एमिटी विश्वविद्यालय ने ‘‘उच्च शिक्षा में छात्र की प्रगति” विषय पर कार्यशाला की आयोजित

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उच्च शिक्षा में वैश्विक उत्कृष्टता प्राप्त करने की दिशा में छात्र प्रगति को सुनिश्चित करने के उददेश्य से एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी के उच्च शिक्षा सेल (एडयूसेर) और एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी के कोरपोरेट रिर्सोस सेंटर के सहयोग से ‘‘ वैश्विक शिक्षा उत्कृष्टता की दिशा में प्रगति बढ़ाने के लिए छात्रों का योग्यता आधारित विकास” पर सितंबर – अक्टूबर 2021 के मध्य पांच दिवसीय कार्यशाला श्रृखंला का आयोजन किया गया है। इस क्रम में ‘‘ उच्च शिक्षा के दायरे में पालन – गतिशील रूझान, चुनौतियां और अवसर’ पर कार्यशाला के प्रथम सत्र का आयोजन किया गया। इस सत्र का शुंभारंभ एमिटी विश्वविद्यालय उत्तरप्रदेश की वाइस चांसलर डा  बलविंदर शुक्ला, कार्यशाला की संयुक्त निदेशक डा अनुपमा अवस्थी द्वारा किया गया। इस सत्र में बिट्स पिलानी के प्रो प्रभात झा, एमिटी विश्वविद्यालय के डीन एकेडमिक प्रो जी के एसेरी, मनेमोनिक एजुकेशन के संस्थापक और उद्यमी शिरिष गुप्ता, आस्ट्रेलिया के मोनाश विश्वविद्यालय के पोस्ट डॉक्टोरल फेलो डा अमलान चक्रवर्ती और नई दिल्ली स्थित एम्स के पीएचडी स्कॉलर शुभम मिश्रा ने अपने विचार व्यक्त किये। इस कार्यक्रम में 300 से अधिक छात्रों ने हिस्सा लिया।

इस सत्र का शुंभारंभ करते हुए एमिटी विश्वविद्यालय उत्तरप्रदेश की वाइस चांसलर डा बलविंदर शुक्ला ने कहा कि छात्रों के समग्र विकास के लिए, सहपाठयक्रम और पाठयेतर गतिविधियों अत्यधिक महत्वपूर्ण होती है। उन्होनें कहा कि बेहतर संभावनाओं के लिए अपने पोर्टफोलियों को समृ़द्ध करें। डा शुक्ला ने बेहतर छात्र प्रगति के लिए साफ्ट स्किल वैश्विक दृष्टिकोण और मूल्यवर्धन के महत्व पर भी प्रकाश डाला।

सत्र को संबोधित करते हुए बिट्स पिलानी के प्रो प्रभात झा ने बिट्स पिलानी में संचालित पाठयक्रम एमई ओर पीएचडी इन बायोसांइस के बारे में बताते हुए प्रवेश प्रक्रिया की जानकारी भी दी। उन्होनें कहा कि संभी छात्रों को शिक्षण और अनुसंधान सहायता भी प्राप्त होती है।

एमिटी विश्वविद्यालय के डीन एकेडमिक प्रो जी के एसेरी ने छात्रों को उनकी शैक्षणिक अकांक्षाओं को पूरा करने में एमिटी विश्वविद्यालय की भूमिका पर जानकारी प्रदान की।

मनेमोनिक एजुकेशन के संस्थापक और उद्यमी शिरिष गुप्ता ने कहा कि वर्तमान में शिक्षा प्रतिमान में व्यापक बदलाव हुए है, अगर कोई बेहतरीन जीवन जीना चाहता है तो केवल योजना बनाकर ही प्राप्त कर सकते है।

एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी के पूर्व छात्र आस्ट्रेलिया के मोनाश विश्वविद्यालय के पोस्ट डॉक्टोरल फेलो डा अमलान चक्रवर्ती और नई दिल्ली स्थित एम्स के पीएचडी स्कॉलर शुभम मिश्रा ने एमिटी और उसके बाद की यात्रा पर चर्चा की। शुभम ने भारत में उपलब्ध पीएचडी फेलोशिप अवसरों को भी बताया।

कार्यशाला की संयुक्त निदेशक डा अनुपमा अवस्थी ने जानकारी देते हुए कहा कि एमिटी विश्वविद्यालय द्वारा वर्तमान शिक्षा परिदृश्य, भारत और विदेशों में उत्कृष्टता के अवसरों की जानकारी प्रदान करने हेतु इस कार्यशाला का आयोजन किया गया है। इस कार्यशाला में भारत सहित अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी और ऑस्ट्रेलिया के प्रमुख संस्थानों से विद्वान और अकादमिक हिस्सा ले रहे है। प्रत्येक सत्र में पेशेवर विशेषज्ञ, छात्रों को परीक्षा की तैयारी, प्रोफाइल निर्माण, एसओपी लेखन, सीवी बनाने की दिशा में मार्गदर्शन प्रदान करेगें। प्रतिष्ठित संस्थानों में कार्यरत एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी के पूर्व छात्र, वर्तमान छात्रों को प्रोत्साहित करेगें। इस कार्यशाला में आईईएलटीएस, जीआरई, जीएटीई, एनईटी, और आईआईटीजेएएम के लिए मॉक टेस्ट सत्र का आयोजन भी किया जायेगा।

इस अवसर पर कार्यशाला की संयुक्त निदेशक और एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी के सीआरसी की प्रमुख डा पूजा विजयाराघवन ने धन्यवाद ज्ञापित किया। एमिटी इंस्टीरटयूट फॉर कंपटिटिव एक्जामिनेशन द्वारा आईईएलटीएस मॉक टेस्ट का आयोजन किया गया।

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