस का परिचय देते हुए शहीद हो गए थे। गृह विभाग की निर्धारित व्यवस्था के अनुसार शहीद आरक्षियों की आश्रित पत्नियों को 10-10 लाख रुपये की सहायता प्रदान की गई थी। इसके अलावा मुख्यमंत्री पीडि़त सहायता कोष से भी 10-10 लाख रुपये की तत्काल आर्थिक सहायता मुख्यमंत्री द्वारा स्वीकृत की गई थी। मंत्रिपरिषद ने निर्णय लिया है कि मुख्यमंत्री पीडि़त सहायता कोष से स्वीकृत कुल 20 लाख रुपये की प्रतिपूर्ति गृह विभाग द्वारा की जाएगी।
पुलिस विभाग के अधिकारियों/कर्मचारियों को विशेष जोखिम भरे कार्य के दौरान अदम्य साहस एवं विशिष्ट वीरता प्रदर्शित करते समय मृत्यु होने पर उनके आश्रितों को गृह विभाग द्वारा अनुग्रह धनराशि अनुमन्य है। इसके तहत कर्तव्यपालन की अवधि में दुर्घटना में मृत्यु हो जाने व कर्तव्यपालन के समय आतंकवादी/अराजक तत्वों की गतिविधियों में हुई हिंसा के फलस्वरूप मृत्यु होने पर 10-10 लाख रुपये के स्थान पर 20-20 लाख रुपये अनुमन्य किए जाने का निर्णय मंत्रिपरिषद द्वारा लिया गया है। देश की सीमा पर अन्तर्राष्ट्रीय युद्ध या सीमा पर छुट-पुट घटनाओं अथवा लड़ाकू आतंकवादियों अथवा अतिवादी आदि की गतिविधियों के फलस्वरूप मृत्यु होने पर अति दुर्लभ पहाड़ी ऊँचाईयों/दुर्लभ सीमा/प्राकृतिक विपदाओं अथवा अति खराब मौसम में कर्तव्यपालन करते हुए मृत्यु होने पर, 15-15 लाख रुपये के स्थान पर 20-20 लाख रुपये की अनुग्रह धनराशि स्वीकृत करने का फैसला भी लिया गया है।
उत्तर प्रदेश के मूल निवासियों जिनका परिवार उत्तर प्रदेश में निवास कर रहा हो तथा जो केन्द्रीय अर्द्ध सैन्यबलों/अन्य प्रदेशों के अर्द्ध सैन्यबलों अथवा भारतीय सेना में कार्यरत रहते हुए कर्तव्यपालन के दौरान आतंकवादी/अराजक तत्वों की गतिविधियों में हुई हिंसा, देश की सीमा पर अन्तर्राष्ट्रीय युद्ध या सीमा पर छुट-पुट घटनाओं अथवा लड़ाकू/आतंकवादियों अथवा अतिवादी आदि की गतिविधियों के फलस्वरूप प्रदेश के बाहर मृत्यु हो जाने पर उनके आश्रितों को 20 लाख रुपये की अनुग्रह धनराशि स्वीकृत किए जाने का फैसला लिया गया है। इसी प्रकार उत्तर प्रदेश के बाहर के निवासी, जो भारतीय सेना अथवा केन्द्रीय/अन्य राज्यों के अर्द्ध सैनिक बलों में कार्यरत हों तथा जिनकी कर्तव्यपालन के दौरान इन्हीं परिस्थितियों में उत्तर प्रदेश में मृत्यु हो जाने पर, उनके आश्रितों को भी 20 लाख रुपये अनुग्रह धनराशि स्वीकृत करने का निर्णय लिया गया है।

एकीकृत औद्योगिक टाउनशिप को विकसित करने हेतु
इक्विटी के रूप में कम्पनी (एस.पी.वी.) को हस्तांतरित की जा रही
भूमि पर स्टाम्प शुल्क से छूट प्रदान करने का निर्णय

ग्रेटर नोएडा औद्योगिक प्राधिकरण द्वारा एकीकृत औद्योगिक टाउनशिप को विकसित करने हेतु इक्विटी ;म्ुनपजलद्ध के रूप में कम्पनी (एस.पी.वी.) को हस्तांतरित की जा रही भूमि पर प्रभार्य स्टाम्प शुल्क से छूट प्रदान करने का निर्णय मंत्रिपरिषद ने लिया है।

नोएडा एवं ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की भांति यमुना एक्सप्रेस-वे
औद्योगिक विकास प्राधिकरण में भी आउट आॅफ कोर्ट समस्या
का समाधान करने हेतु अतिरिक्त प्रतिकर देने की अनुमति

