टेन न्यूज़ लाइव | योजना के कैंडिड टॉक शो में श्रीमती संजना और हास्य कवि डॉ प्रवीण शुक्ल ने लगाए चार चाँद

Rohit Sharma

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नई दिल्ली :– इस वक्त पूरे देश में कोरोना का प्रकोप जारी है। वही स्वतंत्रता दिवस पर सभी लोग अपने घरों में कैद हैं और जाहिर सी बात है बोर भी हो रहे होंगे, इसलिए आपके मूड को रिफ्रेश करने के लिए हमारा एंटरटेनमेंट का तड़का लगातार जारी है।

आज शो में हमारे साथ जुड़ रहे हैं एक ऐसे कवि जिनके हास्य और व्यंग का हर कोई मुरीद हैं, इनके हास्य के फव्वारों से खुद को बचा पाना नामुमकिन है, तो चलिए स्वागत करते हैं आज के हमारे दो खास मेहमान डॉ. प्रवीण शुक्ल और उनकी पत्नी संजना शुक्ला ।

आपको बता दें कि टेन न्यूज़ नेटवर्क दर्शकों के लिए योजना कैंडिड टॉक शो लेकर आया है । वही इस शो का आज तीसरा एपिसोड है , जिसका विषय “पावर कपल” है । वही आज के शो में मशहूर हास्य कवि डॉ प्रवीण शुक्ला और उनकी पत्नी संजना शुक्ला शामिल रही।

वही इस कार्यक्रम का संचालन मशहूर कवियत्री, गायिका, वैज्ञानिक, उद्यमी योजना सह जैन ने किया । आपको बता दें कि योजना सह जैन एक तेजतर्रार एंकर भी है जिन्होंने टेन न्यूज़ नेटवर्क के कार्यक्रम में शामिल रहे डॉ प्रवीण शुक्ला और उनकी पत्नी संजना शुक्ला से महत्वपूर्ण प्रश्न किए, जिसका जवाब भी दिया गया । खासबात यह है कि योजना सह जैन जर्मनी की निवासी है ।

हास्य कवि डॉ प्रवीण शुक्ला की पत्नी संजना शुक्ला के बारे मे बताए तो आपके पीसने छूट जाएंगे , जिसके बाद आप जरूर यह कहेंगे कि ये पावर कपल है । संजना शुक्ला को सबसे ज्यादा पढ़ाई में रुचि रही है , उस जमाने मे महिला को पढ़ाया नही जाता था , सिर्फ घर के काम सिखाए जाते थे , उस जमाने मे लड़कों के ज्यादा उन्होंने शिक्षा ग्रहण की ।

पिलखुवा में उन्होंने 12वी तक शिक्षा ग्रहण की , उसके बाद बीए किया, खासबात यह है कि शादी के बाद भी उन्होंने शिक्षा छोड़ी नही, उन्होंने शादी के बाद एमए और बीएड किया । आज वो एक स्कूल की प्रधानाचार्य है । वही उनके बच्चे भी उच्च शिक्षा ग्रहण कर रहे है । संजना शुक्ला अपने परिवार को संभालने के साथ साथ स्कूल की तरफ भी ध्यान देती है । आज के समय मे उनके स्कूल के बच्चे पढ़ाई करके अपना रोशन कर रहे है ।

संजना शुक्ला ने कहा कि मेरे पिता कवि सम्मेलन करते थे , तो उस समय मे डॉ प्रवीण शुक्ला भी काव्य पाठ किया करते थे , उन्होंने बताया कि मेरे पिताजी और प्रवीण के चाचा जी बहुत अच्छे मित्र है उन्होंने कहा कि ये दोस्ती रिश्तेदारी में बदलनी चाहिए, जिसके बाद हम दोनों की शादी हुई । उन्होंने कहा कि डॉ प्रवीण शुक्ला मेरे अच्छे जीवनसाथी है । उनकी कविताओं से बहुत सी अंसुझी बातें भी समझने में आ जाती थी ।

वही मशहूर हास्य कवि डॉ प्रवीण शुक्ला ने बताया कि उनका जन्म 7 जून 1970 में हुआ । उनका जनस्थल पिलखुवा है । साथ ही उन्होंने पीएचडी , स्नातकोत्तर (अर्थशास्त्र); बी.एड की शिक्षा ग्रहण कर चुके है ।

वह पिछले पच्चीस वर्षों से निरंतर दिल्ली में रह रहे हैं। उन्होंने हिन्दी और अर्थशास्त्र में एम.ए. करने के साथ-साथ डॉ. अशोक चक्रधर जी की कविताओं पर शोध भी किया है। अनेक संस्थायें उन्हें सम्मानित करके स्वयं सम्मानित हो चुकी हैं।

