जे. पी. पब्लिक स्कूल, जे. पी. ग्रीन्स, गे्रटर नोएडा में कार्यषाला का समापन
Saurabh Shrivastava Tennews
जे. पी. पब्लिक स्कूल, जे. पी. ग्रीन्स, गे्रटर नोएडा में 16/05/2016 से प्रारम्भ हुई कार्यषाला 15 दिन तक चलने के बाद ग्री-ुनवजयमकालीन कार्यषाला का समापन 28/05/16 को, विद्यालय की प्रद्याानाचार्य श्रीमती जयश्री जोषी व प्रबन्धक कर्नल डी. चैधरी के कर कमलों द्वारा दीप प्रज्वलित किया गया।कार्यक्रम का संचालन रिया, अद्या, भव्या ने किया। ग्री-ुनवजयमकालीन कार्यषाला में ग्रेटर नोएडा के 6 अलग-ंउचयअलग स्कूलों के छात्रों ने भाग लिया जिसमें रोबोटिक, फन विद साइन्स, पाॅटरी, हैन्डीक्राफ्ट, स्केटिंग, ताईक्वान्डो, बासकेट बाॅल, बेकिंग टेनिस, फुटबाल व कथाषाला अन्य वि-ुनवजयायों के बारें में व भारतीय संस्कृति की धरोहर से रूबरू कराया। बच्चों ने भी इस ग्री-ुनवजयमकालीन कार्यषाला में ब-सजय़च-सजय़ कर भाग लिया जिसमें उमंग, जय सुखवानी, अन्नया, अयान, रिया, आदि बच्चों ने कहा कि यह हमारे लिए एक नया अनुभव है। कई छात्रों ने हमसे कहा कि जब हम पाॅटरी सीख रहे थे तो हमें लगा यह एक जादू जैसा काम सिखाया जा रहा है। जो हमारे वि-ुनवजयाय से अलग व बहुत रूचिपूर्ण है और इससे हमें भारतीय संस्कृति के ज्ञान में वृद्धि हुई। डी. पी. एस. स्कूल के छात्रों से पूछा गया कि आपको यहाॅं कैसा अनुभव हुआ है तो उनका कहना था कि इस तरह के कार्यों से हमें प-सजय़ाई में व हमारी सोच में एक नई तकनीक को जानने के लिए और अधिक जिज्ञासा हुई। उमंग, जय सुखवानी ने कहा कि हमारी नीरज मैम ने हमको जो सिखाया है वह लाजवाब था। इससे हम अपनी सुरक्षा स्वंय भी कर सकते हैं। अभिभावकों ने बच्चों के कार्यों की भूरि-ंउचयभूरि प्रषंसा की और कहा कि इस कार्यषाला से जो एक चीज सीखने को सभी छात्र-ंउचयछात्राओं को मिली वह थी आपस में प्यार से मिलकर काम करने का गुण, एक दूसरे को पूर्ण रूप से जानना एवं आपसी सामंजस्य से कोई कार्य को संपूर्ण करना ही हम सभी को अपने जीवन में अपनाना चाहिए यही इस कार्यषाला का नारा था।कार्यक्रम के समापन का षुभारम्भ बच्चों ने संस्कृत के ष्लोकों को गाकर किया। उसके बाद विभिन्न स्कूलों से आए छात्रों ने हिपहोप, पंजाबी, भौजपुरी गीतों पर नृत्य किया। ताईक्वान्डो के छात्रों ने आत्मरक्षण प्रषिक्षण का प्रर्दषन किया उसके बाद नन्हें-ंउचयमुन्हें बच्चों ने रोचक किस्से और कहानियाँ सुनायीं। वेस्टन म्यूजिक के छात्रों ने ड्रम, प्यानों गिटार की ध्वनियों पर अभिवावकों को -हजयूमने पर मज़बूर कर दिया। कार्यक्रम का समापन स्केटिंग के प्रर्दषन व अन्त में रा-ुनवजयट्रीय गान से हुआ