मंत्रिपरिषद ने नोएडा एवं ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में मा. उच्च न्यायालय के निर्देश पर दिए गए 64.7 प्रतिशत अतिरिक्त प्रतिकर की भांति यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण में भी भूमि अधिग्रहण से प्रभावित काश्तकारों से आउट आॅफ कोर्ट समस्या का समाधान करने हेतु प्राधिकरण को 64.7 प्रतिशत अतिरिक्त प्रतिकर देने की अनुमति प्रदान कर दी है।
अतिरिक्त प्रतिकर की धनराशि सम्बन्धित आवंटियों से अनुपातिक रूप से कर ली जाएगी तथा प्राधिकरण के पास उपलब्ध आवंटन योग्य भूमि के आवंटन दर निर्धारण में भी इसे अनुपातिक रूप में अधिरोपित किया जाएगा। प्राधिकरण द्वारा आपसी सहमति के आधार पर बैनामा द्वारा सीधे क्रय की गई भूमि के भू-स्वामियों को भी उक्त हित लाभ दिए जाएंगे।
प्राधिकरण की वित्तीय स्थिति के दृष्टिगत यदि एकमुश्त रूप में अतिरिक्त धनराशि का भुगतान संभव न हो सके, तो किश्तों में अथवा विकसित भूमि के रूप में भुगतान किए जाने पर भी विचार किया जा सकेगा। भू-स्वामियों द्वारा प्राधिकरण को भूमि का भौतिक कब्जा सौंपने तथा किसी भी न्यायालय में विचाराधीन रिट याचिका/वाद को वापस लेने, प्राधिकरण के तथा आवंटियों के विकास कार्यों में भविष्य में भी कोई बाधा उत्पन्न न करने तथा भविष्य में भी भूमि अर्जन के विरुद्ध कोई भी वाद किसी न्यायालय में योजित न किए जाने का अनुबन्ध पत्र प्रस्तुत करने पर ही अतिरिक्त प्रतिकर दिया जाएगा। अतिरिक्त प्रतिकर पर आने वाला व्यय प्राधिकरण द्वारा अपने स्रोतों से स्वयं वहन किया जाएगा।

नैनी, इलाहाबाद स्थित इण्डस्ट्रियल एरिया की भूमि यू.पी.एस.आई.डी.सी. को
हस्तांतरण के फलस्वरूप चरणबद्ध भुगतान का प्रस्ताव अनुमोदित

मंत्रिपरिषद ने नैनी, इलाहाबाद स्थित इण्डस्ट्रियल एरिया की भूमि
यू.पी.एस.आई.डी.सी. को हस्तांतरण के फलस्वरूप चरणबद्ध भुगतान के प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया है।
ज्ञातव्य है कि यू.पी.एस.आई.डी.सी. को इन्टीग्रेटेड इण्डस्ट्रियल टाउनशिप विकसित करने के लिए औद्योगिक आस्थान नैनी की 495.504 हेक्टेयर भूमि हस्तांतरित करने का निर्णय मंत्रिपरिषद द्वारा लिया गया था। इस भूमि का कब्जा प्राप्त करते समय यू.पी.एस.आई.डी.सी. द्वारा 57 करोड़ 20 लाख 49 हजार 49 रुपये की धनराशि राजकोष में जमा की जाएगी। अवशेष 250 करोड़ रुपये की धनराशि का भुगतान 5 समान वार्षिक किश्तों में 9 प्रतिशत वार्षिक साधारण ब्याज सहित राजकोष में जमा किया जाएगा। अवशेष धनराशि किश्त ब्याज सहित आगामी 5 वित्तीय वर्षों के प्रथम माह (अप्रैल) के अंतिम कार्यदिवस तक राजकोष में जमा की जाएगी।
निर्धारित तिथि तक भुगतान न किए जाने की दशा में विलम्ब अवधि हेतु चक्रवृद्धि ब्याज देय होगा। यू.पी.एस.आई.डी.सी. द्वारा अपनी वित्तीय स्थिति को दृष्टिगत रखते हुए अवशेष किश्तों को निर्धारित तिथि के पूर्व भी जमा किया जा सकता है, परन्तु किश्त के आंशिक भुगतान की अनुमति नहीं दी जाएगी।

जनपद सिद्धार्थनगर में केन्द्रीय विद्यालय की स्थापना हेतु
05 एकड़ भूमि निःशुल्क अंतरित कराने का निर्णय

मंत्रिपरिषद ने जनपद सिद्धार्थनगर में केन्द्रीय विद्यालय की स्थापना हेतु ग्राम थरौली, तप्पा थरौली, तहसील नौगढ़ में राजस्व विभाग की 05 एकड़ भूमि माध्यमिक शिक्षा विभाग के माध्यम से केन्द्रीय विद्यालय संगठन के पक्ष में 90 वर्ष के पट्टे पर निःशुल्क अंतरित कराने का निर्णय लिया है। इस पट्टे का प्रत्येक 30 वर्ष बाद नवीनीकरण किया जाएगा।

