शोभित विश्वविद्यालय में किसानों की आय दोगुना करने पर राष्ट्रीय वेबीनार का आयोजन

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शोभित विश्वविद्यालय  के सेंटर फॉर एग्री इनफॉर्मेटिक्स एंड ई गवर्नेंस रिसर्च स्टडीज द्वारा  किसानों की आय को दोगुना करने के लिए राष्ट्रीय वेबीनार श्रृंखला का आयोजन किया जा रहा है। जिसके अंतर्गत आज मत्स्य मूल्य श्रंखला में ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी की उपयोगिता  विषय पर वेबीनार का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि विश्वविद्यालय के कुलाधिपति कुंवर शेखर विजेंद्र मुख्य वक्ता डॉ केके वास पूर्व डायरेक्टर आईसीएआर -सीआईएफआरआई  कोलकाता, अतिथि वक्ता उम्मीद सिंह शेखावत ब्लॉकचेन स्टार्टअप एसएसबी डिजिटल अहमदाबाद तथा  राष्ट्रीय वेबीनार श्रंखला के  मॉडरेटर प्रो  एमेरिटस एम मोनी पूर्व डीजी एनआईसी द्वारा किया गया।

कार्यक्रम की शुरुआत में प्रो  एम मोनी ने  सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए  वेबीनार के विषय  मत्स्य मूल्य श्रंखला में ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी  की उपयोगिता  के बारे में विस्तार पूर्वक बताया।

वेबीनार के उद्घाटन सत्र में बोलते हुए विश्वविद्यालय के कुलाधिपति कुंवर शेखर विजेंद्र ने कहा कि  जब हम विश्व स्तर पर किसी को देखते हैं तब हमें बहुत सारी चुनौतियां दिखाई देती और जब चुनौतियां होती हैं तब हम अपने प्राचीन  परंपराओं को याद करते हैं। लेकिन इन नई चुनौतियां का सामना करने के लिए हमें आज की टेक्नोलॉजी को साथ लेकर चलना होगा। उसी क्रम में जब हम मत्स्य (मछली पालन) के बारे में बात करते हैं तो वह एक प्राचीन व्यवसाय है जो लोगों की जीविका का एक जरिया भी है और जब हम ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी की बात करते हैं तो यह  नवीनतम टेक्नोलॉजी है। जिसके बारे में आज पूरा विश्व बात कर रहा है और जब हम प्राचीन परंपराओं को नवीनतम प्रौद्योगिकी के साथ जोड़ देते हैं  तब हमें प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी का सपना किसानों की आय दोगुनी करने की पहल पूरी होती दिखाई देती है।अंत में कुंवर शेखर विजेंद्र जी ने कहा कि ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी के अंदर वह क्षमता है जिससे हम डिजिटल इंडिया और मेक इन इंडिया का सपना साकार कर सकते हैं|

मुख्य वक्ता डॉ केके वास ने बताया कि अगर हमें किसानों की आय को दोगुना करना है  तो  हमें समय-समय पर प्रौद्योगिकी परिवर्तन के बारे में किसानों को बताना पड़ेगा और एक नियमित आधार पर किसान के लिए नई उत्पादन तकनीक का अनुप्रयोग, अच्छी गुणवत्ता वाले बीज, खेती की लागत को कम करना, बाजार  को ध्यान में रखते हुए व्यापारी एवं किसान के बीच की शर्तों को सरल करना  इसके अलावा संसाधन संरक्षण प्रौद्योगिकी, एकीकृत कृषि प्रणाली  को अपनाकर ही हम किसानों की आय हो 2022 तक दोगुनी कर सकते हैं। प्रो वास ने कहा कि हमें अपनी मूल्य श्रृंखला में सुधार करना होगा। आज  हम उत्पादन पर ज्यादा ध्यान केंद्रित कर रहे हैं लेकिन हमें अपनी आपूर्ति और बाजार पर भी ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है।

वेबीनार में बोलते हुए अतिथि वक्ता उम्मीद सिंह शेखावत ने  ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी एवं उनकी विशेषताओं के बारे में विस्तार पूर्वक बताते हुए कहां की  ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी  मत्स्य पालन में सहायक हो सकती है। क्योंकि यह टेक्नोलॉजी एकदम पारदर्शी है।  शेखावत जी ने बताया कि कोविड-19 के दौरान  सप्लाई चैन सिस्टम पूरी तरह  बर्बाद हो गया था। क्योंकि लोगों के बीच अविश्वास आ गया था। लेकिन ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी  के एंड टू एंड फीचर से पारदर्शिता बनी रहती है  और यह सप्लाई चैन मैनेजमेंट में एक अहम भूमिका निभा रहा है।

 वेबीनार के अंत में कार्यक्रम के  मॉडरेटर प्रो एम मोनी ने बताया कि विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित किए जा रहे  इन राष्ट्रीय वेबीनारओ के माध्यम से हम भारत के किसानों की आय को दोगुनी करने में सहायक होंगे और इन श्रंखला  मैं अलग अलग विषय पर किसानों की आय  को दोगुनी करने के लिए दिए गए सुझावों को संबंधित विभाग को भेजा जाएगा।

 वेबीनार को विश्वविद्यालय के छात्रों के अलावा शोभित विश्वविद्यालय के फेसबुक लाइव एवं यूट्यूब लाइव के माध्यम से सैकड़ों लोगों द्वारा देखा गया।    

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