@yadavalhilesh ji pls read this on #MATHURA
मथुरा के मामले में ऐसा लगता है कि इसथानीय पुलिस औपचारिकता निभाने गई थी अन्यथा पुलिस को इतनी क्षति न होती ।पुलिस पर अप्रत्यक्ष दबाव था। खुले मैदान में ऐसी अनहोनीदेखने को नहीं मिलती है।, दुशमन पर अधिक विश्वास रहा जो चतुर था उसने नियोजित तरह से नक्सलियों की भाँति अटैक किया और प्रशासन को अधिक क्षति पहुँचाई। माननीय मुख्य मंत्री जी पुलिस का मुराल कायम करने के लिए पहले यह देखें कि कोन सा राजनीतिक दवाव 2साल से था जिसने पुलिस को अपनी डयूटीनही निभाने दी।उसे पहले ठीक करें । इस घटना से आपकी सरकार की प्रतिष्ठा को आघात पहुँचा है।
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