टॉयलेट – एक प्रेम कथा रिव्यू : विनोद पाण्डेय.
टॉयलेट ,मैंने भी देख ली | साफ-सुथरी है | थोड़ा बहुत कूड़ा- करकट तो मंदिरों के आस-पास भी पाया जाता है ,इसलिए टॉयलेट में अधिक सफाई की उम्मीद करना बेमानी होगा |
आप देशभक्त हैं ,तो टॉयलेट देखने में मजा आएगा ,आप मोदी भक्त हैं तो टॉयलेट देखने का…
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