उ0प्र0 कौशल विकास मिशन के अंतर्गत राजकीय/निजी
प्रशिक्षण प्रदाताओं द्वारा राजकीय एवं सार्वजनिक अवस्थापनाओं
का इष्टतम उपयोग करने संबंधी प्रस्ताव अनुमोदित

मंत्रिपरिषद ने उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन के अंतर्गत राजकीय/निजी प्रशिक्षण प्रदाताओं द्वारा राजकीय एवं सार्वजनिक अवस्थापनाओं का इष्टतम उपयोग करने संबंधी प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया है। इसके तहत उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन द्वारा अनुबंधित बड़े निजी प्रशिक्षण प्रदाताओं को, राजकीय एवं सार्वजनिक भवनों को प्रशिक्षण हेतु उपयोग में लाए जाने के लिए लाइसेंस एग्रीमेंट के माध्यम से कतिपय शर्तों के अधीन उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई है।

कालपी, जालौन में प्रस्तावित 50 मेगावाट क्षमता की
सौर ऊर्जा पावर परियोजना से उत्पादित ऊर्जा को
यू.पी.पी.सी.एल. को विक्रय के लिए टैरिफ निर्धारित

मंत्रिपरिषद ने यूपीनेडा एवं एन.एच.पी.सी. के संयुक्त उपक्रम द्वारा कालपी, जनपद जालौन में प्रस्तावित 50 मेगावाट क्षमता की सौर ऊर्जा परियोजना से उत्पादित ऊर्जा को यू.पी.पी.सी.एल. को विक्रय के लिए टैरिफ निर्धारित कर दिया है। इसके तहत यू.पी.पी.सी.एल. द्वारा उपलब्ध कराई गई वेटेड एवरेज लेब्लाइज्ड टैरिफ के अंतर की धनराशि लगभग 18.53 करोड़ रुपए प्रति वर्ष राज्य सरकार द्वारा अनुदान के रूप में वहन की जाएगी। इस धनराशि को सौर ऊर्जा स्रातों पर आधारित विद्युत उत्पादन की प्रोत्साहन योजना में प्राविधानित धनराशि से वहन किया जाएगा। यह पी.पी.ए. 25 वर्ष के लिए किया जाएगा।

प्रान्तीय पुलिस सेवा संवर्ग में अपर पुलिस अधीक्षक,
उच्च वेतनमान में अतिरिक्त पदों का सृजन

मंत्रिपरिषद ने प्रान्तीय पुलिस सेवा संवर्ग में अपर पुलिस अधीक्षक, उच्च वेतनमान में अतिरिक्त पदों का सृजन किए जाने के प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया है। इसके अनुसार प्रान्तीय पुलिस सेवा संवर्ग में पुलिस उपाधीक्षक ज्येष्ठ वेतनमान वेतन रु0 15,600-39,100 एवं ग्रेड-पे रु0 6600 के 10 पदों को समर्पित करते हुए अपर पुलिस अधीक्षक उच्च वेतनमान रु0 37,400-67,000 ग्रेड-पे रु0 10,000 में 10 नए पदों का सृजन किया जाएगा।
अपर पुलिस अधीक्षक उच्च वेतनमान रु0 37,400-67,000 ग्रेड-पे रु0 10,000 के नवसृजित पदों पर चयन, समय-समय पर यथा संशोधित उत्तर प्रदेश सरकारी सेवक पदोन्नति द्वारा भर्ती के लिए मानदण्ड नियमावली, 1994 में दिए गए मानदण्ड के आधार पर चयन समिति की संस्तुतियों पर, मौलिक रूप से नियुक्त ऐसे अपर पुलिस अधीक्षक, विशेष श्रेणी-1 में से किया जाएगा, जिन्होंने उत्तर प्रदेश पुलिस सेवा में 22 वर्ष की सेवा पूर्ण कर ली हो।

श्रीट्राॅन इण्डिया लि. के नियमित कार्मिकों को
पुनरीक्षित वेतनमान का लाभ देने का निर्णय

मंत्रिपरिषद ने श्रीट्राॅन इण्डिया लि. के नियमित कार्मिकों को छठे वेतन आयोग की संस्तुतियों के क्रम में पुनरीक्षित वेतनमान का लाभ सार्वजनिक उद्यम विभाग के शासनादेशों के अधीन दिए जाने का निर्णय लिया है। निगम के कार्मिकों को वास्तविक लाभ तात्कालिक प्रभाव से अनुमन्य होगा तथा कोई एरियर देय नहीं होगा। छठे वेतनमान पर आने वाला सम्पूर्ण व्यय श्रीट्राॅन इण्डिया लि. द्वारा अपने संसाधनों से वहन किया जाएगा।

Comments are closed.