यमुना प्राधिकरण में हुए 126 करोड़ के घोटाले की जांच करेगी सीबीआई

ABHISHEK SHARMA

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Greater Noida : यमुना एक्सप्रेसवे घोटाला मामले की जांच का जिम्मा अब सीबीआई ने ले लिया है। अधिकारियों ने बताया कि एजेंसी ने अपनी प्राथमिकी में पूर्व सीईओ पी सी गुप्ता और 20 अन्य को नामजद किया है। इनपर मथुरा में बड़े पैमाने पर ज़मीन खरीदकर यमुना प्राधिकरण को करीब 126 करोड़ रुपये का चूना लगाने का आरोप लगा हुआ है।

पूर्व में यूपी सरकार के कहने पर सीबीआई ने जांच शुरू की थी जिसमे यमुना प्राधिकरण के पूर्व सीईओ पीसी गुप्ता को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। अधिकारियों ने बताया कि एजेंसी ने उत्तर प्रदेश सरकार की अनुशंसा के अनुरूप यह कदम उठाया है। सरकार ने यमुना एक्सप्रेसवे परियोजना के लिए मथुरा में बड़ी जमीनों की खरीद में हुई 126 करोड़ रुपये की कथित अनियमितताओं की जांच करने को कहा है।

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार की सिफारिश पर एजेंसी ने इस घोटाले की जांच संभाली है।  उत्तर प्रदेश सरकार ने इस जुलाई, 2018 में इस मामले की सीबीआई जांच की सिफारिश की थी। आरोप है कि यमुना प्राधिकरण के सीईओ गुप्ता ने अधिकारियों और कर्मचारियों को गठजोड़ बनाकर मथुरा के 7 गांवों में 19 कंपनियों की मदद से 85.49 करोड़ रुपये में जमीन की खरीद की थी। इसके बाद इस जमीन को प्राधिकरण को ऊंचे दामों पर बेचा गया, जिसके चलते 126 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था।

आपको बता दें कि यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण में 126 करोड़ रुपये के घोटाले के सिलसिले में पुलिस ने इसके पहले एक तहसीलदार और पूर्व CEO पीसी गुप्ता को गिरफ्तार करके जेल भेज चुकी है। जिसमे अब CBI द्वारा केस दर्ज कर कार्रवाई करने से अब कई और अफसरों के नाम सामने आ सकते है।

फिलहाल यमुना प्राधिकरण में जमीन खरीद की अभी कई और जांच चल रही है। प्राधिकरण में मथुरा जिले के साथ गौतमबुद्धनगर  जिलों के कई गांवों में मास्टर प्लान से बाहर जमीन खरीदी गई थी। यह जमीन क्यों खरीदी गई, इसकी जांच चल रही है।

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