प्रवीण शुक्ल को हास्य-व्यंग्य के अनेक प्रतिष्ठित सम्मान, जिनमें ‘व्यंग्य श्री सम्मान’, ‘श्रेष्ठ कवि-सम्मान’, ‘काव्य हंस सम्मान’, ‘अट्‌टहास युवा रचनाकार सम्मान’, ‘ओमप्रकाश आदित्य सम्मान’, ‘डॉ. उर्मिलेश शंखधार सम्मान’ और इसके साथ-साथ एक लाख रुपये राशि का प्रतिष्ठित ‘काव्य-गौरव सम्मान’ भी प्राप्त हो चुका है।

‘स्वर अहसासों के’, ‘कहाँ ये कहाँ वे’, ‘हँसते-हँसाते रहो’, ‘तुम्हारी आँख के आँसू’, ‘गाँधी और गाँधीगिरी’, ‘गाँधी और मैनेजमेंट’ तथा ‘सफर बादलों का’ उनकी चर्चित पुस्तकें हैं। उन्होंने हास्य कवि अल्हड़ बीकानेरी जी की लोकप्रिय कविताओं को ‘हर हाल में खुश हैं’ तथा प्रसिद्ध गीतकार संतोषानन्द जी की लोकप्रिय कविताओं को ‘इक प्यार का नगमा है’ शीर्षक से संकलित किया है। प्रवीण शुक्ल के द्वारा लिखे गये गीतों की एक ऑडियो सी.डी. ‘ना वो सावन रहा’ शीर्षक से जारी हो चुकी है।

प्रवीण शुक्ल एक ऐसे युवा और लोकप्रिय हास्य-व्यंग्य कवि हैं जिन्होंने केवल भारत ही नहीं अपितु अनेक देशों में अपनी कविताओं से धूम मचाई है। वह थाईलैंड (बैंकाक), ओमान (मस्कट), दुबई (संयुक्त अरब अमीरात), यूनाइटेड किंगडम के विभिन्न शहरों (लंदन, बर्मिंघम, वुलवरहैम्पटन, यार्कशायर और मैनचेस्टर), भूटान में काव्य-पाठ कर चुके हैं।

प्रवीण शुक्ल युवा पीढ़ी के सर्वाधिक चर्चित और लोकप्रिय हास्य-व्यंग्य कवि और एक ऐसे मंच-संचालक हैं जिन्हें भारत की राष्ट्रपति श्रीमती प्रतिभा देवी पाटिल और ए. पी.जे. अबुल कलाम के द्वारा सम्मानित किया जा चुका है। लोकप्रिय राजनेता लालू प्रसाद यादव, फिल्म स्टार शत्रुघ्न सिन्हा, लोकप्रिय निर्देशक महेश भट्‌ट, गजल सम्राट जगजीत सिंह, फिल्म अभिनेता और सांसद राजबब्बर आदि उनके प्रशंसकों और श्रोताओं में शामिल हैं।

प्रवीण शुक्ल अपनी अब तक की 22 वर्षों की काव्य-यात्रा में लगभग 2000 कवि-सम्मेलनों में काव्य-पाठ कर चुके हैं। इन कवि-सम्मेलनों में देश के सर्वाधिक प्रतिष्ठित ‘लाल किला कवि-सम्मेलन’, ‘स्वतंत्रता दिवस कवि-सम्मेलन’, ‘जनता की पुकार कवि-सम्मेलन’, ‘इण्डियन आयल’ और ‘डी.सी.एम. कवि-सम्मेलन’ जैसे समारोह भी शामिल हैं। प्रवीण शुक्ल एक ऐसे कवि हैं जिन्हें देश-विदेश में खास और विशेष वर्ग के श्रोता भी सुनना चाहते हैं और एक आम भारतीय भी। वह उन चर्चित और प्रतिभाशाली कवियों में शामिल हैं जिनका किसी मंच पर होना ही उस मंच के लिए सफलता के नये प्रतिमान निर्धारित कर देता है।

दिल्ली के हास्य कवि डॉ.प्रवीण शुक्ल ने खूब हंसाया। गजल एवं छंद से भई वाहवाही लूटी। ‘प्यारे कान्हा ना धरती पर आना जमाना अब बदला हुआ, यदि आए पड़ेगा पछताना जमाना अब बदला हुआ।’ पदम अलबेला ने सुनाया- ‘सज-धज के गोरी चली लेकर हरि का नाम, आशा की थी राम की, मिल गए आसाराम समेत अन्य काव्य पाठ किए ,वही इस कार्यक्रम में चार चाँद लग गए ।

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